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उत्तर प्रदेश के अनेक गाँवों मैं किया प्रवास हर पहलू पर खरी उतरी योगी सरकार -: इरफान अहमद

खबर वाणी संवाददाता

नई दिल्ली। भाजपा के वरिष्ठ नेता, स्वच्छ छवि के मालिक, ओजस्वी वक्ता, कुशल संगठनकर्ता पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा इरफान अहमद जी ने कहा है कि आज उत्तर प्रदेश में सरकार और प्रशासन के प्रति विश्वास का माहौल है। गलत करने वालों में भय का माहौल है और यह होना भी चाहिए। इसमें कोई शक नहीं कि सुरक्षा का वातावरण उपलब्ध कराकर योगी आदित्यनाथ जी ने न सिर्फ आम लोगों का जीवन बेहतर किया है बल्कि निवेश और व्यापार का माहौल भी बनाया बेहतर। निवेशकों में जगा भरोसा, नोएडा, गाजियाबाद से लेकर अयोध्या, गोरखपुर, बनारस तक अर्थव्यवस्था में खासी तेजी आई है। विदेशी निवेश में तो बढ़ौत्तरी देखने को मिल ही रही है, साथ ही स्थानीय लोग भी नए-नए कामों में अवसर देख रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के व्यापक दौरे से लौटकर इरफान अहमद जी ने आज पत्रकारों को बताया कि साढ़े पांच साल के कार्यकाल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कानून-व्यवस्था को दुरुस्त रखने को ही प्राथमिक मुद्दा बनाया। उसी कारण संपूर्ण उत्तर प्रदेश में आज कानून का राज है। बाहुबली, गुंडे, माफिया, मनचले सब ने कारोबार की तरफ रुख कर लिया है।

उन्होंने बताया कि आज स्कूल कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र छात्राएं दिन हों या शाम आराम से पढ़ने जा रही हैं। दुकानदार शाम सात बजे की जगह 10-11 बजे तक दुकान लगा रहे हैं और देर रात तक कमाई करके घर लौट रहे हैं। हाट-बाजार से वसूली का काम नदारद है। रात में भी माल ढुलाई और रवानगी का काम चालू है। कमजोर से कमजोर तबके के आम आदमी की सुनवाई थाने पर हो रही है। अगर कहीं कोई घटना होती भी है तो तुरंत कार्रवाई होती है। कितना ही बड़ा और ताकतवर माफिया गुनहगार क्यों न हो अगर उसे किसी अपराध में संलिप्त पाया गया है तो पुलिस तुरंत हरकत में आती है।

इरफान जी आगे बताया कि पिछली सरकारों में ऐसा संभव नहीं था। सत्ताधारी दल का कोई अदना-सा पदाधिकारी भी थानेदार और पुलिसकर्मी को ट्रांसफर की धमकी दे जाता था। शायद योगी आदित्यनाथ जी को इस बात का अंदाजा पहले से था कि राज्य में सबसे पहले कानून-व्यवस्था ठीक करके वातावरण निर्माण करने की जरूरत है। इसीलिए उन्होंने 2017 में सरकार बनने के बाद कानून-व्यवस्था पर काम करना शुरू किया।

उन्होंने भ्रष्ट, कामचोर और फाइलों को दबाकर बैठने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों पर भी अंकुश लगाया। शुरुआती कामों में रोमियो स्क्वायड का गठन, महिला थानों की संख्या बढ़ाना, पिंक बूथ और पर्यटन थाने शामिल रहे। कानपुर, नोएडा, लखनऊ, वाराणसी जैसे महानगरों में कमिश्नर व्यवस्था लागू की है। उत्तर प्रदेश स्पैशल सिक्योरिटी फोर्स और एंटी टैरर स्कवॉयड की चार नई बटालियन और तीन नई महिला बटालियन का गठन भी किया गया है।

2018 से अब तक राज्य में सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने के लिए छह हजार करोड़ से ज्यादा की धनराशि लगाई जा चुकी है। पुलिस व्यवस्था के आधुनिकीकरण का काम भी तेजी से हुआ है। पुलिस बैरकों, इमारतों, होस्टलों और थानों को बेहतर बनाया जा रहा है। और योगी जी सरकार में सुरक्षाकर्मी का सम्मान बढ़ा है जिससे वह अपनी डयूटी पूरी दृढ़ता के साथ निभा रहे हैं। उन्होंने बताया कि एक आकलन के अनुसार, राज्य में सुरक्षा का माहौल सुधरने से करीब चार लाख करोड़ का निवेश हुआ है।

हालांकि सुरक्षा और कानून-व्यवस्था का सुशासन और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में क्या योगदान हो सकता है इस पर एक व्यवस्थित अध्ययन किया जाना बाकी है। प्रदेश में पिछले 66 महीनों में कानून-व्यवस्था और सुरक्षा बेहतर होने की वजह से विकास के विभिन्न मापदंडों पर जो प्रगति की गई उसे आधार बनाकर ऐसा अध्ययन अवश्य किया जाना चाहिए। कहना न होगा कि अध्ययन के परिणाम गुणात्मक होंगे जो कई नए रास्ते खोल सकते हैं।

इरफान अहमद जी ने बताया कि दुनिया के विकासशील देशों और देश के अन्य राज्यों जिनकी जनसंख्या 7-8 करोड़ से अधिक है उनके लिए भी योगी सरकार का ये प्रयोग कारगर सिद्ध हो सकता है।

24 करोड़ की आबादी वाले राज्य में कोरोना की त्रासदी के बाद हुए चुनाव न सिर्फ योगी आदित्यनाथ जी बल्कि प्रधानमंत्री मोदी जी के लिए भी बड़ी चुनौती थे। लेकिन योगी जी के अनुशासन और मोदी जी के राशन ने अपना कमाल दिखाया और प्रदेश की राजनीति में फिर से एम वाई फैक्टर काम कर गया लेकिन इस बार इसके मायने थे मोदी-योगी।

उन्होंने बताया कि अभी हाल में ही हुए एक सर्वे में योगी आदित्यनाथ जी को अपने कामों के कारण ही देश का सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री आंका गया है यानी उनकी लोकप्रियता प्रदेश की सीमाओं से बाहर भी लगातार बढ़ रही है।

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