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दुखद : पत्रकार विक्रम जोशी ने उपचार के दौरान अस्पताल में तोड़ा दम, सरकार और लापरवाह पुलिस प्रशासन के खिलाफ धरने पर बैठा पत्रकार एसोसिएशन

खबर वाणी ब्यूरो

गाज़ियाबाद : सोमवार देर रात कुछ बदमाशों ने एक पत्रकार को गोली मार दी थी। जिसके बाद पत्रकार को उपचार के लिए गाज़ियाबाद स्थित यशोदा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन पिछले 24 घंटे से जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहे पत्रकार ने बुधवार तकड़े सुबह 4 बजे दम तोड़ दिया। पत्रकार के दम तोड़ने के बाद से पत्रकार एसोसिएशन के लोगों में भारी रोष है।

पत्रकार एसोसिएशन के सभी पत्रकार विक्रम जोशी की मौत के बाद यशोदा अस्पताल के गेट पर प्रदेश सरकार और गाजियाबाद पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे हैं। पत्रकारों का कहना है कि आरोपियों पर ठोस कार्यवाही हो। इसके साथ ही लापरवाह पुलिस कप्तान और पुलिस कर्मियों पर भी कार्यवाही हो। इन सबके बीच प्रदेश सरकार हाथ पर हाथ धरे ऐसे बैठी है। मानो उनके लिए पत्रकार की जान की कोई कीमत ना हो। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लालजी टंडन की मौत पर शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट करते हैं।

लेकिन पत्रकार पर हुए हमले में चुप्पी साधे बैठे रहते हैं। वहीं गाज़ियाबाद के कप्तान कलानिधि अपनी पीठ थपथपाने के लिए पुलिस से फर्जी एनकाउंटर करवाने में व्यस्त है। प्रदेश सरकार प्रदेश में रामराज्य की बड़ी बड़ी बात करती है, लेकिन अब इस रामराज को जंगलराज कहने में कोई बुराई नहीं है। प्रदेश में अपराधियों के हौसले इतने बुलंद है कि कभी पत्रकार, कभी पुलिस तो कभी बहन बेटियों को बदमाशों कि गोली का शिकार होकर दम तोड़ देना पड़ रहा है। तो कभी बदमाशों के दवाब में आत्महत्या करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। प्रदेश में बदमाशों का इतना दबदबा कायम है कि विकास दुबे, बदन सिंह बद्दो जैसे कुख्यात अपराधी प्रदेश में फल फूल गए। प्रदेश में पत्रकार की जान भी सुरक्षित नहीं है। अगर पत्रकार मुखर होकर लिखे तो पुलिस और सरकार फर्जी मुकदमा कायम करती है। अगर पत्रकार बदमाशों के खिलाफ लिखे तो बदमाश उसे मौत के घाट उतार देते है। पत्रकार विक्रम जोशी पर हमले के बाद अब बड़ा सवाल ये खड़ा होता है कि अगर सरकार को अपनी कार्यशैली पर इतना ही गुरूर है तो गाज़ियाबाद के लापरवाह कप्तान कलानिधि नैथानी और उनके लापरवाह पुलिस कर्मियों पर ठोस कार्येवाही क्यों नहीं करते। जिले में ऐसा कप्तान किस काम का जो फर्जी एनकाउंटर करवाता हो, और एक पत्रकार उसी एनकाउंटर से 24 घंटे पहले ही उस एनकाउंटर की सारी जानकारी लोकेशन सहित ट्वीट कर देता हो।

पत्रकार विक्रम जोशी के परिजनों की मानें तो विक्रम ने हाल ही में अपनी भांजी के साथ हों रही छेड़छाड़ की शिकायत विजयनगर थाने में की थी । जिसके बाद से इस मामले में कार्येवाही करने के लिए पुलिस से ज्यादा बदमाश सक्रीय हो गए थे। आखिरकार पुलिस की नाकामयाबियों के बीच सोमवार रात को बदमाशों ने विक्रम जोशी पर सरेराह बीच सड़क हमला कर दिया और गोली मारकर फरार हो गए थे। फिलहाल विक्रम जोशी अब इस दुनिया में नहीं है। उन्होंने बुधवार तड़के अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

● पत्रकार हमले में पुलिस ने 9 आरोपियों को किया गिरफ्तार

पत्रकार विक्रम जोशी हमले मामले में गाज़ियाबाद पुलिस ने मंगलवार को 9 लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 307, 34 और 506 के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया है। घटना में लापरवाही के आरोप में प्रताप विहार चौकी प्रभारी राघवेन्द्र को भी निलंबित कर दिया गया। इन सबके बीच बड़ा सवाल ये खड़ा होता है कि इस मामले में थाना प्रभारी विजय नगर और जिले के पुलिस अधिकारियों की कोई लापरवाही नहीं है?? क्या एक दारोगा को निलंबित करने से मामले में कार्यवाही का नाटक दिखा कर काम चला लिया जाएगा

● विक्रम जोशी पर हुए हमले में नेताओ ने ट्वीट कर जताया खेद

मंगलवार शाम को आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद ने पत्रकार विक्रम जोशी के परिवारों से मुलाकात कर परिजनों को हर संभव मदद का आश्वासन दिलाया।

वहीं राहुल गांधी ने ट्वीट कर पत्रकार विक्रम जोशी की मौत पर शौक संवेदना जाहिर की है।

वहीं दूसरी तरह कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने और बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर विक्रम जोशी पर हुए हमले में ट्वीट कर खेद जताया था।

पत्रकारों ने डीएम को सौंपा ज्ञापन

सोमवार देर रात पत्रकार विक्रम जोशी पर हुए हमले के बाद गाजियाबाद पत्रकार एसोसिएशन ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा और मामले में ठोस कार्यवाही करने के की गुजारिश की थी।

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