Breaking Newsउत्तरप्रदेश

प्राइवेट हॉस्पिटल के बाहर मरीज ने तोड़ा दम, वीडियो हुआ वायरल,CMO साहब बात तक करने को तैयार नही

CMO को कई बार किया जा चूका फोन CMO फोन का नही देते कोई जवाब

खबर वाणी भगत सिंह

मुज़फ्फरनगर। यूपी के अन्य शहरों सहित मुजफ्फरनगर जनपद में एक तरफ जहां कोरोना के लगातार केसों में बढ़ोतरी हो रही है जिसके प्रदेश सरकार सूबे भर में कोरोना की रोक थाम और बेहतर इलाज किये जाने की बात पर जोर दे रही है सरकारी/ गैर सरकारी अस्पतालों को भी लोगों के बेहतर इलाज के दिशा निर्देश दे दिए गए है लेकिन जनपद मु0 नगर के एक प्राइवेट अस्पताल का कारनामा उस वक्त देखने को मिला जब उसके बाहर मरीज तड़पता रहा लेकिन अस्पताल के डॉक्टर तो दूर उसके कंपोटर तक ने भी बाहर तड़प रहे मरीज को आकर तक नही देखा जिसके चलते चन्द मिनटो में ही मरीज दम तोड़ देता है और उसके परिजन डॉक्टर और अन्य कर्मचारियों को कोसते रह जाते है जिसका वीडियो भी अब तेजी से वायरल हो रहा है जब इस सम्वन्ध में जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी से बात करनी चाही तो उन्होंने न फोन उठाया और न ही इस सम्बन्ध में कोई कार्यवाही करने की बात कही है।

दरअसल पूरा मामला जनपद मुज़फ्फरनगर के नगर कोतवाली क्षेत्र में स्थित एक हार्ट केयर हॉस्पिटल का बताया जा रहा है जिसके बाहर का मानवता को शर्मसार कर देने वाला एक वीडियो शोशल मिडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।

बताया तो यहाँ तक भी जा रहा है की इस हार्ट केयर सेंटर को प्रशासन ने कोविड सेंटर बनाया था जिसमे गंभीर हालत में जब एक महिला को उसके परिजन इस अस्पताल में लेकर पहुंचे, तो अस्पताल में उसको भर्ती नहीं किया गया।

हॉस्पिटल के सामने ही महिला और उसके परिजन घंटों इलाज और डॉक्टरों द्वारा देख लेने की बात कह बिलबिलाते रहे लेकिन किसी ने उनकी सुध ना ली और व्यवस्था से हारी महिला ने आखिर कार तड़पते हुए दम तोड़ दिया।

जिसका वीडियो भी अब जमकर वायरल हो रहा है ऐसे में सवाल ये है कि जब सरकार द्वारा स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए तमाम सुविधाएं उपलब्ध है…..तो फिर वह बिना इलाज के क्यों मरी?….

बहरहाल हार्ट सेंटर के सामने जो भी कुछ हुआ उससे सिस्टम की तो पोल खुली ही है साथ ही मानवता भी शर्मसार हो गई।

अब अगर बात जिले के स्वास्थ्य सम्बंधित अधिकारीयों की करें तो इस सम्वन्ध में जब जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी को उनके सी यु जी नम्बर पर फोन किये गए तो साहब ने फोन न उठाकर ऐसिस्टेंस को दे दिया जिन्होंने साहब के जिले के आलाधिकारियों के साथ व्यस्थ होने की बात कहकर फोन ही काट दिया दिन भर में कई बार फोन कर इस सम्बन्ध में जानकारी मांगी गई लेकिन नही मिली किसी तरह जब मुख्यचिकत्साधिकारी से मिला भी गया तो उन्होंने ऐसी घटना की जानकारी नही होने से ही साफ इंकार कर दिया बड़ा सवाल क्या स्वास्थ्य अधिकारी इसी तरह अपना पल्ला झड़ते रहेगें।

Tags

Related Articles

Back to top button