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भकियू ने किसानों के उत्पीड़न और कृषि बिलों पर कलेक्ट्रेट में किया विरोध धरना प्रदर्शन

आगामी 25 सितम्बर को होगा प्रदेश व्यापी आंदोलन ! राकेश टिकैत भारतीय किसान यूनियन प्रवक्ता

खबर वाणी भगत सिंह

मुज़फ्फरनगर। जिले में आज जिला कलेक्ट्रेट का भारतीय किसान यूनियन ने घेराव करते हुए प्रदेशव्यापी किसान क्रांति सप्ताह का आंदोलन शुरू कर दिया है। जिला कलेक्ट्रेट में आज डीएम कार्यालय पर जिलेभर से किसान और यूनियन कार्यकर्ता भारी संख्या में पहुंचे और धरना प्रदर्शन किया। यहां भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि केन्द्र और प्रदेश की भाजपा सरकारों ने किसानों को भुखमरी और बर्बादी की कगार पर लाकर तो छोड़ा ही था, अब इन सरकारों ने पूरे देश केा भुखा मारने की तैयारी भी कर ली है।

देखे वीडियो : आखिर भकियू ने कलेक्ट्रेट पर क्यों किया किसानों के उत्पीड़न व कृषि बिलो को लेकर विरोध प्रदर्शन

केन्द्र सरकार के कृषि बिलों को बर्बादी की पुडिया बताते हुए उन्होंने कहा कि यदि सरकार ये बिल वापस नहीं लेती है तो भाकियू 25 सितम्बर को सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन करेगी। चक्का जाम भी किया जायेगा 25 सितम्बर को जनता कफ्र्यू लागू करते हुए सभी कुछ बन्द कराया जायेगा। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा 5 जून को लागू किये गये अध्यादेशों का देश के किसान विरोध कर रहे हैं। वहीं केन्द्र सरकार द्वारा इन अध्यादेशों को एक देश एक बाजार के रूप में कृषि सुधार की दशा में एक बड़ा कदम बता रही है। यह अध्यादेश अब कानून की शक्ल ले चुके हैं वहीं भारतीय किसान यूनियन इन अध्यादेशों को कृषि क्षेत्र में कम्पनी राज के रूप में देख रही है।

कुछ राज्य सरकारों द्वारा भी इसकों संघीय ढांचे का उल्लंघन मानते हुए इन्हें वापिस लिये जाने की मांग कर रही है देश के अनेक हिस्सों में इसके विरोध में किसान आवाज उठा रहे हैं। उन्होंने कहा की एमएसपी व्यवस्था पहले की तरह चलेगी और मंडियों में पहले की तरह ही होगा कामः नरेंद्र मोदी किसानों को इन कानून से कम्पनी की बन्धुआ बनाये जाने का खतरा सता रहा है।

कृषि में कानून नियंत्रण मुक्त, विपणन, भंडारण, आयात-निर्यात, किसान हित में नहीं है। इसका खामियाजा देश के किसान विश्व व्यापार संगठन के रूप में भी भुगत रहे हैं। देश में 1943-44 में बंगाल के सूखे के समय ईस्ट इण्डिया कम्पनी के अनाज भंडारण के कारण 40 लाख लोग भूख से मर गये थे। समर्थन मूल्य कानून बनाने जैसे कृषि सुधारों से किसान का बिचैलियों और कम्पनियों द्वारा किया जा रहा अति शोषण बन्द हो सकता है और इस कदम से किसानों के आय में वृद्धि होगी।

उन्होंने कहा की भारतीय किसान यूनियन आज विरोध प्रदर्शन के माध्यम से केन्द्र सरकार की नीतियों में शामिल खामियां को उजागर कर रही है। भाकियू नेता ने यहां पर ऐलान करते हुए कहा कि 25 सितम्बर को किसान कृषि बिलों के विरोध में चक्का जाम करेंगे और किसानों की समस्याओं को लेकर जनता कफ्र्यू लागू किया जायेगा।

धरना प्रदर्शन में मुख्य रूप से भाकियू के प्रदेश सचिव ओमपाल मलिक, मण्डल महासचिव राजू अहलावत, नवीन राठी, धर्मेन्द्र मलिक, जिलाध्यक्ष धीरज लाटियान, नगराध्यक्ष शाहिद आलम सहित सैंकड़ों किसान मौजूद रहे। भाकियू की ओर से प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन भी सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा गया
जिसमें निम्न मांग की गयी है।

1. (अ) कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन एवं कृषि सेवा पर करार अध्यादेश 2020 (ब) कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) अध्यादेश 2020 (स) आवश्यक वस्तु अधिनियम संशोधन अध्यादेश 2020 कृषि और किसान विरोधी तीनों अध्यादेशों को तुरंत वापिस लिया जाये।

2. न्यूनतम समर्थन मूल्य को सभी फसलों पर (फल और सब्जी) लागू करते हुए कानून बनाया जाये। समर्थन मूल्य से कम पर फसल खरीदी हो अपराध की श्रेणी में शामिल किया जाये।

3. मण्डी के विकल्प को जिन्दा रखने हेतु आवश्यक कदम उठायें जाएं एवं फसल खरीद की गारंटी हेतु कानून बनाया जाए।

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