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योगी राज में गौवंशों की हो रही दुर्दशा, अब काली नदी में मिले दो गायों के शव

स्थानीय निवासियों की सूचना पर नगर पालिका टीम सहित कुछ समाजसेवियों ने मौके पर पहुचकर जेसी०बी० की मदद से नदी से निकलवाए शव मालिक की हुई शिनाख्त कार्यवाही की तैयारी

खबर वाणी भगत सिंह

मुजफ्फरनगर। जनपद में आवारा गौवंशो का दुर्दशा और बदहाली का काम रुकने का नाम नहीं ले पा रहा है, कहीं आवारा गोवंश कूड़ा करकट खा रहे हैं तो कहीं आवारा गोवंश को कुत्ते नोच रहे हैं ,यही नहीं आवारा गोवंश कहीं नदी नालों में भी गिरकर चोटिल हो रहे हैं तो वहीं खुद गौवंशों के मालिक भी उन्हें मरणोपरांत नदी नालों में धकेल रहे है जिस कारण जल प्रदूषण के साथ ही आस पास की भी आवो हवा पर जहरीला असर पड़ रहा है, वहीं बात अगर पुलिस की करें तो यदा कदा पुलिस गौकशी का नाम धर मुठभेड़ में कुछ कार गुजारी भी करती रहती है लेकिन बावजूद इसके जनपद में आवारा गौवंशो की दशा नही सुधर पा रही है फिर चाहे योगी सरकार का यह फरमान भी क्यों न आया हो की “सूबे भर में कहीं भी आवारा गौवंश की दुर्दशा या भुखे मरने की खबर न आने पाये” जिले के आलाधिकारियों की बात अगर की जाये तो यहां जितने भी अधिकारी आएं है या फिर तैनात है वे सब के सब अधिनीस्थो के द्वारा कागजी कार्यवाही पर ही टिके है।

दरअसल पूरा मामला जनपद मु0 नगर के नदी घाट स्थित श्मशान घाट के पीछे का है जहां कई दिनों से आ रही भीषण दुर्गन्ध के चलते मौहल्ला वासियों का जीना दुश्वार हो रहा था जिसके चलते किसी ने जब नदी की तरफ देखा तो उसमे बोरो में बन्द गोवंशो को कुत्ते नोच खा रहे थे तथा यह दुर्गन्ध भी उसी से उठ रही थी।

तभी मौहल्ला वासियों की सूचना पर कुछ गौ पालक एंव गौ रक्षा सहित समाज सेवी लोग मोके पर पहुंच गए जिन्होंने नगर पालिका की टीम को बुलवाकर इस दुर्गन्ध से छुटकारा दिलाये जाने की गुहार लगाई।

सूचना मिलते ही नगर पालिका की टीम जे सी बी मशीन के साथ मोके पर पहुंची जहां टीम द्वारा दो मृत गाय के शव् नदी से बाहर निकाले जिनमे एक ज्यादा सड़ी गली हालत में था तो वहीं दूसरी गाय के कानो पर टैग लगा था।

आस पास के लोगों की शिकायत पर टीम द्वारा जब टैग को सर्च किया तो उक्त गाय न्याजुपुरा के रहने वाली दूसरे समुदाय के व्यक्ति के नाम दिखी साथ ही साथ उसका जन्म व् रजिस्ट्रेशन नम्बर भी दिख गया।

स्थानीय लोगों की शिकायत है की पीछे न्याजुपुरा की तरफ से प्रतिदिन आवारा गौवंशो के अवशेषों को बोरों में बन्द करके नदी में फैकने की घटनाये आये दिन गठित हो रहीं है जिस कारण नदी का जल तो प्रदूषित हो रही रहा है साथ ही साथ आस पास के मौहल्ले वासियों को भी साँस लेने में दिक्कतें उठानी पड़ रही है।

यहां नाम न छापने की शर्त पर कई लोगों ने कहा की आजकल कुछ लोग गाय पर लोन आदि भी ले रहे है और उन्हें अपना काम निकाल या तो जहर देकर मार रहे है या फिर बीमारी आदि से मृत्यु होने के पश्चात दबवाने के बजाए चन्द रूपये देकर नदी में फिंकवा दे रहे हैं।

लोगों का कहना है की ये तो पालतू गाय का हाल है जबकि अगर जिले भर की बात करें तो यहां आवारा गौवंशो का सही ढंग से पालन पोषण नही हो पा रहा है जबकि सरकार की तरफ से आवारा गोवंशों के रख रखाव सहित उनके खान पान की समुचित व्यवस्था करने के समस्त जिलों के अधिकारीयों को दिशा निर्देश दिए गए है।

लेकिन यहां तो आवारा गौवंश या तो कूड़ा कर्कट खा रहे है या फिर भुखे और ठंड के कारण उनकी असमय मौत हो रही है जिन्हें बाद में कुत्ते भी अपना निवाला बनाते देखे जा सकते है।

यहां जिले में जितने भी अधिकारी आये है अथवा आते है वे सभी अधिनीस्थो द्वारा की गई कागजी कार्यवाही से ही सन्तुष्ट हो जाते है।

जबकि धरातल पर कोई अधिकारी कभी उतरकर नही देखता हकीकत अगर देखनी हो तो शहर के इन स्थानों भोपा रोड, लिंक मार्ग गांधी कॉलोनी, जानसठ रोड, प्रेम विहार के सामने जानसठ रोड, शहर स्थित आर्यसमाज रोड, नेशनल हाईवे 58 पर बेगराजपुर से लेकर मन्सूरपुर थाने के सामने मुख्य राजमार्ग तक आप आवारा गोवंशों को भूखे अथवा कूड़ा कर्कट खाते कभी भी देख सकते है।

अब अगर बात जिले की पुलिस की की जाये तो अकेली पुलिस ही रह गई है जो यदा कदा मुठभेड़ आदि करते हुए गोकशों के खुलाफ मुहीम छेड़े हुए है।

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