रामपुर : नवाब खानदान की 30 हज़ार अरब करोड़ की संपत्ति का बटवारा
खबर वाणी ब्यूरो
रामपुर। में इस वक्त नवाब परिवार की संपत्ति के बंटवारे का विवाद कोर्ट में विचाराधीन है जिसकी लड़ाई पिछले 50 से 55 सालों से नवाब परिवार के वारिस लड़ रहे है। अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में रामपुर जिला जज के पाले में गेंद डाल दी है और कोर्ट ने ये आदेश दिया है कि शरीयत के हिसाब से इस संपत्ति का बंटवारा किया जाए। यह संपत्ति लाखों-करोड़ों में नहीं बल्कि 30,000 अरब करोड़ की संपत्ति का बंटवारा है।
वही नवाब खानदान की वकील संदीप कुमार सक्सेना ने बताया सन 1972 से एक केस चल रहा है जब सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा था। रामपुर स्टेट के जो आखिरी नवाब थे रजा अली खान इनकी पांच अचल संपत्तियों के विभाजन का यह केस पिछले 50 से 55 साल से चल रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया और यह कहा रामपुर जिला जज की अदालत में इसका डिवाइडेशन का प्रोसीजर और मेडिएशन के द्वारा इसका आपस में विभाजन किया जाए मुस्लिम शरीयत के अनुसार इसमें डिवाइड किए गए जिसका जितना शेयर आया उतना उसका डिवाइड किया गया।
क्योंकि प्रॉपर्टी सारी रामपुर में थी इसलिए उस प्रॉपर्टी के डिवाइडेशन का पूरा प्रोसीजर जिला जज के अंडर में होना था।
फाइल यहां आती है उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश दिया 31 दिसंबर 2020 तक यह कार्रवाई पूरी करके सुप्रीम कोर्ट को इसकी इत्तेला दी जाए। परंतु बीच में कोरोना कॉल आ गया इसलिए यह मामला थोड़ा सा डीले हो गया।
इसी प्रोसेस के तहत कुछ दिनों से जिला जज ने पार्टियों को एक सजेशन दिया था सब लोग व्यक्तिगत रूप से अदालत में आए और मैं उनसे बातचीत करने के बाद सुलह समझौते के जरिए इस को निपटाना चाहता हूं।
उसके तहत 16 पार्टियों में से 14 पार्टियां आज जिला न्यायालय में उपस्थित थी दो जो पार्टियां हैं वह विदेश में रहती है उन्होंने अपने प्रतिनिधि भेजे थे। उन सब लोगों ने यह कहा कि हम लोग मिलकर आपस में बैठकर बातचीत कर लेंगे उसके लिए हमें 2 महीने का समय दिया जाए।
लेकिन जिला जज ने कहा कि 8 मार्च तक हम आपको समय दे रहे हैं कैसे-कैसे आप लोगों निपटाना है इसकी रूपरेखा तैयार करके हमें दे दीजिए।
नवाब रजा अली खान की रामपुर में पांच अचल संपत्तियां है कोठी खास बाग, शाहबाद किला, बेनजीर बाग, एक कुंडा,और नवाब रेलवे स्टेशन की टोटल जगह हजार ग्यारह सौ एकड़ जगह है।
जिसका डिवाइडेशन होना है। पांचो अचल सम्पत्तियों की क़ीमत 30,000 अरब करोड़ों की आंकी गई है। सुप्रीम कोर्ट का आदेश था के शरीयत के हिसाब से आप लोग आपस में इस प्रॉपर्टी को डिवाइड कर ले।