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RSS प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर मचा सियासी घमासान, सभी भारतीयों का DNA एक : मोहन भागवत

RSS-BJP पर मायावती का तीखा वार, मोहन भागवत का बयान मुँह में राम, बगल में छुरी जैसा - मायावती

खबर वाणी संवाददाता

गाज़ियाबाद। रविवार को जनपद गाज़ियाबाद के वसुंधरा स्थित मेवाड़ कॉलेज के पूर्व पीएम के सलाहकार डॉक्टर ख्वाजा इफ्तेखार द्वारा लिखी गयी पुस्तक का विमोचन कार्यक्रम में मोहन भागवत ने बयान दिया था कि, देश में रहने वाले सभी व्यक्ति का डीएनए एक ही है। कोई अलग नहीं है, जो लोग चाहते हैं कि मुसलमान यहां न रहें, वो सच्चे हिन्दू नहीं हैं। इसके अलावा भागवत ने लिंचिंग पर भी बयान दिया और कहा कि, गाय एक पवित्र जानवर है। लेकिन जो इसके नाम पर दूसरों को मार रहे है वो हिंदूत्व के खिलाफ है। वहीं मोहन भागवत के इस बयान के बाद से ही सियासी टिप्पणीयों का दौर जारी है।

कई राज्यों में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए हर एक दल हिंदू मुस्लिम का मुद्दा उठा रहा है। इस बीच आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर भी राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो चुकी है। ओवैसी, दिग्विजय के बाद सोमवार को बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने मोहन भागवत के बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि, मोहन भागवत का बयान ‘मुंह में राम, बगल में छुरी’ जैसा है। इसके आगे मायावती ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकारें जहां भी चल रही हैं। वो सिर्फ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एजेंडे पर चल रही हैं। बीजेपी सरकार की वजह से ही जातिवाद, राजनीति द्वेष और सांप्रदायिक हिंसा के मामलों से लोग परेशान है।

वहीं उत्तर प्रदेश में भी अफरा-तफरी का माहौल है। बसपा हमेशा ही RSS की नीतियों का विरोध करती रही है। RSS के बिना बीजेपी का अस्तित्व बिल्कुल भी नहीं है। वह अपनी बातों को भाजपा की सरकारों से ही क्यों लागू नहीं करवा पा रही है।

गौरतलब है कि असदुद्दीन ओवैसी, दिग्विजय सिंह समेत कई राजनेताओं ने मोहन भागवत के बयान पर जमकर टिप्पणी की। AIMIM के अध्यक्ष असादुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर कहा कि, RSS के भागवत ने “लिंचिंग करने वालों को हिंदुत्व विरोधी कहा है”। इन अपराधियों को गाय और भैंस में फ़र्क़ नहीं पता होगा, लेकिन क़त्ल करने के लिए जुनैद, अखलाक़, पहलू, रकबर, अलीमुद्दीन के नाम ही काफी थे। ये नफ़रत हिंदुत्व की देन है। इन मुजरिमों को हिंदुत्ववादी सरकार की पुश्त पनाही हासिल है।

इसके अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी ट्वीट कर आरएसएस प्रमुख पर हमला बोलते हुए लिखा कि, मोहन भागवत जी यह विचार क्या आप अपने शिष्यों, प्रचारकों, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल कार्यकर्ताओं को भी देंगे? क्या यह शिक्षा आप मोदी-शाह के साथ-साथ भाजपा के मुख्यमंत्री को भी देंगे?

हालांकि विपक्ष का तीखा रवैया देख कर सरकार की तरफ से केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मोर्चा संभाला और पलटवार करते हुए कहा कि, भारत का रहने वाला हूं भारत की बात सुनाता हूं, जो इस मिट्टी में पैदा हुआ है, उसका डीएनए अलग कहां से हो जाएगा। हर हिंदुस्तानी इस बात का गौरव करता है कि वह हिंदुस्तानी है और इस मिट्टी में पैदा हुआ हैं।

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत देश को जोड़ने का काम करते हैं। दिग्विजय सिंह और असदुद्दीन ओवैसी जैसे लोग गुमराही गैंग के सदस्य है। ये लोग तो आतंकियों के मारे जाने और सर्जिकल स्ट्राइक पर भी सवाल उठाते हैं और प्रूफ मांगते है।

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