कैंसिल जीएसटी नं० पर नगर पालिका ने दे दिया करोड़ों का ठेका ।
नगर पालिका के आउटसोर्सिंग लेवर के ठेके में भ्रष्टाचार कर किया गया बड़ा खेल।
खबर वाणी संवादाता :-सदर सैफी
पीलीभीत, धीरे-धीरे टेंडर में किये गए फर्जीवाड़े से पर्दा उठने लगा है पीलीभीत नगर पालिका में अधिकारियों कर्मचारियों से लेकर ठेकेदार की मिलीभगत से पूरे खेल को अंजाम दिया गया । पूरे प्रकरण की शिकायत जब भाजपा जिलाउपाध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से लेकर नगर विकास मंत्री तक भेजी तब ठेके में हुए इतने बड़े भ्रष्टाचार का मामला उजागर हुआ समाचार पत्रों के माध्य्म से मामला जिलाधिकारी के संज्ञान में पहुंचा तो उन्होंने गंभीरता से लेते हुए पूरे मामले की तत्काल जाँच के आदेश एडीएम न्यायिक देवेन्द्र मिश्रा को दे दिए जाँच मिलते ही एडीएम नगर पालिका पहुंचकर ठेके से सम्बंधित सभी जरूरी दस्तावेजो कि फ़ाइले तलब कर ली। कई दिनों से नगर पालिका के आउटसोर्सिंग लेवर के ठके में हुआ भ्रष्टाचार पीलीभीत की सुर्खियों में बना हुआ है अब एक के बाद एक आउटसोर्सिंग लेबर के ठेके में की गई अनियमितताओं की पोल खुलती जा रही है शिकायतकर्ता द्वारा बताया गया कि टेंडर मिलने वाली फर्म रमन सिक्योरिटी सर्विसेस द्वारा जिस जीएसटी नंबर के दस्तावेज नगर पालिका में लगाकर करोड़ों का टेंडर हासिल किया गया है वह जीएसटी न साल 2018 नवंबर में कैंसिल हो चुका है फिर आखिर कैसे नगर पालिका द्वारा कैंसिल जीएसटी नंबर पर इतना बड़ा करोड़ों का ठेका आंखें मूंदकर दे दिया गया कहीं ना कहीं इस पूरे मामले में नगरपालिका के बड़े अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों व ठेकेदार की मिलीभगत सामने आ रही है अब कार्रवाई के डर से अधिकारी व कर्मचारी छुट्टी लेकर पूरे मामले की जांच से बचने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं मगर शिकायतकर्ता का कहना है यदि प्रशासन पूरे भ्रष्टाचार की निष्पक्ष जांच कर ठेका रद्द कर दोषियों के खिलाफ सख्त क़ानूनी कार्रवाई नहीं करता है तो सबूतों के साथ शिकायत प्रधानमंत्री तक पहुंचाई जाएगी क्योंकि शिकायतकर्ता स्वयं भाजपा का जिला उपाध्यक्ष है उसका कहना है कि कुछ भ्रष्ट अधिकारियों व कुछ भ्रस्टाचारियों द्वारा देश व प्रदेश की भाजपा सरकार की भ्रष्टाचार विरोधी नीतियों का उल्लंघन किया जा रहा है जिससे भाजपा सरकार की छवि धूमिल हो रही है भ्रस्टाचारियों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा फिर चाहे भ्रष्टाचारी कितना भी रसूखदार क्यों ना हो।
इन्सर्ट ।
पीलीभीत नगर पालिका में नहीं है रजिस्ट्रेशन ।
आउटसोर्सिंग लेबर का करोड़ों का ठेका जिस फर्म को दिया गया है उस फर्म का रजिस्ट्रेशन ही नगरपालिका में नहीं है जबकि नगर पालिका द्वारा टेंडर संबंधित नियम व शर्तों की विज्ञप्ति कई बड़े अखबारों में प्रकाशित कराई गई थी जिसमें साफ साफ शब्दों में दिया गया था वर्ष 2019 और 20 में नगर पालिका में पंजीकृत ठेकेदार व फर्म ही टेंडर प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं। फिर कैसे पड़ा ठेका मिलने वाली फर्म का टेंडर अपने ही नियमों को तोड़ कर भ्रष्टाचार कर लखनऊ की फर्म को दे दिया गया करोड़ों का टेंडर यह घोर भ्रस्टाचार की ओर इशारा करता है ।