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बाबा रामदेव की फिर बढ़ी मुश्किलें, जिला न्यायालय में अपराधिक मुकदमा दर्ज कराने के लिए याचिका दायर

समीर मलिक

गाजियाबाद : बाबा रामदेव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। बीते 23 जून मंगलवार को बाबा रामदेव द्वारा कोरोना बीमारी को 100 फीसद ठीक करने का दावा किया गया था। जिसके बाद लगातार बाबा रामदेव पर अलग-अलग राज्यों के अलग-अलग जिलों में विश्वासघात, षड्यंत्र रचना, मिलावटी दवा बेचना, हत्या की कोशिश करना, महामारी एक्ट के विरुद्ध कार्य करना और विज्ञापन कानून 1954 के तहत उल्लंघन करने के मुकदमे दर्ज हो रहे है।

● बाबा रामदेव पर दर्ज हो चुके हैं मुकदमे

बाबा रामदेव पर जयपुर के शहर गांधी नगर थाने में परिवाद, उसके बाद ज्योति नगर थाने में FiR, फिर रामदेव और उनकी पतंजलि आयुर्वेद कंपनी पर चंडीगढ़ की जिला अदालत में आपराधिक शिकायत दर्ज हो चुकी है।

सोमवार  एक बार फिर बाबा रामदेव की मुश्किलें बढ़ गई। दरअसल गाजियाबाद के रहने वाले विष्णु कुमार गुप्ता ने गाजियाबाद जिला न्यायालय में बाबा रामदेव पर आपराधिक मुकदमा दर्ज करने की याचिका दायर की है। विष्णु कुमार गुप्ता राजनगर एक्सटेंशन के रिवर हाई सोसाइटी इलाके में अपने परिवार के साथ रहते हैं। वे पूर्व खुफिया अधिकारी भी रहे हैं और वर्तमान में गाजियाबाद न्यायालय में अधिवक्ता है।

विष्णु कुमार गुप्ता ने बताया कि 25 जून को उन्होंने गाजियाबाद एसएसपी कलानिधि नैथानी को एक अधिकारिक मेल किया था। जिसमें बाबा रामदेव के खिलाफ ड्रग एंड मेडिकल रेमेडी एक्ट, आपदा प्रबंधन अधिनियम और अन्य के तहत अपराध के लिए प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया गया था।

बावजूद इसके प्राथमिकी दर्ज करने की आधिकारिक मेल करने के 4 दिन बीत जाने के बाद भी गाजियाबाद एसएसपी की तरफ से उन्हें ना तो कोई आश्वासन मिला और ना ही किसी तरीके का कोई जवाब। जिसके बाद सोमवार विष्णु कुमार गुप्ता ने गाजियाबाद न्यायालय में बाबा रामदेव के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज करने के लिए एसीजेएम नरेश कुमार दिवाकर के समक्ष अपनी याचिका दायर की है।

● याचिकाकर्ता विष्णु ने याचिका में लिखी ये बातें

याचिका में लिखा गया है कि 23 जून मंगलवार को बाबा रामदेव, आचार्य बालकृष्ण व डॉ.बी.एस.तोमर सहित दो अन्य लोगों ने षडयंत्र करके कोरोनिल को कोरोना बीमारी को 100% सही करने की दवा के नाम से प्रचारित कर करोड़ों रूपए कमाने का प्रयास किया। जोकि महामारी एक्ट के अनुसार बिना सरकार व आईसीएमआर की अनुमति से कोई भी व्यक्ति ना तो इस तरह की दवा बना सकता है और ना ही उस दवा से महामारी के ठीक होने का 100 फ़ीसदी दावा कर सकता है। बाबा रामदेव ने देश की जनता के साथ ना सिर्फ विश्वासघात किया, बल्कि सोचा समझा षड्यंत्र रचकर अपनी पतंजलि ब्रांड को फायदा पहुंचाने के लिए ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) कानून 1954 का उल्लंघन भी किया है। इसलिए इन लोगों पर विश्वासघात, षड्यंत्र रचना, मिलावटी दवा बेचना, और हत्या की कोशिश करना, महामारी एक्ट के विरोध कार्य करना और विज्ञापन कानून 1954 के तहत उल्लंघन करने पर न्यायालय द्वारा सिहानी गेट थाने को तत्काल प्रभाव से इन लोगों पर मुकदमा दर्ज करने के लिए आदेशित किया जाए। फिलहाल गाजियाबाद न्यायालय की तरफ से इस मामले की सुनवाई के लिए 6 जुलाई की तारीख तय की गई है।

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