जिस पार्टी को चुनाव में पहुँचना चाहा नुकसान आज उसी पार्टी से टिकट की दावेदारी पेश कर रहे पिंटू सिंह
नगर निकाय - विधानसभा दोनो चुनावो में भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़कर फिर भी भाजपा से पार्षद टिकट की दावेदारी कर रहे पिंटू पार्षद
खबर वाणी संवाददाता
गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश में निकाय चुनावों की तारीख का ऐलान होने में बस कुछ ही दिनों का इंतिजार बाकी रह गया है। जिसको लेकर भावी प्रत्याशी अपने-अपने आवेदन पत्र के लिए पार्टी के बड़े पदाधिकारी से मिलकत अपने टिकट के लिए पूरा जोर लगा रहे है। ऐसे में कुछ प्रत्याशी ऐसे भी है जो देश की सबसे बड़ी पार्टी के खिलाफ निकाय और विधानसभा चुनाव लड़ चुके है, फिर भी पार्टी से टिकट मिलने की दावेदारी पेश कर रहे हैं। जबकि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने आदेश जारी कर यह साफ कर दिया था कि कोई भी कार्यकर्ता व स्थानीय नेता लोगों में अपने टिकट की दावेदारी पेश नही करेगा। लेकिन वार्ड 35 से पार्षद पिंटू सिंह ने अपने ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के आदेश को ताक पर रखकर लोगो मे भाजपा से टिकट की दावेदारी पेश कर दी है।
आपको बता दे कि गाज़ियाबाद जनपद के नगर निगम वार्ड 35 अकबरपुर बहरामपुर से पिछले नगर निकाय चुनाव में भाजपा ने सत्येंद्र ठाकुर को अपना प्रत्याशी बनाकर उतारा था। जिसके खिलाफ पिंटू सिंह उर्फ पिंटू बिहारी ने निर्दलीय चुनाव लड़ कर भाजपा को काफी नुकसान पहुंचाया था। और फिर 2022 के विधानसभा चुनाव में शहर सीट विधानसभा 53 से भाजपा से प्रत्याशी अतुल गर्ग के सामने निर्दलीय उम्मीदवार बनकर भाजपा की सीट खतरे में डाल दी थी।
लेकिन पिंटू सिंह के चुनाव लड़ने से भाजपा प्रत्याशी पर कोई खास असर नही पड़ा था। जिसके चलते निर्दलीय उम्मीदवार पिंटू सिंह की जमानत तक जप्त हो गयी थी। आपको बता दे कि पिंटू सिंह इस समय वार्ड 35 से निर्दलीय पार्षद है। लेकिन वह भाजपा पार्टी के साथ अपना बड़े-बड़े होडिंग लगाकर वार्ड 35 की जनता को अपने आप को भाजपा से प्रत्याशी बताने का दावा पेश कर रहे हैं।
कुछ दिन पूर्व में उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह से लखनऊ मुलाकात करने के बाद क्षेत्र की जनता में अपना माहौल बनाने के लिए कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह से हुई मुलाकात के फोटो दिखाकर स्थानीय लोगों से सौ प्रतिशत टिकट कन्फर्म का दावा कर रहे है। जबकि भाजपा से प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने साफ कर दिया है कि कोई भी कार्यकर्ता अगर जनता में माहौल बनाने के लिए अपने टिकट की दावेदारी पेश करता पाया गया तो उसका सौ प्रतिशत टिकट काट दिया जाएगा। और पिंटू सिंह है जो अपने आप को भाजपा का सिपाही बताकर अपने ही प्रदेश अध्यक्ष के आदेशों को पलीता लगा रहे है।
आपको बता दे कि वार्ड 35 से पार्षद पिंटू सिंह उर्फ पिंटू बिहारी पर कई तरफ के आरोप भी लग चुके है, जैसे सरकारी योजना का फायदा दिलाने के नाम पर कमीशन वसूलने के भी आरोप लग चुके है। आपको बता दे कि यह पिंटू सिंह वही पिंटू है जो समाजवादी सरकार में अखिलेश यादव को अपना भैया बताया करते थे। और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपना साला बताते है। आज पिंटू सिंह अपने आप को भाजपा सरकार में कई राज्यमंत्री और केंद्र मंत्रियों का करीबी बता रहा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि पिंटू सिंह ने कई सरकारी योजनाओं के नाम पर उन लोगों से अच्छा खासा कमीशन भी खाया है। सूत्र…
