भारतीय किसान यूनियन के धरना प्रदर्शन के दौरान नेताओं की फिसलती जुबान, मीडिया को बिकाऊ तक कह डाला
भाजपा सरकार सहित भाजपाइयों को ग्रामों से खदेड़ने की कह रहे है बात, यहीं नही बिजली मीटर लगाने आने वालों को भी मारपीट कर भागने के खुले मंच से हो रहे संवाद

खबर वाणी भगत सिंह
मुज़फ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के जनपद मुजफ्फरनगर में स्थित राजकीय मैदान में चल रहे भारतीय किसान यूनियन के धरना प्रदर्शन के दौरान अब बाहर से भी किसान और किसान नेताओं का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है। यही नहीं आने वाले इन नेताओं की जुबाने भी अब फिसलने लगी है जहां एक तरफ अपने संबोधन में नेताजी तमाम तरह के खुले मंच से भाषण दे रहे हैं तो वहीं भाजपा नेताओं को गांव में घुसने पर खदेड़ने सहित विद्युत मीटर लगाने वाले कर्मचारियों को भी मारपीट कर गांव से भगाने तक की बातें कहीं जा रही है।
इन नेताओं की जुबाने इतनी फिसल गई है की अब ये मीडिया को भी बिकाऊ कहने लगे है कई बड़े चैनलो के खुले मंच से नाम लेकर एक नेता जी किस तरह के बोल बोल रहे है ये जरा आप भी सुन लें ईन नेता जी का नाम संजय चौधरी बताया जा रहा है जो गढ़वाल मंडल उत्तराखंड के बताये जा रहे है।
बता दे मुजफ्फरनगर के थाना सिविल लाइन क्षेत्र अंतर्गत राजकीय मैदान में इन दिनों भारतीय किसान यूनियन द्वारा किसानों की विभिन्न समस्याओं गन्ना मूल्य भुगतान आदि को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन चल रहा है।
इस धरना प्रदर्शन के दौरान मुजफ्फरनगर जनपद सहित आसपास के जनपदों के भी किसान अपनी उपस्थिति यहां दर्ज करा रहे हैं बकायदा यहां मैदान में टेंट तंबू गाड़ कर चौबीसों घंटे यहां धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। आज यहाँ हरियाणा सहित उत्तराखंड के भी सैंकड़ों से अधिक किसान और किसान नेताओ ने पहुंचकर अपना गला साफ किया है।
यहाँ पहुंचे नेताओं ने राज्य और केंद्र सरकार को तो खूब खरी-खोटी सुनाई है साथ ही साथ यहां कवरेज कर रहे स्थानीय और बाहरी पत्रकारों को भी आड़े हाथों लेते हुए उन्हें बिकाऊ तक कह डाला। यहां पहुंचे एक किसान नेता की तो जुबान इतनी फिसल गई कि उसने मीडिया के विभिन्न संस्थानों के खुलकर नाम लेते हुए खुले मंच से कह डाला कि यह सब बिकाऊ है।
यही नहीं इन नेताजी ने खुले मंच से किसानों को आगाह करते हुए कहा कि यदि ग्रामीण इलाकों में भाजपा नेता घुसे तो उन्हें गांव से खदेड़ लो 15 साल और 10 साल के पुराने वाहनों के पंजीकरण रद्द करने की बात पर कहा की गांव में घुसने वाले इन भाजपा नेताओं से पूछो कि क्या यह वाहन तुम्हारे बाप ने दिए हैं जो हम इन्हें कटवा लें।
किसान यूनियन के धरना प्रदर्शन को जो मीडिया दिन-रात कवरेज करके इन लोगों को दिखा रहा है, इनकी मांगों को आगे तक पहुंचाने का काम कर रहा है, अब भारतीय किसान यूनियन के मंच से उसी मीडिया को ये लोग टारगेट कर रहे है कोई इनसे पूछे की अगर मीडिया बिकाऊ है तो यह लोग क्यों नहीं इन्हें खरीद लेते क्या इनके पास भी कोई कमी है ?
बड़ी-बड़ी लग्जरी गाड़ियों में अपने आप को किसान नेता कहने और चलने वाले इन नेताओं के पास क्या कमी है ये क्यों नही मिडिया को खरीद सकते है।