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आखिर कब मिलेगी लाल कुआं के जाम से निजात, सड़को का हाल हुआ बद से बत्तर

टूटी सड़कें तथा यातायात पुलिस की कमी बन रही जाम समस्या, नेशनल हाईवे सड़क का हाल हुआ बेहाल

खबर वाणी संवाददाता

गाजियाबाद। गौतमबुध नगर और गाजियाबाद के बॉर्डर पर स्तिथ लाल कुआं क्षेत्र काफी समय से जाम की स्तिथि से जूझ रहा है। गौतम बुध नगर साइड लाल कुआं पर बेहद ही भीषण जाम अक्सर लगा रहता है। परंतु कुछ दिन से कुछ ज्यादा ही जाम लग रहा है। जाम का आलम यह है कि कई किलोमीटर तक वाहन रेंग रेंग कर चलने के लिए मजबूर है पहले यह समस्या सुबह और शाम को होती थी। अब पूरे दिन यह समस्या बनी हुई है। क्योंकि जांच करने पर पता चला है। लाल कुआं पर जो सड़के जो कि अभी हाल ही में मरमत करते हुए बनाई गई थी। इतनी जबरदस्त सड़के बनी कि कुछ हल्की फुल्की बरसात को भी नही झेल सकी और टूट कर बिखर जाने के कारण गड्ढानुमा हो गई है जो जाम का बहुत बड़ा कारण बन रही है। रही सही कसर यातायात पुलिस जिनको आला अधिकारीगण निर्देशित करे तो इस जाम की समस्या से कुछ हद तक निबटा जा सकता हैं।

यहां के जाम की समस्या से निबटने के लिए वेलकम इंडिया अखबार में बीते 16 अक्टूबर 2022 को समाचार प्रकाशित किया गया था। जिसका शीर्षक ” गौतम बुधनगर लाल कुआं साइड क्षेत्र सड़क की हालत बद से बदतर हालत ” था। जिसका असर हुआ और 17 अक्टूबर से ही सड़क निर्माण कार्य जारी भी हुआ जिससे लोगो को कम समय के लिए ही सही राहत जरूर पहुंची जिससे जाम कम हुआ परंतु सड़क निर्माण कार्य ज्यादा टिक ना पाने के कारण मात्र करीब चार महीनों में ही टूट कर बिखर गया। जिससे जाम लग जाता है और काफी देर तक लोगो को जाम का सामना करना पड़ता है।

गाजियाबाद कमिश्नर अजय मिश्रा ने जाम पर लगने वाली समस्या पर एक बहुत शानदार बात कही किसी भी सूरत में शहर में जाम नही लगना चाहिए क्योंकि जाम लगना भी एक प्रकार जुर्म होता है। इस जुर्म के दुष्प्रभाव से ना जाने कितने नागरिकों का अहित होता है। जाम में फसी एंबुलेंस किसी की जान जाने का कारण बन सकती है समय पर नौकरी ना पहुंचने वाले लोग, जाम के कारण वाहनों में बेवजह खर्च होता ईंधन इत्यादि।

लाल कुआं की यह सड़क जिसका जिक्र बार बार होता आ रहा है वह नेशनल हाईवे की सड़क है । जिस कंपनी को इस सड़क का निर्माण कार्य मिला वह कौन सा ऐसा जादूई मिश्रन सामग्री प्रयोग करते है जो चंद दिनों में ही सड़के ध्वस्त हो जाती है। इन सड़को के टूटने का कारण एक और वजह मानी जाती रही है।जहा होने वाली बरसातों का पानी की निकासी के लिए नाले की व्यवस्था नहीं है। जानकर बताते है कि पहले यहां पानी की निकासी हुआ करती थी । परंतु अतिक्रमण दुकानदारों के चलते इस जगह कभी नाला या नाली हुआ भी करती थी पता नही चलता है।

बरसात होने की दशा में पानी की निकासी के लिए यहा कोई व्यवस्था नहीं है। काफी दिन बीतने पर यह पानी सड़ने लगता हैजिससे मच्छर आदि तथा बीमारी फैलने का अंदेशा भी बना रहता है। सरकार को चाहिए कि नाले की व्यवस्था करने पर ही सड़के सुरक्षित हो सकेंगी जिसके लिए अतिक्रमण दुकानदारों से नाले की जगह को मुक्त कराते हुए सुचारू रूप से पुनः चालू कराया जाए। अब देखना यह कि इस भयंकर जाम से लाल कुआं क्षेत्र को कब तक मुक्ति मिल पाती है।

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