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सरकारी जमीन को कब्जा मुक्त कराने गए अधिकारियों का किसानो ने किया विरोध,

भारतीय किसान यूनियन से जुड़े लोगों ने मौके पर प्रशासनिक अधिकारियों से किए तीखे सवाल, प्रशासनिक अधिकारियों में एसडीम सदर का कहना है कि हर हाल में कब्जा मुक्त कराई जाएगी नदी और सरकारी जमीन

खबर वाणी भगत सिंह

मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण करने के बाद ही यूपी में तमाम पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी हरकत में आते दिखाई दे रहे हैं, जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण के बाद सूबे भर में अवैध अतिक्रमण व भू माफियाओं, कब्जा धारियों, यहां तक की गुंडे माफियाओं के विरुद्ध विशेष अभियान चलाते हुए तमाम सरकारी भूमि, तालाब, नदी पोखरों आदि को कब्जा मुक्त कराने का अभियान चल गया है, तो वही जनपद मुजफ्फरनगर की अगर हम बात करें तो यहां जिले भर में अवैध अतिक्रमण सहित काली नदी और सरकारी भूमि पर से अवैध कब्जा हटाने का काम शुरू हो गया है, आज काली नदी व् उसके आस पास सरकारी भूमि पर से कब्जा हटवाने गए प्रशासनिक अधिकारीयों का यहाँ किसानो और किसान यूनियन से जुड़े नेताओं ने जमकर विरोध करते हुए नारे बाजी तक कर डाली, यहीं नही छुट भैया नेता तक यहाँ दबंगता दिखाते हुए प्रशासनिक अधिकारीयों से ही उलझ गए जिसके चलते अधिकारीयों को वापस लौटना पड़ा, तहसील स्तर से गए प्रशासनिक अधिकारियों के साथ किसानों में किसान यूनियन से जुड़े नेताओं ने अभद्रता करते हुए तीखे सवाल भी किए।

यहां एसडीएम सदर परमानंद झा का का साफ तौर पर कहना है कि काली नदी व् उसके आसपास सरकारी भूमि पर से अवैध कब्जा हर हाल में हटाया जाएगा, जिस भी किसी किसान के पास उसके सही कागजात होंगे उसको कुछ नहीं कहा जाएगा, लेकिन सरकारी जमीन और काली नदी पर कब्जा किए हुए लोगों पर कार्रवाई जरूर की जाएगी शासन की मंशा के अनुरूप ही यहाँ कार्य किये जायेंगे।

दरअसल पूरा मामला जनपद मुजफ्फरनगर के थाना शहर कोतवाली अंतर्गत काली नदी व् उसके आसपास से जुड़ा हुआ है जहां आज सुबह सवेरे एसडीएम सदर परमानंद झा तहसील स्तर से कई प्रशासनिक अधिकारियों, वन विभाग की टीम, एवं भारी पुलिस फोर्स के साथ काली नदी व् उसके आसपास किसानों द्वारा कब्जाई गई जमीन को कबजा मुक्त कराने के लिए मौके पर पहुंचे थे।

एसडीएम सदर के अनुसार शासन की मंशा के अनुरूप मुजफ्फरनगर में अवैध कब्जा, भू माफियाओं से सरकारी जमीनों, तालाबों, पोखरों से अवैध कब्जा हटाने का विशेष अभियान चलाया जा रहा है जिसके चलते आज काली नदी व् उसके आसपास की लगभग 64 बीघा सरकारी जमीन पर शासन के निर्देश पर लगभग तीन हजार छायादार, फलदार पेड़ों को लगाने का लक्ष्य रखा गया था।

जहां लगभग 882 गड्ढे भी अधिकारीयों/हल्का लेखपालों की देख रेख में कर दिए गए थे देर शाम कुछ किसानो ने कुछ जमीन पर स्टे की बात कही थी जिन्हें अपने अपने असल कागजात लाने के लिए बोला गया था।

तभी वहां भारतीय किसान यूनियन से जुड़े कुछ पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता जिनमें राहुल मलिक आदि मौके पर पहुंचे और किसानों के साथ थोड़ा बहुत विरोध किया जिन्हें हमने समझाने का काफी प्रयास किया।

लेकिन वह सही बात को समझने तक को तैयार नहीं थे और हंगामा करने लगे अंततः हमारे द्वारा किसानों और जिन लोगों ने सरकारी जमीन, नदी आदि पर कब्जा किया हुआ है उन्हें समझाते – बुझाते हुए बताया कि शासन स्तर के दिशा निर्देशों के अनुपालन में यह कार्य किया जा रहा है।

जिस भी किसी किसान के पास उसकी जमीन के असल कागजात हो तो वह लेकर के हमारे कार्यालय में प्रस्तुत हो जाए अन्यथा सरकारी जमीन पर से अवैध कब्जा हटाने का जो कार्य है वह लगातार जारी रहेगा।

विशेष! तस्वीरों में साफ देख सकते है किस तरह किसान यूनियन से जुड़ा पदाधिकारी प्रशासनिक अधिकारियों से ही उलझ रहा है।

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