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हेलमेट मैन ऑफ इंडिया को सड़क सुरक्षा योद्धा सम्मान से सम्मानित किया

खबर वाणी संवाददाता

दिल्ली। सड़क सुरक्षा योद्धा सम्मान से हेलमेट मैन ऑफ इंडिया राघवेंद्र सिंह को सम्मानित किया गया,  भारत के परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने दिल्ली के ताज पैलेस होटल में रोड टू सेफ्टी शिखर सम्मेलन का आयोजन कॉन्टिनेंटल टायर्स एक टीवी चैनल की तरफ से आयोजन किया गया था।  2025 तक भारत के परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने 50% सड़क हादसों को कम करने का लक्ष्य रखा हुआ है।

सड़क सुरक्षा के प्रति भारत का हर नागरिक दुर्घटनाओं को रोकने के लिए एक जिम्मेदार नागरिक बने. आज पूरा विश्व भारत में हो रहे सड़क हादसों के प्रति चिंतित है लेकिन वहीं दूसरी तरफ भारत के करोड़ों नागरिक प्रतिवर्ष लाखों हादसे होने के बावजूद भी अपनी जिम्मेदारियों को नहीं समझ पा रहे हैं।

परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने राज्य सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों को दोषपूर्ण बताते हुए अपनी जिम्मेदारियों को अच्छे से निर्वहन ना करने की वजह से आज इतनी मौतें हो रही हैं. मीडिया बंधुओं से एक अपील की ऐसे अधिकारी एवं मंत्रियों एक्सपोज करे जो सड़क हादसों को रोकने में अपने कर्तव्यों का पालन अच्छे से नही कर रहे है।

कार्यक्रम में हेलमेट मैन ऑफ इंडिया राघवेंद्र कुमार के ऊपर एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म दिखाई गई. जो एक आम नागरिक होकर ग्रामीण क्षेत्र से निकलकर आज भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान दे चुके हैं. इन्होंने सड़क सुरक्षा जागरूकता बढ़ाने के लिए छोटे बच्चों में शिक्षा और बड़ों में सुरक्षा का भाव पैदा किया. लोगों की जीवन बचाने के लिए खुद की जीवन को दांव पर लगा दी।

अपनी परिस्थितियों से लड़ते हुए पीछे मुड़कर कभी देखा नहीं आज उनके नाम कई सारे रिकॉर्ड भी बन चुके हैं. 56 हजार फ्री हेलमेट बांटकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बना चुके हैं। और इनके हेलमेट देने के आभियान ने 29 लोगों की दुर्घटना में जान बचाई है. इनके कार्य की सराहना संयुक्त राष्ट्र संघ काउंसिल के मेंबर भी कर चुके हैं. इसी साल नेपाल में एशियन एक्सीलेंस अवार्ड से उन्हे सम्मानित किया जा चूका है।

और अब उन्हें वैश्विक सड़क सुरक्षा योजना के तहत यूएन महासभा के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद विश्व में सड़क सुरक्षा योद्धाओं को सम्मान के लिए आमंत्रित करने वाले हैं. संयुक्त राष्ट्र ने दुर्घटनाओं में हताहत होने वाली संख्या में 2030 तक 50% कम करने का लक्ष्य रखा है. मौजूदा स्तरों के मद्देनजर अनुमान है कि अगले दशक के दौरान सड़क हादसों में लगभग एक करोड़ 30 लाख लोगों की मौत होगी और लगभग 50 करोड लोग घायल होंगे.

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