40 गज जमीन के टुकड़े के लिए सगी मौसी को उतार दिया मौत के घाट
बड़े ही प्रोफेशनल तरीके से रची थी हत्या की साजिश, फोन कॉल करने की बजाय करते थे व्हाट्सएप कॉल जिससे नहीं हो सके ट्रेस

खबर वाणी वैभव शर्मा
गाजियाबाद। दिल्ली एनसीआर में आसमान छूती जमीन की कीमतों ने एक बार फिर रिश्ते कलंकित करा दिए। एक युवक ने जमीन के टुकड़े के चलते है अपनी सगी मौसी का कत्ल कर दिया। मामला गाजियाबाद के लोनी इलाके का है जहां 5 तारीख में महिला को गोली मारी गई थी जिसके बाद 8 तारीख में अस्पताल में दम तोड़ दिया था।पुलिस गिरफ्त में खड़े ये युवक है अरविंद वर्मा। ग्रेजुएट अरविंद वर्मा ने 5 तारीख में अपने दोस्त के हाथओ अपनी मौसी को गोली मरवा दी थी। तीन दिन बाद 8 तारीख में उपचार के दौरान इस महिला इंद्रा वर्मा की अस्पताल में मौत हो गई थी। पुलिस के मुताबिक इंदिरा वर्मा लोनी इलाके में 40 गज का प्लॉट जिस पर अरविंद ने मकान बना लिया था मकान को बेचना चाहती थी। दरअसल यह प्लॉट इंदिरा का था लेकिन मकान इस पर अरविंद ने बनाया था। लेकिन अरविंद यह चाहता नहीं था। अरविंद का कहना है कि अगर वह यह इस हत्याकांड को अंजाम नहीं देता तो बेघर हो जाता। अरविंद को अपनी मौसी के कत्ल पर कोई पश्चाताप नहीं हालांकि उसके दो बच्चे को लेकर वह परेशान जरूर है।
हत्यारोपी अरविंद वर्मा नेे बताया कि अरविंद अपने दोस्त को हत्या का जिम्मा सौंपा था ।हत्या को अंजाम देने वाले हरीश पर नौकरी लगवाने के नाम पर इंदिरा ने उससे पैसे लिए थे। लेकिन वह पैसे नहीं लौटा रही थी। जिसके चलते हरीश भी अरविंद के साथ इस काम में हो गया। अरविंद प्रोफेशनल मेकअप आर्टिस्ट इसके अलावा एक और आरोपी कुणाल एक फ़ूड एप में डिलीवरी बॉय है। वही रोहित मोबाइल कंपनी में सेल्समेन है। हरीश कोई भी अपराध करने को तैयार रहता है। अरविंद ने अपनी मौसी की हत्या का काम हरीश को सौंपा था। हरीश ने अपने दोस्त रोहित के साथ इस हत्याकांड को अंजाम दिया था ।पुलिस ने हत्या में शामिल चारों लोगों को गिरफ्तार कर लिया है ।
एसपी देहात नवीन जादौन ने बताया कि पुलिस ने इस ब्लाइंड मर्डर का खुलासा कर दिया है। दरअसल मृतका के परिजनों ने मृतिका के पति और एक अन्य शख्स पर आरोप लगाया था। लेकिन पुलिस ने खुलासा करते हुए चार युवकों को गिरफ्तार कर लिया है । पुलिस के मुताबिक इनका यह पहला क्राइम है और उन्होंने बेहद प्रोफेशनल तरीके से इस को अंजाम दिया था । यह लोग आपस में वॉइस कॉल भी नहीं करते थे बल्कि व्हाट्सएप कॉल पर बात करते थे क्योंकि इनको पता था कि व्हाट्सएप कॉल ट्रेस नहीं हो पाती है।