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खबर वाणी की खबर का बड़ा असर, गर्भवती महिला मौत मामले में तीन अस्पताल ज़िम्मेदार घोषित

DM ने तीनों अस्पतालों के अफसरों, डॉक्टरों और कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर, सस्पेंशन और ट्रांसफर की मांग रखी

खबर वाणी संवाददाता

नोएडा : बीते 5 जून की रात गाजियाबाद की खोड़ा कॉलोनी के आजाद बिहार, गली नंबर 10 की रहने वाली गर्भवती नीलम की इलाज के अभाव के चलते मौत हो गई थी। जिसके बाद खबर वाणी टीम ने स्वास्थ्य प्रशासन की लापरवाही पर प्रमुखता से सवाल खड़े किए थे। जिसमें खबर वाणी टीम ने कहा था कि महिला की मौत के मामले में लापरवाह अस्पताल और अधिकारियों पर  ठोस कार्यवाही हो और इन अस्पताल और अधिकारियों के लाइसेंस भी निरस्त हो।

जिसके बाद गौतमबुद्ध नगर डीएम सुहास एलवाई ने खबर पर संज्ञान लेते हुए, अपर जिलाधिकारी प्रशासन मुनींद्र उपाध्याय और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ दीपक ओहरी को मामले की जांच के आदेश दिए थे। जिसमें दोनों अधिकारियों ने रविवार 7 जून को मामले की जांच फाइनल कर अपनी रिपोर्ट डीएम को सौंपी दी थी। वहीं मंगलवार को जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने इस मामले में तीन अस्पतालों और उनके अधिकारियों को दोषी मानते हुए सरकार से सिफारिश की है कि ईएसआईसी अस्पताल, जिला अस्पताल और ग्रेटर नोएडा के राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) के अधिकारियों, अफसरों, डॉक्टरों और कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर, सस्पेंशन और ट्रांसफर किया जाए। इस मामले में जिलाधिकारी ने उन प्राइवेट अस्पतालों को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया है जिन्होंने महिला का इलाज करने से मना कर दिया था।

● ESIC अस्पताल और जिला अस्पताल के अधिकारियों और डॉक्टर पर कार्रवाई की सिफारिश, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को हटाने की मांग

जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने अपने पत्र में जिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक वंदना शर्मा को हटाने की भी सिफारिश की है। उन्होंने उनके स्थान पर किसी और को नियुक्त करने के लिए कहा है। इसके साथ ही डीएम ने जांच के दौरान पाया कि 5 जून को परिवार पीड़ित नीलम को लेकर सबसे पहले नोएडा के सेक्टर 24 में ईएसआईसी अस्पताल पहुंचे थे. ईएसआईसी अस्पताल में सारी सुविधाएं और वेंटिलेटर उपलब्ध हैं, बावजूद इसके नीलम को वहां उपचार नहीं दिया गया. उसे ग्रेटर नोएडा के राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान रेफर कर दिया गया. ईएसआईसी अस्पताल के कर्मचारियों ने मामले में लापरवाही बरती. नीलम को ग्रेटर नोएडा जिम्स ले जाने की बजाए नोएडा सेक्टर 30 में जिला अस्पताल में छोड़ दिया गया। इस पूरे मामले में सबसे पहले ईएसआईसी अस्पताल के मैनेजमेंट, कर्मचारी और डॉक्टरों ने बड़ी गलती की है। जिसके लिए ईएसआईसी अस्पताल जिम्मेदार हैं।

● डीएम सुहास एलवाई ने प्रशासन को लिखा पत्र

सुहास एलवाई ने इस मामले में तीन अस्पतालों और उनके अधिकारियों को दोषी मानते हुए सरकार से सिफारिश की है कि ईएसआईसी अस्पताल, जिला अस्पताल और ग्रेटर नोएडा के राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) के अधिकारियों, अफसरों, डॉक्टरों और कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर, सस्पेंशन और ट्रांसफर किया जाए। इसके लिए गौतमबुद्ध नगर डीएम ने उत्तर प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव श्रम और भारत सरकार के श्रम विभाग के सचिव और राजकीय कर्मचारी जीवन बीमा निगम के महानिदेशक को पत्र लिखकर इन सभी लापरवाह अस्पताल और अधिकारियों पर कार्रवाई करने की सिफारिश की गई है।

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