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EXCLUSIVE खबर वाणी : मजदूरों से भरे कंटेनर को खूद बॉर्डर पार कराने लगी यूपी पुलिस

खबर वाणी भगत सिंह

मुज्जफरनगर। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार प्रवासी मजदूरों को लेकर बेहद गंभीर है, योगी सरकार लगातार कोशिश कर रही है कि प्रवासी मजदूर को किसी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुयें योगी सरकार उच्च-अधिकारियों के साथ लगातार मिटिंग कर रही है लेकिन यूपी के कुछ आलाअधिकारी ऐसे है जो सीएम योगी के आदेशों को ताक पर रखकर ठेंगा दिखा रहे है। हम ये बात इसलिये कर रहें है क्योंकि शनिवार को सीएम योगी ने यूपी के सभी जिला अधिकारियों को सख्त आदेश दिये थे कि कोई भी वाहन या प्रवासी मजदूर यूपी की सड़को पर पैदल चलता हुआ दिखा तो उसके जिम्मेदार खुद जिले के अधिकारी होंगे।

हम जो आपको एक्सक्लूसिव तस्वीरें दिखाने जा रहे है उसे देखकर ना सिर्फ योगी सरकार सख्ते में पड़ेगी बल्कि जो कोई इन तस्वीरों को देखेगा दांतो तले उंगली दबाने लगेगा। दरअसल शनिवार देर शाम एक कंटेनर में लगभग 73 मजदूर हरियाणा से चलकर यूपी के मुज्जफरनगर-सहारनपुर देवबंद हाइवे के रास्ते होते हुये बंगाल जा रहे थे। तभी कुछ मिडियाकर्मियों की नजर हाईवे किनारे खड़े इस कंटेनर पर पड़ी जिसमें लगभग 73 मजदूर बैठे थे। मामला थाना शहर कोतवाली की चौकी रोहाना क्षेत्र का है। जहां देवबन्द – सहारनपुर स्टेट हाईवे पर पुलिस इस कंटेनर को चैक कर रही थी तभी वहां अचानक मिडिया कर्मियों के पहुँचने पर मौके पर मौजूद चौकी इंचार्ज हड़बड़ा गए और आनन फानन में कंटेनर को बॉर्डर पार कराने के लिये रोहाना टोल की तरफ दौड़ पड़े तभी मिडियाकर्मी भी इस कंटेनर का पीछा करने लगें। काफी देर तक पुलिसकर्मी इस कंटेनर को लेकर हाइवे पर दौड़ते रहा लेकिन जब पुलिस वाले कंटेनर को बॉर्डर पार नही करा सकें तो फिर से कंटेनर को वापस लाकर उसी हाइवे पर खड़ा कर दिया गया। उसके बाद मिडियाकर्मियों के दबाव में उस कंटेनर को खुलवाया गया जिसमें देखा कि मजदूरों से पूरा कंटेनर खचाखच भरा हुआ है। इस मामलें में कंटेनर में बैठे मजदूर मदन सिंह से पूछा गया कि आखिर पुलिस ने पहले रोक कर फिर क्यों जाने दिया तब मदन ने बताया कि हां पहले पुलिस ने रोका था फिर छोड़ दिया गया था, साथ ही मदन ने कहा कि 73 लोग कंटेनर में बैठे है। ये सभी लोग हरियाणा से आ रहे है और मुज्जफरनगर-सहारनपुर देवबंद हाइवे के रास्ते होते हुये बंगाल जा रहे थे।

अब बड़ा सवाल ये खड़ा होता है कि आखिरकार बॉर्डर पर तैनात इन पुलिस वालों ने कंटेनर को बॉर्डर पार कराने की कोशिश क्यों कि ?

क्या उन्हें योगी सरकार के आदेश की कोई फिक्र नही है?

क्या वे अपने कप्तान का आदेश नही मानते? आपको बता दें कि शनिवार देर रात को एसएसपी मुज्जफरनगर अभिषेक यादव ने सभी पुलिसकर्मियों को सख्त आदेश दिया था कि जिले के हरेक ट्रक और कंटेनर को चैक कर के ही आगे जाने दिया जायें।

अफसोस ये यूपी पुलिस है यहां सिपाही और दरोगा अपने आप को कप्तान औऱ सीएम से उपर समझ लेता है जिसका नतीजा आपके सामने है। कैसे कंटेनर को खूद पुलिसकर्मी ही बॉर्डर पार कराने के फिराक में थे।
आपको बता दें कि ये वहीं हाईवे है जिस पर हाल में एक सड़क हादसे में कई लोगों की जान जा चुकी है और शनिवार को प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्य नाथ ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों एंव वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को आदेशित किया था की अब सूबे में कहीं भी कोई भी मजदूूूर पैदल, दो पहियां वाहनों पर सवार या भारी वाहनों जैसे ट्रक आदि में सवार होकर नही चलने चाहिए।  बावजूद इसके सीएम के आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई गई।

खबरवाणी फिर बड़े सवाल खड़े करता है।

● आखिरकार हरियाणा से सहारनपुर की सीमा को पार करते हुए ये कंटेनर जनपद में क्यो और कैसे घुसा ?

● क्या जिलों की सीमा और बॉर्डरों पर तैनात पुलिस को नही दिखाई दिया ये कंटेनर?

● क्या हरियाणा से मुज्जफरनगर तक किसी भी बॉर्डर पर किसी भी वाहनों को नहीं किया गया चैक?

● या अब ये मान लिया जाये कि यूपी पुलिस कभी नही सुधरेगी और उसका खामियाजा एक कर्मठ सीएम को उठाना पड़ेगा। या यूँ कहें सूबे की पुलिस एक और बड़े हादसे के इंतजार में है।

● हालांकि आपको बता दें कि मिडिया के दवाब के चलते बाद में सभी 73 मजदूरों को जिले में ही क्वारंटाइन कर दिया गया।

 

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