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किसान नेताओं ने लगाया आरोप, बिल्डरों के इशारे पर काम कर रहे है जीडीए अफसर

जीडीए अधिकारी और किसानों के बीच बैठ वार्ता के बाद फिल हाल धरने को स्थापित किया गया

प्रवीण अरोड़ा 

गाजियाबाद। प्राइवेट बिल्डरों के द्वारा विकसित की जा रही बेव एवं सन सिटी से प्रभावित किसानो ने अपनी मांगों को लेकर सडक पर उतरते हुए जीडीए का घेराव किया। इस दौरान किसान नेताओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि समय समय पर जीडीए के अधिकारी किसानों के साथ समझौता करते है, फिर खुद ही कदम पीछे कर लेते है।

किसानों ने आरोप लगाया कि जीडीए के अफसर बिल्डरों के इशारे पर काम कर रहे है। यही वजह है कि बिल्डरों के द्वारा किसानों की जमीन हडपने के लिए गुंडा गर्दी की जा रही है। भारतीय किसान संगठन के जिलाध्यक्ष लोकेश नागर एवं आजाद समाज पार्टी के प्रवक्ता सत्यपाल चैधरी ने खुला एलान किया कि किसान अब बिल्डरों की मनमानी बर्दास्त नहीं करेंगे। बिल्डर को अब किसी किसान की जमीन पर कब्जा करने नहीं दिया जाएगा।

किसान नेताओं ने कहा कि जिस एरिया में प्राइवेट बिल्डरों के द्वारा टाउनशिप विकसित की जा रही है,साल 2008 से 18 हजार 600 रूपए प्रति वर्ग मीटर का रेट चल रहा है। किसानों को सर्किल रेट का चार गुणा दर से भुगतान कराया जाना चाहिए।साल 2013-14 के दौरान हुए समझौते को लागू किया जाए।

किसान नेताओं ने कहा कि समझौते के दौरान तय हुआ था कि जिन किसानों की जमीन ली जा रही है, उन्हें पूर्ण विकसित जमीन दी जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। विकास शुल्क माफ किया जाए। हाईटेक सिटी के अंतर्गत आने वाले गांवों का शहर की तर्ज पर विकास किया जाए। इस दौरान किसान नेताओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि बिल्डर के द्वारा महरौली, बम्हेटा, काजीपुरा, बयाना, नायफल की जमीनों पर जबरन कब्जा किया जा रहा है। यदि बिल्डर समूह अपनी हरकतों से बाज नहीं आता है तो किसान मुंह तोड जबाव देगा।

◆जीडीए के अधिकारियों और किसानों की वार्ता रही सफल

वहीं जीडीए सचिव बृजेश कुमार ने बताया कि भारतीय किसान संगठन के कुछ किसान आए थे जिनकी मांग थी 2014 में किसानों के 14 बिंदुओं का जो समझौता हुआ था उन समझौतों का अनुपालन भी वेव सिटी द्वारा नहीं किया जा रहा है ।
उन्होंने बताया कि आज का जो धरना प्रदर्शन था उससे पहले वेव सिटी के साथ उनकी एक बैठक हो चुकी थी। जिन पर 14 बिंदुओं की बात दोनों पक्षों में हुई थी। जो शिकायत उसमें की गई थी उसकी डिटेल रिपोर्ट हमको दी गई थी।

किसानों के साथ समझौते के क्रम में जो कार्रवाई की गई उससे किसानों को अवगत करा दिया गया है ।
वही 23 तारीख को किसान उस रिपोर्ट का अध्ययन कर अपना पक्ष रखेंगे वेव सिटी के खिलाफ जो वह अपना प्रतिपक्ष रखेंगे उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

वही जीडीए के अधिकारियों और किसानों की मीटिंग के बाद हमने किसानों से भी बात की।
किसानों ने बताया कि बिल्डर से अब तक जो लिखित में समझौते थे वह लागू कराए जाएं।
बिल्डर लाइसेंस लेकर जमीन नहीं खरीद रहा है।

उन्होंने बताया कि तत्काल बिल्डर या तो जमीनों को ले या घोषणा करें कि वह जमीन को नहीं लेगा उसका लाइसेंस कैंसिल कर नये बिल्डर को आने का न्योता दिया जाए। जीडीए वीसी को मांग पत्र देकर अवगत कराया है कि 23 तारीख में जो ज्ञापन दिया गया था। उसके संबंध में बिल्डर का जवाब आया है।

जिसकी कॉपी हमें मिल गई है उसे पढ़कर हम 23 तारीख को जीडीए सचिव महोदय से मिलकर किसान बिल्डर और जीडीए अधिकारी के बीच बैठ कर बात की जाएगी, फिलहाल धरने को स्थापित किया जाता है।

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