Breaking Newsगाजियाबाद

विजय पब्लिक स्कूल ने 3 महीने की फीस की माफ, शहर भर में हो रही सराहना

शहर के बड़े और नामी स्कूलों को भी 3 महीने की फीस माफ कर इस मुश्किल घड़ी में पेरेंट्स और बच्चों के साथ खड़ा होना चाहिए:- पेरेंट्स एसोसिएशन अध्यक्ष सीमा त्यागी

खबर वाणी संवाददाता

ग़ाज़ियाबाद। देश भर लॉक डाउन को तीसरी बार बढ़ाया गया था । जिसके चलते लोग अपने कामों पर नही जा पा रहे हैं। ऐसे में काफी लोग तरह तरह से लोगो की मदद कर उनकी मुश्किलों को दूर करने में अपना योगदान दे रहे हैं। गाजियाबाद के शास्त्री नगर सिथित विजय पब्लिक स्कूल ने ऐसा ही एक कदम उठाया है जिसकी सराहना लोग कर रहे हैं । तीन महीने की फीस इस स्कूल ने अपने छात्रों की माफ कर दी है।

दरसल लॉक डाउन के बाद से सभी स्कूल बंद चल रहे हैं। हालांकि कुछ स्कूल, स्टूडेंट्स के लिए ऑन लाइन क्लास चला रहे। लेकिन काम धंधे बन्द होने के बाद काफी पेरेंट्स स्कूल की फीस देने में सक्षम नजर नही आ रहे हैं। ऐसे में गाजियाबाद के महेंद्र एनक्लेव , शास्त्री नगर में विजय पब्लिक स्कूल अपने अभिभावकों की मदद के लिए सामने आया है । और स्कूल की डायरेक्टर ममता चौधरी, प्रधानाचार्य वेणु नाग कौशिक, और प्रशासक आराधना सिंह ने मिलकर अपने स्कूल में पढ़ रहे बच्चो की तीन माह अप्रैल , मई , जून की फीस को माफ करने का फैसला लिया और सोशल मीडिया के माध्यम से अपने स्कूल के पेरेंट्स को यह राहत भरी जानकारी एक लेटर के जरिये दी।लेटर में कहा गया कि स्कूल इस मुश्किल घड़ी में बच्चो और पेरेंट्स के साथ खड़ा है । जिसके चलते तीन माह की फीस माफी का फैसला लिया गया है । सभी से घरों में रहने और सुरक्षित रहने की अपील भी स्कुल द्वारा की गयी है।

वही विजय पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्य, वेणु नाग कौशिक ने बताया कि विजय पब्लिक स्कूल ने तीन महीने की फीस माफ कर दी है,जिस फैसले की सराहना की जा रही है। और स्कूल प्रबंधन का धन्यवाद दिया है। तो वही गाजियाबाद से स्कूल पेरेंट्स एशोसिएशन की अध्य्क्ष सीमा त्यागी का भी कहना है कि जैसे विजय पब्लिक स्कूल ने तीन महीने की फीस माफ कर दी है।इसी तरह शहर के बड़े और नामी स्कुलो को तीन महीने की फीस माफ कर इस मुश्किल घड़ी में पेरेंट्स और बच्चो के साथ खड़े होना चाहिए। कई बड़े स्कुलो पर करोड़ो का सरप्लस मनी है । ऐसे में स्कुलो को टीचर की फीस उस सरप्लस मनी से देनी चाहिए और बच्चो की फीस माफ कर पेरेंट्स के साथ खड़े होना चाहिये और एक एग्जाम्पल सेट करना चाहिए। जिससे स्कुलो के शिक्षा के मंदिर होने की बात सही साबित हो सके, अगर स्कूल मुश्किल घड़ी में बच्चो के साथ खड़े होंगे तो पेरेंट्स भी आने वाले किसी मुश्किल समय मे स्कुल के साथ खड़े नजर आएंगे।

Related Articles

Back to top button