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प्रयागराज के नवनियुक्त एसएसपी अजय कुमार पांडेय ने दुबई में 45 लाख की नौकरी छोड़ चुनी थी आईपीएस की सेवा

खबर वाणी संवाददाता

प्रयागराज। अजय कुमार को प्रयागराज का नया वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बनाया गया है। अभी तक वे हरदोई के एसएसपी थे। उन्होंने 2004 में पूरे देश में विख्यात HBTU कानपुर से बीटेक की पढ़ाई की है। वह मूलत: बस्ती ज़िले के रहने वाले हैं। उन्होंने दुबई में 45 लाख रुपये के सालाना पैकेज की नौकरी छोड़कर आईपीएस की सेवा चुनी थी। उन्हें पुलिसिंग में बेहतरीन काम करने के लिए डीजीपी का डीजीपी प्रशंसा चिन्ह भी प्रदान किया जा चुका है।

अभी तक सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी प्रयागराज के एसएसपी पद का कार्य देख रहे थे। अजय कुमार ने HBTU कानुपर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद दुबई में एक मल्टीनेशनल कंपनी में 45 लाख रुपये वार्षिक पैकेज पर नौकरी कर ली थी।

कुछ साल नौकरी करने के बाद जब मन नहीं लगा तो नौकरी छोड़कर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी शुरू कर दी। प्रशासनिक सेवा में उनका यह पहला और आखिरी प्रयास था। सिविल सर्विसेज की तैयारी कर उन्होंने पहले और आखिरी प्रयास में 108वीं रैंक हासिल कर अपनी मेधा का लोहा मनवा दिया।

खास बात यह है कि अजय कुमार केवल तकनीकी ज्ञान ही नहीं रखते; बल्कि, उन्होंने हिंदी, उर्दू, अंग्रेजी और संस्कृत भाषा पर समान रूप से कमांड हासिल किया है। अजय कुमार बस्ती जिले के देवापार गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता श्री वंश बहादुर पांडेय ने बताया कि अजय कुमार ने गांव के ही प्राथमिक विद्यालय से पढ़ाई की है।

अजय कुमार जब फिरोजाबाद के एसएसपी थे तो उन्होंने तत्कालीन डीएम रहीं नेहा शर्मा के आग्रह पर एक माध्यमिक विद्यालय गोद लिया था। गोद लेने से पहले स्कूल की छत भी नहीं थी। आज इस विद्यालय को शहर के आदर्श विद्यालयों में गिना जाता है। इसके बाद अजय कुमार अबतक विभिन्न जिलों में रहते हुए क़रीब 11 स्कूलों की सूरत बदलने का काम किया है।

अपने पिता की पाँचवीं संतान अजय कुमार 10 साल की उम्र में जाकर औपचारिक स्कूलिंग की शुरुआत कर सके थे। दरअसल,बचपन में जब स्कूल गए तो पहले ही दिन शिक्षक की मार का डर उनके जेहन में घर कर गया। फिर 10 वर्ष तक की उम्र तक स्कूल जाने से कतराते रहे।

चौथी क्लास तक की पढ़ाई उनके ताऊजी (प्राइमरी विद्यालय के शिक्षक) ने उन्हे घर रहते ही कराई। 5वीं से स्कूल में जाने लगे। 6वीं, 7वीं व 8वीं कक्षा में लगातार स्कूल टॉप किया। इसके बाद दसवीं में बस्ती जिला टॉप कर गए। इसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उनकी गिनती तेज तर्रार और इनोवेटिव आईपीएस अधिकारी के रूप में की जाती है।

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