स्वास्थ

बच्चों में मिर्गी के कारण चाऊमीन बर्गर का अत्यधिक सेवन :डॉ राकेश कुमार

 

ग़ाज़ियाबाद।मनुष्य के अंदर सिस्टिसरकोसिस (फीताकृमि) का संक्रमण दो तरह से होता है सीधे तौर पर अधिकांशत: बिना धोली सब्जी खाने से अथवा कुछ मामलों में कच्चा पका हुआ सूअर का मांस खाने से दोनों ही परिस्थितियों में सिस्टिसरकोसिस का लार्वा मनुष्य की आंत में पहुंचता है एवं यहां से आंतों में घाव करके रक्त वाहिकाओं मैं पहुंच जाता है और रक्त के माध्यम से शरीर के विभिन्न हिस्सों में जैसे कि मस्तिष्क मांसपेशियां नेत्र में या लीवर में एकत्र होने लगता है यदि
मस्तिष्क में सिस्टिसरकोसिस (एनसीसी) कहा जाता है। वहीं डॉ राकेश ने बताया कि मिर्गी के दौरे पड़ना, सिर में दर्द होना, शरीर के किसी हिस्से में लगातार फड़कन होते रहना, शरीर का कोई हिस्सा कमजोर होना, और अक्सर उल्टियां आते रहना, आदि एनसीसी के मुख्य लक्षण होते हैं। डॉक्टर राकेश ने कारणों पर प्रकाश डाला और बताया कि बिना धूली कच्ची सब्जियां खाना चाट पकौड़ी में गंदा धनिया प्रयोग करना कच्चा या गंदा मांस खाने से गंदी न धुली हुई सलाद खाने से और बर्गर चाऊमीन में कंधी व कच्ची गोभी के पश्नो के सेवन आदि एनसीसी के मुख्य कारण हैं। डॉ राकेश ने बताया कि अक्सर मरीज दौरे पड़ने पर ही हमारे पास आते हैं हम मस्तिष्क की एम आर आई या सिटी स्कैन करा कर पहले दौरे के कारण को सुनिश्चित करते हैं जांचों से यह स्पष्ट हो जाता है कि दौरे का कारण टीवी की गांठ मस्तिष्क की चोट ट्यूमर की गांठ नहीं है मरीज को भर्ती करने के बाद एक निश्चित समय तक कीड़े को मारने वाली दवा देकर एनसीसी को खत्म किया जाता है इस तरह के मरीज को अगले 6 से 8 महीने तक दौरे की दवा दी जाती है क्योंकि एनसीसी खत्म होने के बाद भी मरीज को दौरे पड़ने की संभावना बनी रहती है इसलिए नियमित रूप से न्यूराफिजिशियन के संपर्क में रहना चाहिए

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