योगी का बेलगाम स्वास्थ प्रशासन, इलाज के अभाव में गर्भवती महिला ने तोड़ा दम
खबर वाणी संवाददाता
नोएडा : देशभर में एक गर्भवती हथिनी के साथ क्रूरता होती है तो सारा देश एकजुट हो जाता है, मानवता की बात करता है। वहीं नोएडा में 8 माह से ज्यादा की गर्भवती महिला के साथ यूपी का स्वास्थ्य प्रशासन लापरवाही की सारी हदें पार करता है तो उसे लापरवाही का नाम दिया जाता है।
● यूपी के लापरवाह अस्पताल और अधिकारी
यूपी में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के सिलसिले की बात आम हैं, हाल ही में खबरवाणी टीम ने मुजफ्फरनगर के जिला अस्पताल की दुर्दशा दिखाई थी और अब एक बार फिर यूपी की धड़कन कहीं जाने वाली सिटी गौतम बुद्धनगर में भी अस्पतालों की लापरवाही या यूं कहें अस्पतालों के अधिकारियों की क्रूर ह्रदय सामने आया है।
दरअसल पूरा मामला यह है कि गाजियाबाद के खोड़ा कॉलोनी में रहने वाली एक महिला 8 माह से ज्यादा की गर्भवती थी। बृहस्पतिवार देर शाम महिला के प्रसव पीड़ा के चलते उसे आनन-फानन में एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया। जहां अस्पताल प्रशासनों ने उसे भर्ती करने से मना कर दिया। उसके बाद महिला का पति महिला को बृहस्पतिवार शाम से लेकर शुक्रवार दोपहर लगभग 13 घंटे तक महिला को एंबुलेंस में लेकर गौतम बुद्धनगर के अस्पतालों के चक्कर काटता रहा लेकिन किसी भी अस्पताल ने 8 माह की गर्भवती महिला को भर्ती नहीं किया। आखिरकार महिला ने दम तोड़ दिया और उसकी शुक्रवार देर शाम मौत हो गई।
देखें वीडियो : लापरवाह अस्पताल और अधिकारी
● 13 घंटे, 8 अस्पताल और फिर जच्चा-बच्चा की मौत
पीड़ित परिवार के मुताबिक वह गुरुवार शाम से लेकर शुक्रवार दोपहर लगभग 13 घंटे तक एंबुलेंस में महिला को लेकर अस्पतालों के चक्कर काटता रहा, इस बीच कई बार अस्पताल प्रशासन से गर्भवती महिला को भर्ती करने के लिए गिड़गिड़ाता भी रहा, लेकिन यूपी के इन अस्पतालों के अधिकारियों को लापरवाही की ऐसी लत लगी है कि उन्हें किसी की जान की कीमत से कोई फर्क नहीं पड़ता। पीड़ित परिवार के अनुसार वह गर्भवती महिला को सबसे पहले नोएडा के ईएसआई अस्पताल फिर जिला अस्पताल फिर शारदा हॉस्पिटल, GIMS, वैशाली मैक्स हॉस्पिटल, नोएडा फोर्टिस और शिवालिक हॉस्पिटल में लेकर गया लेकिन इन सभी अस्पतालों ने महिला को कोविड बिमारी के डर के चलते अस्पताल में भर्ती करने से मना कर दिया क्योंकि महिला को सांस फूलने की बीमारी भी बताई जा रही थी।
● लापरवाह मंत्री और अधिकारियों पर हो ठोस कार्यवाही, निरस्त हो अस्पताल और अधिकारियों के लाइसेंस
एक गर्भवती पीड़ित महिला और उसका परिवार नोएडा जैसी चमकते दमकते शहर के 8 बड़े अस्पतालों के चक्कर काटते है, लेकिन इलाज के अभाव के चलते आखिरकार गर्भवती महिला को दम तोड़ देना पड़ता है। अब इसे योगी सरकार की लापरवाही कहें? योगी सरकार के स्वास्थ्य मंत्री की लापरवाही कहें? जिले के सीएमओ की लापरवाही कहें? या फिर इन बड़े अस्पतालों के अंदर बैठे बड़े डॉक्टरों और अधिकारियों की लापरवाही कहें ? लापरवाही किसी की भी हो लेकिन मौत का हर्जाना महिला और उसके पेट में जन्म रहें बच्चे को चुकाना पड़ा। लेकिन क्या अब इस शर्मशार कर देने वाली घटना के बाद योगी सरकार लापरवाह लोगो पर कोई बड़ा एक्शन लेगी? अब देखना यह होगा कि क्या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने ही स्वास्थ्य मंत्री, गौतम बुधनगर जिले के सीएमओ और इन बड़े अस्पतालों के अंदर बैठे बड़े अधिकारियों पर कार्यवाही करते हैं? या बस ऐसे ही यूपी में लापरवाह अस्पताल और डॉक्टरों की लापरवाही का आलम चलता रहेगा और यूपी में ऐसे ही लोगों की जान जाती रहेगी?