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आखिर क्यों मजदूर छोड़ रहा शहर, क्या फिर से मजदूरों को सताने लगा कोरोना का डर

खबर वाणी ब्यूरो

दिल्ली। देश में पिछले कुछ दिनों से लगातार लाखो की सख्या में कोरोना के नए केस सामने आ रहे जिस वजह से मजदूरों को अब कोरोना का डर सताने लगा है बता दे कि कोरोना ने कुछ यूं सितम ढ़ाया कि कारोबार, पढ़ाई से लेकर यातायात के साधनों तक को ठप कर के रख दिया है। और देश में एक समय ऐसा आया था जब गांवों को छोड़कर अपने परिवार के साथ जीविका की नई तलाश में आए प्रवासी मजदूरों को शहरों से सर पर गठरी रख कर अपने घरों को वापस लौटना पड़ रहा था। अब फिर से करीब एक साल बाद मजदूरों को वही मंजर लोगो की आखों को दिखाई दे रहा है क्योंकि कोरोना के मामलों में कमी आने के बाद गांवों से शहरों में वापस आए मजदूरों को फिर से पलायन करना पड़ रहा है।

लॉकडाउन का मजदूरों को इस कदर सता रहा डर

देश के कई राज्यों में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर अब मजदूरों में फिर से डर सताने लगा है आपको बता दे कि पिछले कुछ दिनों से मुंबई, लखनऊ, भोपाल, दिल्ली समेत देश के कई बड़े राज्यों में कोरोना ने दोबारा से दस्तक़ देनी शुरू कर है जिसके चलते देश के कोने-कोने से लोग रोजगार की तलाश में शहर आते हैं।

लेकिन कोरोना ने सभी हालात बदलकर रख दिए और गांवों को छोड़कर शहरों में आए प्रवासी मजदूर लॉकडाउन के डर से अपने घरों को वापस जा रहे हैं और इस संदर्भ में पूछेजाने पर मजदूरों का कहना है कि कोरोना बढ़ता जा रहा है, ऐसे में देश में कभी भी लॉकडाउन लगाया जा सकता है। जिसके बाद यातायात व्यवस्था भी बाधित हो जाएगी और कहीं एक बार फिर से उन्हें कोसों तक का सफर पैदल ही ना तय करना पडे।

◆क्या हुआ था बीते साल, जो अब फिर से लोगो सता रहा कोरोना का डर

पिछले साल मार्च में कोरोना महामारी की वजह से देश में संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई थी और जिस वक्त लॉकडाउन लगाया गया था देश के सभी मजदूर अपने गांव-घर से दूर शहरों में पड़े थे।

लॉकडाउन की स्थिति में आय का स्त्रोत नहीं होने पर मजदूरों के पास वापस अपने गांवों में लौटने के सिवाय दूसरा कोई रास्ता नहीं बचा था। इसी तरह की तमाम परेशानियों से बचने के लिए एक बार फिर से प्रवासी मजदूरों ने अपने गांवों के रास्तों को पकड़ लिया है।

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