पटाखा कारोबारी पर पुलिस की बड़ी कार्रवाई, फर्रुखनगर असालतपुर के दो मुख्य आरोपी फरार, 35 हजार से ज्यादा सुतली बम बरामद
पुलिस की कार्रवाई से पटाखा कारोबारी में मचा हड़कंप, फर्रुखनगर से अलग जगह पर बना रहे पटाखे
अरुण प्रताप सिंह
गाजियाबाद। दीपावली आने में अभी डेढ़ महीना बाकी है, पटाखा कारोबारियों ने अवैध रूप से पटाखा बनाने की तैयारी शुरू कर दी है जबकि दिल्ली एनसीआर में पटाखों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रतिबंध लगा हुआ हैं। आज बुधवार को गाजियाबाद कमिश्नरेट सिटी जॉन अंतर्गत आने वाले नंदग्राम थाना क्षेत्र अवैध रूप से संचालित हो रही पटाखा फैक्टरी पर पुलिस में छापेमारी करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने अठौर नगला की रामनगर कॉलोनी में अवैध रूप से चल रही पटाखा फैक्ट्री से लाखों रुपए के बने अधबने अवैध पटाखे बरामद किए हैं। जबकि फैक्ट्री संचालक दो लोग इस्तेकार और जमशेद फरार हैं।
आपको बता दे की नंदग्राम एसीपी रवि कुमार ने थाना नंदग्राम में प्रेस वार्ता कर अवैध रूप से पटाखा बनाने वाले गिरोह का खुलासा किया है। पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए जेल भेज दिया हैं, पुलिस दोनों फरार आरोपी इस्तेकार पुत्र जमील और जमशेद पुत्र इमामली निवासी फर्रुखनगर असालतपुर तलाश कर रही हैं। गाजियाबाद कमिश्नरेट पुलिस एक्शन मोड में नजर आ रही है।
• फर्रुखनगर इलाके में अवैध रूप से बेचे जा रहे पटाखे में स्थानीय पुलिस की भूमिका संदिग्ध
टीला मोड़ थाना क्षेत्र में स्थित फरुखनगर इलाके में पिछले 30-35 सालों से पटाखों का कारोबार किया जाता है लेकिन पिछले 4-5 सालो से दिल्ली एनसीआर में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पटाखा बेचने पर प्रतिबंध लगा हुआ है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाया गया प्रतिबंध के बावजूद भी फर्रुखनगर
इलाके में पिछले 5 सालों से अवैध रूप से खूब पटाखा बनाया और बेचा जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि फर्रुखनगर इलाके में अवैध रूप से बेचे जा रहे पटाखे में स्थानीय पुलिस की भूमिका संदिग्ध रही हैं।
• फर्रुखनगर इलाके में हो चुके कई बड़े हादसे, कई लोगों की जा चुकी जान
उत्तर प्रदेश में गाज़ियाबाद के फर्रुखनगर इलाके में पिछले 8 सालों में कई बड़े हादसे भी हो चुके हैं जिन हादसों में कई लोग अपनी जान भी गवा चुके हैं। लेकिन बड़े हादसे होने के बावजूद भी फर्रुखनगर इलाके से अवैध पटाखों का कारोबार बंद नहीं हुआ। इस अवैध पटाखे के कारोबार को बंद न करने का मुख्य कारण गाज़ियाबाद प्रशासन ढीला रवैया रहा, अगर प्रशासन चाहता तो इस अवैध कारोबार को बड़ी ही आसानी से बंद करा सकता था।
• ट्रांस हिंडन जोन का एक थाना अवैध पटाखों का कारोबार करने के लिए माना जाता हैं गढ़—
