दीपावली की देर रात चोरी हुई मोटरसाइकिल, नंदग्राम थाना पुलिस ने अभी तक नही दर्ज की F.I.R
चोरी की घटना सीसीटीवी कैमरे में हुई कैद, पीड़ित की करीब तीन साल पहले भी चोरी हो चुकी है बुलेट, उसका भी पुलिस नही लगा पाई कोई सुराग
खबर वाणी संवाददाता
गाज़ियाबाद। हल्की सी ठंड बढ़ने के चलते बाइक चोर सक्रिय हो गए है, ऐसा ही एक मामला गाजियाबाद जनपद के नंदग्राम थाना क्षेत्र से हिंडन विहार इलाके से सामने आया है जहाँ दीपावली की देर रात को बाइक चोर गिरोह के एक सदस्य ने घर के बाहर खड़ी मोटरसाइकिल अपाचे पर हाथ साफ कर दिया। चोर की यह करतूत गली में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। पीड़ित ने अपनी अपाचे मोटरसाइकिल चोरी की सूचना डायल 112 को दी, मौके पर पहुँची पीआरवी UP-32 DG 1891 डायल 112 जिसकी इवेंट P25102206131 है।
◆देखे वीडियो : अपाचे मोटरसाइकिल चोरी करता सीसीटीवी कैमरे में कैद हुए चोर
पीआरवी UP-32 DG 1891 ने स्थानीय पुलिस को जानकारी दी, स्थानीय पुलिस चौकी से दो सिपाही घटना स्थल पहुँचे जहाँ स्थानीय पुलिस चौकी के दोनो सिपाहियों ने पीड़ित को थाना नंदग्राम में लिखित शिकायत देने की बात कही है, पीड़ित थाने में लिखित शिकायत देने पहुँचे, पुलिस ने पीड़ित कि लिखित शिकायत देने के बावजूद भी एफआईआर दर्ज करना जरूरी नहीं समझा है।
पुलिस के इस ढीले रवैया के चलते पीड़ित कई बार थाने के चक्कर लगा चुका है। पुलिस द्वारा एफ आई आर दर्ज ना करने की वजह से पीड़ित ने आहत होकर अपनी मोटरसाइकिल चोरी होने की बात मीडिया से साझा की है। बता दे कि पुलिस द्वारा एफ आई आर दर्ज ना करने की चलते चोरों व बदमाशों के हौसले और बुलंद हो जाते हैं, जिसके चलते चोर व बदमाश एक के बाद एक वारदात को अंजाम देकर आसानी से फरार हो जाते हैं।
आपको बता दें कि पीड़ित की अब से करीब 3 साल पहले भी घर के बाहर से खड़ी मोटरसाइकिल बुलेट चोरी हो चुकी हैं जिसका पुलिस अभी तक कोई सुराग नहीं लगा पाई है। अब पीड़ित की लगातार हो रही मोटरसाइकिल चोरी ने पुलिस पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं।
सवाल यह है कि चोर जिले में कहीं ना कहीं लगातार चोरी की घटना को अंजाम दे रहे हैं और पुलिस चोरों को पकड़ कर रोजाना मोटरसाइकिल बरामद कर रही है। अब सवाल यह बनता है कि अब से 3 साल पहले पीड़ित की बुलेट मोटरसाइकिल चोरी हुई आखिर कहां गई, अब यह मानें कि 3 साल पहले चोरी हुई बुलेट मोटरसाइकिल आसमान खा गया या जमीन निकल गई।
गाजियाबाद जनपद में यह पहली बार नहीं है कि पीड़ित को अपनी एफ आई आर दर्ज कराने के लिए चौकी या पुलिस थाने के चक्कर लगाने पड़े हैं। अक्सर किसी न किसी मामले में पीड़ित को अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ता है जब जाकर पुलिस द्वारा पीड़ित की एफआईआर दर्ज की जाती है।
क्षेत्राधिकारी दिर्तीय आलोक दुबे से जब इस मामले को लेकर बात की गई तो क्षेत्राधिकारी आलोक दुबे ने बताया कि मामला मेरे संज्ञान में नहीं था, अब आपके द्वारा मामला पता चला है। पीड़ित को थाने भेज दीजिए तत्काल एफआईआर दर्ज की जाएगी। अब बड़ा सवाल यह उठता है कि जब सर्कल ऑफिसर को मीडिया द्वारा फोन कर कर मामले से अवगत कराया गया।
तब क्षेत्राधिकारी आलोक दुबे ने पीड़ित को थाने भेज कर तत्काल एफआईआर दर्ज कराने का आश्वासन दिया है। आखिरकार नंदग्राम पुलिस द्वारा पीड़ित की अभी तक एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की गई है। क्या सभी पीड़ित अपने-अपने मामलों में जब सर्कल ऑफिसर यानी कि क्षेत्राधिकारी से संपर्क करेंगे, तभी पीड़ित की एफआईआर दर्ज की जाएगी।