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लॉकडाउन में हर इंसान तक दवाई पहुँचा रहे है,गुमनाम यौद्धा, पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में यहा से सप्लाई कि जा रही दवाई

खबर वाणी वैभव शर्मा

ग़ाज़ियाबाद। पूरे देश में लॉक डाउन जारी है लेकिन इस दौरान खाने पीने से भी जरूरी है दवाई। हर इंसान तक इस लॉक डाउन में भी दवाई पहुंच रही है। गाजियाबाद में दवाई का बड़ा गोदाम है जहां से पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दवाई की सप्लाई की जाती है। यहां काम करने वाले लोग वह गुमनाम योद्धा हैं जो इस लॉक डाउन में भी सुबह से लेकर शाम तक काम करते हैं और लोगों को जान बचाने वाली दवाई उनतक पहुंचाते हैं। इस गोदाम में सुबह 10:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक काम होता है गोदाम में घुसने से पहले हर कर्मचारी का थर्मल टेंपरेचर लिया जाता है उसके बाद उसके हाथ सैनिटाइज कराए जाते हैं। रोजाना ग्लव्स और मास्क बदल कर दिया जाता है उसके बाद वह गोदाम में पहुंचकर अपने काम में जुट जाते हैं।हालांकि काम के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान रखा जाता है।

तल्लीनता से अपना काम कर रहा है यह शख्स है उचित नारायण । ऐसे में जब सारा देश और खुद प्रधानमंत्री मोदी मेडिकल स्टाफ और पुलिस वालों को कैरोना वॉरियर बता रहे हैं तो उचित भी एक गुमनाम कैरोना योद्धा है। आप यकीन नहीं करेंगे लेकिन महज कुछ हजार रुपए महीने में तनख्वाह पाने वाला यह शख्स आज आम लोगों की जिंदगी बचा रहा है। दरअसल उचित जैसे कई लोग दवाइयों के गोदाम में काम करते हैं और इनका काम इस समय सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। आज गाजियाबाद के जिस गोदाम में हम हैं इस गोदाम को इंडोको रेमेडीस कहा जाता है। यह गोदाम गाजियाबाद के मेरठ तिराहे पर स्थित है। उचित जैसे करीब आधा दर्जन लोग यहाँ ठीक सुबह 10:00 बजे आ जाते हैं आने से पहले जब वह गेट में घुसते हैं तो उनका थर्मल टेंपरेचर लिया जाता है हाथ सैनिटाइज करवाए जाते हैं रोजाना नया मास्क और दस्ताने दिए जाते हैं। उसके बाद इनका काम शुरू होता है। हर जिले से आए आर्डर पैक करना और फिर गाड़ी में लदवा कर उसे भिजवाना। इनका भी परिवार है और शाम को जब घर पहुंचते हैं तो अपने मासूम बच्चे से मिलने से पहले यह वह काम करते हैं। जिससे खुद को साफ रख सकें और बच्चों से मिलने से पहले यह सारे कपड़े बाहर उतार देते हैं उसके बाद नहा कर ही अपने बच्चों के पास जाते हैं।

उचित कर्मचारी ने बताया कि इतना ही नहीं जो ट्रांसपोर्ट की गाड़ियां इस गोदाम में आती हैं उनको पहले पूरा सैनिटाइज किया जाता है उसके बाद दवाई रखी जाती है। इस गोदाम के मालिक सन्नी चांदना के मुताबिक उनका काम इस महामारी में ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है । किडनी के डायलिसिस में इस्तेमाल होनी वाली दवाई जैसी दवाइयों के अलावा इस समय शुरू में इस्तेमाल होने वाली बुखार जुखाम और खांसी की दवाई भी पूरे पश्चिम उत्तर प्रदेश में वह भेजते हैं। हालांकि उनका जितनी कोशिश हो सकती है उसका पालन करते हैं। रोटेशन वाइज सभी कर्मचारियों को बुलाया जाता है।

सन्नी चांदना गोदाम मालिक ने बताया कि उचित जैसे लाखों गुमनाम कैरोना योद्धा है जो पूरे देश में इस समय लगे हुए हैं। जिससे इस कोरोना वायरस के समय मे लोगों को उनकी जरूरत की दवाई मिलती रहे।

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