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धरने पर बैठे निलंबित 8 सांसदों के लिए चाय लेकर पहुंचे उपसभापति, पूरी रात संसद भवन परिसर में धरने पर बैठे रहे 8 निलंबित विपक्षी सांसद

खबर वाणी ब्यूरो

दिल्ली। पूरी रात संसद भवन परिसर में बैठे 8 निलंबित सांसदों के लिए मंगलवार की सुबह राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह अपने घर से चाय बनवा कर नाराज सांसदों के बीच पहुंचे धरने पर बैठे 8 निलंबित सांसदों ने जब अपने भी राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह को अपने बीच पाकर देखा तो हक्के बक्के रह गए हरिवंश नारायण सभी निलंबित सांसदों के बिस्तर पर ही बैठ गए और बोले कि गया सदन के एक साथी के तौर पर मिलने आए हैं और अपने घर से चाय बनवा कर भी अपने साथ लाए हैं। कृषि संबंधित दो विधेयकों के विरोध में राज्यसभा में हंगामा तथा अभद्र व्यवहार करने वाले निलंबित विपक्षी 8 सांसद पूरी रात संसद भवन परिसर में धरने पर बैठे रहे। इस बीच मंगलवार सुबह राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह अपने घर से चाय बनवाकर नाराज सांसदों के बीच पहुंच गए। उन्होंने कहा कि वो यहां उपसभापति नहीं बल्कि सदन के एक साथी के तौर पर आए हैं।

निलंबन से नाराज विपक्षी सांसदों ने पूरी रात धरना-प्रदर्शन जारी रखा और संसद भवन परिसर में गांधी प्रतिमा के पास बैठे रहे। उनका कहना है कि यह धरना प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा जब तक उनका निलंबन वापस नहीं लिया जाता। आज सुबह अपने बीच राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह को पाकर धरने पर बैठे सांसद हक्के-बक्के रह गए। हरिवंश जी सांसदों के बिस्तर पर ही बैठ गए और बोले कि वह यहां सदन के एक साथी के तौर पर मिलने आए हैं। वह अपने घर से चाय बनवाकर भी लाये थे।

दरअसल, कृषि विधेयक को लेकर चर्चा और मत-विभाजन नहीं कराए बिना तथा सदन के निर्धारित समय से ज्यादा देर तक कार्यवाही चालू रखते हुए बिल को पारित कराने से विपक्षी सांसद आक्रोशित थे। ऐसे में कई सांसदों ने सदन में अपनी टेबल पर माइक को तोड़ा तो कुछ ने वेल एरिया में जाकर नारेबाजी की थी। इन सबसे एक कदम आगे बढ़ते हुए तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने उपसभापित से रूल बुक की छीन-झपटी की और बाद में रूल्स बुक को फाड़ दिया था। इसी के बाद अगले दिन सोमवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सभापति एम. वेंकैया नायडू ने अभद्र व्यवहार के लिए आठ विपक्षी सांसदों को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया था। इससे पहले, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने सोमवार देर शाम निलंबित सांसदों से मुलाकात की थी। उन्होंने कहा था कि दो कृषि बिलों को बिना वोटिंग के पास कर दिया, जबकि विपक्षी सांसद विरोध कर रहे थे। इस मामले में सरकार और उपसभापति गलत थे, जबकि विपक्ष के सांसदों को सजा दी गई। सांसदों ने न उपसभापति को और न ही मार्शल को हाथ लगाया। इनकी गलती बस इतनी है कि ये सरकार के फैसलों के खिलाफ खड़े हुए।

उल्लेखनीय है कि संसद परिसर स्थित गांधी प्रतिमा पर निलंबित सांसद डेरेक ओ’ब्रायन, राजीव सातव, संजय सिंह, केके रागेश, रिपुन बोरा, डोला सेन, सैयद नजीर हुसैन और इलामारन करीम रात भर धरने पर बैठे रहे। इस दौरान उन्होंने गाना गाकर और ‘लोकतंत्र की हत्या’ और ‘निरंकुश सरकार’ आदि लिखीं तख्तियां लेकर विरोध जताते रहे।

आम आदमी पार्टी (आप) सांसद संजय सिंह ने कहा कि हमारे निलंबन पर फैसला तय करेगा कि यह धरना कब तक चलेगा। हमारी मांग वाजिब है और हमने किसानों के हित के लिए आवाज उठाई थी। हम इसे रोकने वाले नहीं हैं।

निलंबित कांग्रेस सांसद रिपुन बोरा ने कहा कि हरिवंश जी से कहा कि हमारी बस यही मांग है कि आज सदन में विपक्ष के नेता को बोलने दिया जाए। इस पर उन्होंने कहा कि निलंबन को लेकर राज्यसभा में क्या फैसला होगा, उसके बाद आगे की रणनीति बनाई जाएगी।

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