दोस्ती के पवित्र रिश्ते को किया कलंकित करोड़ों की प्रॉपर्टी हड़पने के लिए दोस्त ने कर दी दोस्त की हत्या, शव को नहर में फेंका
पुलिस से पकड़े जाने के डर से आरोपी खुद करने लगा प्रॉपर्टी बिजनेस मैन की पैरवी, पुलिस को लंबे समय तक किया गुमराह

खबर वाणी संवाददाता
गाजियाबाद। कमिश्नरेट पुलिस ट्रांस हिंडन जॉन डीसीपी निमिष पाटिल की स्वाट टीम ने एक ऐसे सनसनीखेज मामले का खुलासा किया है जोकि दिल्ली पुलिस और गाजियाबाद पुलिस के लिए एक चुनौती बना हुआ था। आपको बता दे कि इंदिरापुरम नीति खंड प्लॉट नंबर 163 के निवासी प्रॉपर्टी डीलर राकेश वार्ष्णेय की उनके पार्टनर राजू उपाध्याय ने करोड़ रूपयों की प्रॉपर्टी हड़पने के लिए हत्या कर दी। वह तीन महीने से संदिग्ध परिस्थिति में गायब थे। पुलिस जांच में पाया गाय कि राजू उपाध्याय ने ही अपने तीन साथियों के साथ मिलकर अपने दोस्त राकेश वार्ष्णेय की हत्या की है।
आपको बता दे कि राजू उपाध्याय ने दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में तैनात नर्सिंग स्टाफ की मदद से प्रॉपर्टी डीलर को कई एनेस्थीसिया के इंजेक्शन लगाकर घटना को अंजाम दिया था। वारदात के बाद पार्टनर ने उनके शव को मुरादनगर के नहर में फेंक दिया बुलंदशहर पुलिस ने बरामद किया था। नीतिखंड निवासी ममता वार्ष्णेय ने शिकायत दी कि उसके पति राकेश वार्ष्णेय ने 28 फरवरी को अधिवक्ता के साथ डीसीपी ट्रांस हिंडन कार्यालय में प्रार्थना पत्र दिया था जिसमें उन्होंने अपनी और परिवार की जान का खतरा बताया था। वहां से अधिवक्ता दीपक को कड़कड़डूमा कोर्ट छोड़ने गए थे।
शाम छह बजे अंतिम बार पति से बात हुई और रात 11 बजे उनका फोन बंद हो गया। दिल्ली पुलिस से शिकायत में पता चला कि कड़कड़डूमा कोर्ट में ही राकेश से दोस्त राजू उपाध्याय मिला था। वह भी प्रापर्टी डीलिंग का काम करता है। उसने पति राकेश को किसी बहाने से दूसरी जगह ले जाकर उनको अगवा कर लिया। पुलिस का कहना है कि राजू ने घटना को अंजाम देने के लिए राकेश को एनेस्थीसिया के इंजेक्शन लगाकर बेहोश कर दिया था। फिर उनकी हत्या करके शव को तीन दोस्तों की मदद से मुरादनगर की नहर में राकेश का शव फेंक दिया। उधर, देर रात जब राकेश घर नहीं पहुंचे तो पत्नी ममता को चिंता होने लगी। कॉल करने पर फोन भी स्विच ऑफ था। वह राजू के घर पहुंची लेकिन वह नहीं मिला। राजू का भी नंबर तभी से बंद आ रहा है। उन्होंने दिल्ली पुलिस को पति की गुमशुदगी दर्ज कराई।
जांच में पता चला कि कड़कड़डूमा कोर्ट में राकेश और राजू की मुलाकात हुई थी जबकि अगले दिन पति की कार डीएलएफ कॉलोनी के पास चाबी लगी हुई मिली थी। उन्होंने मामले की गहनता से जांच के लिए पुलिस आयुक्त से गुहार लगाई थी। बीते शनिवार को शालीमार गार्डन पुलिस ने पुलिस आयुक्त के निर्देश पर राजू के खिलाफ नामजद अपहरण समेत अन्य धारा में मुकदमा दर्ज किया था। डीसीपी ट्रांस हिंडन निमिष पाटिल ने आज शाम चार बजे प्रेस वार्ता करते हुए पूरी घटना का खुलासा किया। जांच में पता चला है कि राकेश वार्ष्णेय के पार्टनर राजू उपाध्याय ने अपने तीन साथियों के साथ मिलकर राकेश वार्ष्णेय हत्या की गई है। पुलिस से पूछताछ में आरोपी राजू उपाध्याय ने बताया कि राकेश वार्ष्णेय के साथ में प्रॉपर्टी का काम करता था, आरोपी राजू उपाध्याय ने मृतक राकेश वार्ष्णेय की एक जमीन जोकि मुरादाबाद में स्थित है जो कि करीब 20 से 22 करोड़ रुपए की है। राजू उपाध्याय ने राकेश वार्ष्णेय करोड़ों रुपए की जमीन अपने मिलने वाले मनीष सिंगल के नाम 19/06/23 वसीयत व पॉवर ऑफ अटार्नी करवा दी थी। इस जमीन को हड़पने के लिए राजू उपाध्याय ने अपने ऑफिस ई 57/153 सुंदर नगरी दिल्ली में बैठकर