गाजियाबाद

देखिए साहब हंसते खेलते परिवार को बर्बाद कर रहे हैं सट्टा माफिया

सट्टा किंग की कई बार ट्रांस हिंडन में आला अधिकारियों से शिकायत के बावजूद भी नहीं रुका सट्टे का कारोबार

ट्रांस हिंडन में भी कई क्षेत्रों में चल रहा है सट्टे किंग का कारोबार :- अर्थला डीडीए पार्क के पास ,व फर्रुखनगर नवजीवन इंटर कॉलेज के बराबर ,फर्रुखनगर के ठंडी गली दरवाजे के नीचे भी खिलाया जाता है सट्टा,गगन विहार कोयल एनक्लेव, डिफेंस कॉलोनी व कुटी मंदिर के पास धड़ल्ले से चलाया जा रहा है ,सट्टा किंग का कारोबार सूत्रों के अनुसार ट्रांस हिंडन क्षेत्र के कुछ लोग तो साहिबाबाद थाने में भी कर चुके हैं कई बार शिकायत

ग़ाज़ियाबाद। आजकल जल्दी लखपति बनना भी डिजिटल हो गया है जी हां हम बात कर रहे हैं शॉर्टकट तरीके से लखपति बनने के लिए शातिर दिमाग जहां तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं ठगी के नए-नए तरीके अपनाकर पढ़े-लिखे बेरोजगार युवाओं को ही नहीं कम समय में लखपति बनने का सपना पाने वाले भी शिकार हो रही हैं इन्हीं धंधों में लंबे अरसे से सट्टे का कारोबार भी खूब फल फूल रहा है कम पैसा लगाकर ज्यादा पैसा पाने की चाह में बड़े बड़े धन्ना सेठों को भी कंगाल बना कर कंगाली की राह पर लाकर खड़ा कर दिया तो दूसरी और सट्टा माफिया रातों रात मालामाल हो गए सट्टे के अवैध धंधे ने सबसे ज्यादा युवा पीढ़ी को बर्बाद करके रख दिया है अपने मेहनत की कमाई का एक चौथाई पैसा भी घर नहीं पहुंच पाता कभी-कभी तो मजदूर अपने दिन भर की कमाई रकम को सट्टे में गवा देता है गाजियाबाद के कई इलाकों में सट्टे किंग का कारोबार फल फूल रहा है चोरी-छिपे चलने वाला सट्टे का कारोबार अब खुले आम चलता है सूत्र बताते हैं कि पुलिस की मिलीभगत व संरक्षण मैं यह धंधा अमरबेल की तरह फल फूल रहा है पूर्व में बजा मैं ब्रह्मपाल सट्टा माफिया की धाक रही विजयनगर क्षेत्र में भी जाकिर लंगड़ा,मनमोहन, मेडिकल के पास भाभी नामक महिला, साबिर, शहदाब, अशोक और कई नाम हैं जो पुलिस की मिलीभगत से गैरकानूनी धंधे को अंजाम दे रहे हैं।

सट्टा लिखता सट्टा माफिया
इस प्रकार होते हैं सट्टा किंग के नंबर

जिस पर सट्टा लगाया जाता बाकायदा उसका नंबर दिया जाता है। दिन में दो बार नंबर खुलता है बताते हैं कि उनके आकर कहीं और ही बैठते हैं माफिया मध्यम वर्गीय कॉलोनी में युवाओं को फैलाते हैं सट्टे किंग के नाम से ऑनलाइन गली, दिल्ली, दरबार, गाजियाबाद, फरीदाबाद, श्रीनगर, कोलकाता, इवनिंग,ताज, दिल्ली सुपर, दिसावर, गाजियाबादन्यू, मुंबई, मॉर्निंग आदि ना जाने कितने नाम से सट्टा खेला जा रहा है। सट्टे के धंधे का नशा ऐसा है कि इसमें ना जाने कितने परिवार तबाह हो चुके हैं यहां तक की आत्महत्या भी कर चुके हैं व्य कर्जदार होने पर खुदकुशी तक की नौबत आ जाती है युवा अपनी गाढ़ी कमाई पूंजी गंवा रहे हैं उन्हें ना अपने परिवार की चिंता है ना बच्चों की फिक्र है।

इस गैरकानूनी धंधे पर रोकना लगी तो ना जाने कितने परिवार बर्बाद होकर मरने को मजबूर होंगे सट्टा माफियाओं ने बकायदा अपने दफ्तर खोले हुए और अपने मोबाइल नंबर पर संपर्क करने की सलाह देते हैं लाखों रुपए कमाने का लालच देकर लकी नंबर बताने की भी फीस वसूलते हैं जिसमें युवा फंस जाते हैं उन्हें होश तब आता है जब उनकी जमा पूंजी वह मेहनत की गाढ़ी कमाई सट्टे में चली जाती है

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