गाजियाबाद कमिश्नरेट ट्रांस हिंडन जॉन अंतर्गत आने वाले टीला मोड़ थाना क्षेत्र के फर्रुखनगर इलाका अवैध पटाखे का कारोबार करने के लिए गढ़ माना जाता है। फर्रुखनगर इलाके में अब से कुछ साल पहले दीपावली से दो-तीन दिन पहले एक पटाखों का मेला लगाया जाता था लेकिन दिल्ली एनसीआर में पटाखों पर लगा बैंन होने के चलते पिछले कई सालों से फरुखनगर में चोरी छिपे पटाखे बेचने का काम किया जा रहा है। प्रशासन के द्वारा लगातार अवैध पटाखा बनाने वाले कारोबारी पर कार्रवाई भी की जा रही है लेकिन प्रशासन से बेवकूफ होकर फरुखनगर इलाके में चोरी छिपे पिछले कई सालों से दीपावली के समय पटाखे बेचने का कारोबार किया जा रहा है।
डीसीपी ट्रांस हिंडन शुभम पटेल ने बताया कि फर्रुखनगर इलाके में पूर्व में पटाखों का कारोबार किया जाता था, अब फर्रुखनगर इलाके में इस तरह का कोई भी कारोबार नहीं किया जा रहा हैं। टीला मोड़ थाने में हाल ही में दो लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है और एसीपी स्तर से टीम गठित कर फर्रुखनगर इलाके में सभी लोगों को अवगत करा दिया गया है कि जो भी लोग अवैध पटाखे का कारोबार करते पाए गए उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
• पूर्व में लोनी एसडीएम रहे प्रशांत तिवारी ने की थी पटाखा कारोबारी पर कड़ी कार्रवाई, एसडीएम प्रशांत की कार्रवाई से पटाखा कारोबारियों हुई थी नींद हराम
गाज़ियाबाद लोनी में पूर्व एसडीएम रहे प्रशांत तिवारी ने फर्रुखनगर इलाके में पटाखा कारोबारी पर कड़ी कार्रवाई करते हुए उनकी नींद हराम कर दी थी। लेकिन एसडीएम प्रशांत तिवारी का ट्रांसफर होने के बाद पटाखा कारोबारी ने फिर से अवैध कारोबार करना शुरू कर दिया। लोनी में बतौर एसडीएम रहे प्रशांत तिवारी के कार्यकाल में पूर्ण रूप से फर्रुखनगर इलाके से पटाखों का कारोबार बंद तो नहीं हुआ लेकिन कुछ हद तक कारोबारी ने अपना ये अवैध काम फर्रुखनगर इलाके से बंद कर अन्य जगह करना शुरू कर दिया था। पूर्व एसडीएम प्रशांत तिवारी का पटाखा कारोबारी में इस कदर खौफ था कि फर्रुखनगर इलाका छोड़कर अन्य इलाकों में पटाखा बनाने का काम शुरू कर दिया गया। इसका ताज़ा उदहारण आज नंदग्राम पुलिस के द्वारा कि गई कार्रवाई से देखने को मिला हैं।
• पढ़े : फर्रुखनगर में कब कब हुए हादसे, कितने गवा चुके अपनी जान
—29 अप्रैल 2017 को पटाखा फैक्ट्री में कार्य करते हुए धमाके में पांच लोगों की मौत हुई थी।
—29 अक्टूबर 2016 को फर्रूखनगर में एक पटाखा फैक्टरी में धमाके के बाद आग लगने से एक मजदूर की मौत हो गई थी। हादसे में महिला समेत कई लोग घायल हुए थे।
—27 जुलाई 2015 धमाके होने से गोदाम की दीवार गिरी। हादसे के दौरान मजदूरों की जान बच गई थी।
—08 नवंबर 2015 पटाखा फैक्ट्री में लगी आग लगने से इलाके में हड़कंप मच गया था। फायर ब्रिगेड में आग पर काबू पाया था।
—07 मार्च 2015 पटाखों से भरी कार में लगी आग लग गई थी। हादसे के दौरान कार में बैठे एक बच्चे की मौत हो गई थी।