अपने अन्य तीन साथीयों मिलकर राकेश वार्ष्णेय कड़कड़डूमा कोर्ट से अपने सुंदरनगरी में स्थित ऑफिस में लाया और अपने अन्य तीन साथियों के साथ मिलकर राकेश वार्ष्णेय को शराब पिलाने लगा और राकेश वार्ष्णेय की शराब में बड़ा ही घातक जहरीला पदार्थ नीला थोथा मिलाकर पिला दी जिस कारण वह बेहोश हो गया। राजू उपाध्याय ने नर्सिंग स्टाफ की मदद से राकेश वार्ष्णेय को बेहोशी की हालत में एनिथिशिया की ओवर डोस के 6 इंजेक्शन देकर अपने ऑफिस दिल्ली से मृतक राकेश वार्ष्णेय को क्रेटा कार जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर DL 5CU 3391से लेकर मुरादनगर गंग नहर में शव को छिपाने के उद्देश्य से फेंक दिया। पुलिस को मृतक राकेश वार्ष्णेय का पर्स और घटना के समय पहनी शर्मेंट वी जुते आरोपी राजू उपाध्याय के ऑफिस से निशानदेही पर बरामद किए गए है।
प्रॉपर्टी हड़पने के लिए दोस्ती के पवित्र रिश्ते को किया गया कलंकित…
दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है जो इंसान खुद बनाता है और जो अपने भाई से भी बढ़ कर होता है, हम आपको एक ऐसी दोस्ती के बारे में बताएंगे जो आपको सोचने में मजबूर कर देगा। हम बात कर रहे हैं राकेश वार्ष्णेय और राजू उपाध्याय की जोकि एक बहुत ही जिगरी दोस्त थे। मानो जैसे दोनो सगे भाई हो, क्योंकि ये हम नहीं बल्कि राकेश वार्ष्णेय के परिचित बता रहे है। राजू उपाध्याय और राकेश वार्ष्णेय की दोस्ती ऐसी थी कि एक दूसरे के बिना कही आते जाते तक नही थे। और राजू उपाध्याय राकेश वार्ष्णेय के घर पर ही रहता और खाता पीता था। अब आपको ये सोचने को मजबूर कर देगा की ऐसी दोस्ती जो प्रॉपर्टी के चक्कर में दोस्ती जैसे पवित्र नाम को कलंकित कर देगा। आपको बता दे कि राकेश वार्ष्णेय और राजू उपाध्याय बहुत अच्छे दोस्त थे, लेकिन राजू उपाध्याय ने दोस्ती के नाम पर राकेश वार्ष्णेय की पीठ पर ऐसा छुरा घोंपकर दोस्ती जैसे नाम को कलंकित कर दिया। दरअसल बात यह है कि राकेश वार्ष्णेय एक बड़े प्रॉपर्टी बिजनेस मैन थे। जिनकी करोड़ों रुपए की प्रॉपर्टी खरीदने बेचने का काम था उनकी दोस्ती एक ऐसे व्यक्ति से हो जाती है जो उनकी प्रॉपर्टी को हड़पने के लिए उनको मार देता है। और फिर एक दोस्ती जैसे पवित्र रिश्ते को कलंकित कर देता है।
जानते है आखिर कौन है राकेश वार्ष्णेय…

गाजियाबाद कमिश्नरेट पुलिस ट्रांस हिंडन डीसीपी निमिष पाटिल की टीम ने जो राकेश वार्ष्णेय की हत्या का खुलासा किया है आखिर कौन है राकेश वार्ष्णेय, आपको बता दे कि राकेश वार्ष्णेय मूल रूप से उत्तर प्रदेश के चंदौसी जिले के रहने वाले हैं और वर्तमान में इंदिरापुरम थाना क्षेत्र के नीति खंड इलाके में अपने परिवार के साथ रहते हैं। एक बड़े प्रॉपर्टी बिजेनेश मैन थे, राकेश वार्ष्णेय बड़ी बड़ी प्रॉपर्टी की खरीदारी किए करते थे। मृतक राकेश वार्ष्णेय की शादी ममता वार्ष्णेय से हुई थी, जिनके दो बच्चे है एक बेटा और एक बेटी राकेश वार्ष्णेय का एक 14 वर्षीय बेटा जोकि इंदिरापुरम के प्राइवेटस्कूल में पढ़ाई कर रहा है। और एक बेटी जोकि 20 वर्षीय नोएडा के एक कॉलेज से लॉ (LAW) की पढ़ाई कर रही है।
मृतक राकेश वार्ष्णेय की पत्नी ममता वार्ष्णेय ने आरोपी राजू उपाध्याय पर थाने में ही कर दी चप्पल की बरसात…
डीसीपी ट्रांस हिंडन निमिष पाटिल थाना साहिबाबाद में एक घटना से संबंधित प्रेस वार्ता कर रहे थे। जैसे ही आरोपी प्रेस वार्ता खत्म होते ही ऑफिस से बाहर आया तो मृतक राकेश वार्ष्णेय की गुस्साई पत्नी ने साहिबाबाद थाने में ही अपने पति के हत्यारे की चप्पलों से पिटाई करनी शुरू कर दी, किसी तरह से पुलिस ने आरोपी को बचा कर वहा से कोर्ट में पेश करने के लिए अपने साथ ले गए।