◆ स्थानीय लोगों से बदसलूकी का भी लग चुका पार्षद पिंटू सिंह व उन्ही पत्नी पर आरोप, आज उन्ही स्थानीय लोगों से मांग रहे समर्थन… जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया हुआ था वायरल…
आपको बता दें कि पूर्व में भी वार्ड 35 अकबरपुर बहरामपुर से पार्षद पिंटू सिंह और उनकी पत्नी पर भी स्थानीय लोगों से बदसलूकी करने का आरोप लग चुका है। बता दें कि स्थानीय लोग वार्ड 35 के पार्षद पिंटू सिंह के पास सड़क की बदहाली समस्या को लेकर गए थे, जैसे ही स्थानीय लोगों ने पार्षद पिंटू सिंह से अपनी समस्या बताना चाहा तो पार्षद पिंटू सिंह और उनकी पत्नी स्थानीय लोगों पर आग बबूला हो गई। और स्थानीय लोगों को धक्का देकर अपने कार्यालय से बाहर भगाने लगे। और आज पिंटू सिंह उन्ही स्थानीय लोगों के बीच जाकर समर्थन देने की बात कर रहे है। क्या स्थानीय लोग पार्षद पिंटू सिंह की इस बदसलूकी भूल जाएंगे। आपको बता दे इस घटना की पिंटू सिंह की स्थानीय लोगों ने वीडियो बनानी चाहिए तो पिंटू सिंह ने स्थानीय लोगों का फोन छीन लिया था। कुछ स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत पूर्व में एसएसपी गाजियाबाद से भी तिथि और विजय नगर थाने पर पिंटू सिंह के खिलाफ कार्यवाही ना करने आवाज में धरना प्रदर्शन भी किया था।
● कभी को वार्ड 35 से पार्षद पिंटू सिंह का नोएडा – गाज़ियाबाद जैसे महानगरों में गांजा माफिया के नाम का बजता था डंका !
वार्ड 35 की जनता को बता दे कि कभी को उनके द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधी का गाज़ियाबाद और नोएडा जैसे जनपदों में गांजा माफिया के नाम का डंका बजता था। पिंटू सिंह ने समाजवादी सरकार में दोनों जिले के कई इलाकों में गांजे का अवैध कारोबार कर के अच्छी खासी सम्पति बनाई है। अगर बात करे पिंटू सिंह के सम्पति की तो आखिर पिंटू सिंह की संपत्ति कैसे बड़ी थी। पिंटू सिंह न तो कोई कारोबार करते है और न ही कोई नौकरी करते है। तो फिर आखिर पिंटू सिंह की संपत्ति कैसे बढ गयी, यह स्थानीय लोगों में एक चर्चा का विषय बना हुआ है। यह हम नही कह रहे ऐसा वार्ड 35 से स्थानीय नेताओं का कहना है।
● पार्षद पिंटू सिंह ने अपनाई अपना काम बनता भाड़ में जाए जनता वाली नीति…
पिंटू सिंह पर एक कहावत आज के समय मे सटीक बैठती हैं, अपना काम बनता और भाड़ में जाए जनता। यह हम इसलिए कह रहे है कि पिंटू सिंह उर्फ पिंटू बिहारी ने पिछले नगर निगम चुनाव में अपने वार्ड की जनता से बड़े बड़े वादे किए थे। और पार्षद बनने के बाद अपना काम बनता और भाड़ में जाए जनता जैसी नीति अपनाते हुए सिर्फ अपनी ही झोली भारी है। अगर अधिकारी द्वारा पिंटू सिंह की समाप्ति की पार्षद बनने से पहले और पार्षद बनने के बाद कि जांच करे तो हमारा यह कहना बिल्कुल भी गलत नही होगा कि पिंटू सिंह मात्र अपनी ही झोली भारी है। और अपने वार्ड में जो भी विकास कार्य जनता के लिए किए थे उसी वार्ड की जनता से विकास के नाम पर खासा कमीशन वसूल किया है!