गाजियाबाद

मुरादनगर विजय मंडी में किया गया भागवत का आयोजन।

 

गाजियाबाद-रत्नेश सिंह

गाजियाबाद मुरादनगर के विजय मंडी स्थित विजय धर्मशाला में भादो के पवित्र मास में एक सप्ताह का भागवत कथा का आयोजन किया गया। जो कि 30 अगस्त से शुरू होकर 7 सितंबर तक चलेगा। भागवत कथा प्रारम्भ होने से पहले 30 अगस्त को विजय मंडी से कलश यात्रा निकाली गई जिसको लेकर श्रद्धालु महिलाये पैदल यात्रा कर कथा स्थल विजय धर्मशाला तक पहुँचायी। उसके बाद पूजा अर्चना कर श्री गीता जी को स्थापित किया गया तथा भागवत कथा प्रारम्भ की गई। व्यास गद्दी पर आसीन कथा वाचक पंडित श्री मुकेश कुमार शास्त्री जी ने कथा वचन शुरू किया। जहाँ रोज सैकड़ों नर-नारी श्रद्धालु भक्त उपस्थित होकर भागवत रससुधा का पान किया करते हैं। भागवत कथा का समापन कल 7 सितंबर को किया जाएगा। कथा समापन के बाद भव्य भंडारे का आयोजन किया जाएगा। कथा वाचक पंडित जी ने कहा कि कलयुग में सिर्फ नाम संकीर्तन करके इस भाव सागर से पार उतरा जा सकता है। गोस्वामी तुलसीदास जी ने भी लिखा है

कलियुग केवल नाम अधारा, सुमिर-सुमिर नर उतरहि पारा”

इसीलिए कहते हैं सभी कर्मो के साथ-साथ भगवत भजन भी जरूरी है और यही एक आधार है इस भौ बंधन से छूटने का। इसके इलावा इस जन्म-मरण से मोक्ष का और कई उपाय नहीं है। अतः जिंदगी में जब ,जिस पल मौका मिले उस परब्रम्ह परमेश्वर को याद करें ,जिसने हमे इस धरती पर भेजा है। सिर्फ एक मनुष्य योनि ही ऐसी योनि है जो 84 लाख योनियों में सबसे महत्वपूर्ण है। यह एक ऐसी योनि है जिसको पाने के लिए देवता भी तरसते हैं। इसका विवरण सद्ग्रन्थों में भी मिलता है।

“बड़े भाग मानुष तन पावा, सुर दुर्लभ सद्ग्रन्थ बतावा”

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