आखिर 5 साल में भी अखिलेश यादव के खिलाफ सरकारी सम्पत्ति ( टोंटी ) चुराने के मामले में एफआईआर क्यो दर्ज नही करा पाई योगी सरकार ?
आखिर क्यों प्रदेश की जनता और सपाइयों ने भाजपा नेताओं से यह सवाल 5 साल में आज तक क्यो नही पहुचा गया

खबर वाणी संवाददाता
गाज़ियाबाद। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवम उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के खिलाफ आखिर 57 महीने बीतने के बाद भी सरकारी सम्पत्ति चुराने के मामले में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का सम्पत्ति विभाग आखिर मुकदमा दर्ज क्यों नही करा पाया है ?
भाजपा नेताओं द्वारा पिछले 5 वर्षों में पूर्व मुख्यमंत्री एवं सपा मुखिया अखिलेश यादव पर मुख्यमंत्री आवास 5 कालिदास मार्ग को खाली करने के समय आवास में लगी टोंटियों को चोरी करने के आरोप सार्वजनिक मंच से लगाये जाते रहे है। एक बार तो इस मामले के मीडिया में तूल पकड़ने के बाद अखिलेश यादव प्रेस कान्फ्रेंस कर सफाई देते नजर आए थे साथ ही अखिलेश यादव प्रेस कान्फ्रेंस में टोटी भी लेकर पँहुचे थे की सरकार बताए कि मुख्यमंत्री आवास से कितनी टोंटियाँ चोरी हुई है मै सरकार को टोंटियां वापस करने आया हूँ।
बड़ा सवाल आज 5 साल बाद भी यही यह की अगर मुख्यमंत्री आवास 5 कालिदास मार्ग को खाली करते समय पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सरकारी आवास में लगी टोंटियों को चुराया था और सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पँहुचाया था तो उत्तर प्रदेश सरकार के सम्पत्ति विभाग ने सरकारी सम्पत्ति को तोड फोड़ कर नुकसान पँहुचाने और चोरी करने की धाराओं में अखिलेश यादव के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज कराते हुए चुराई गयी सम्पत्ति की बरामदगी के प्रयास आखिर 57 महीने में भी क्यो नही किये गए जबकि सरकारी सम्पत्ति को चुराने / नुकसान पँहुचाने पर कानून अपराधिक मुकदमा दर्ज करने का कानून है।
आखिर क्यो योगी सरकार एवम राज्य का सम्पत्ति विभाग जानकारी होने के बाद भी सरकारी सम्पत्ति चुराने के मामले में अखिलेश यादव पर 57 महीने में एफआईआर दर्ज नही करवा पाया है। सवाल दो है और योगी सरकार एवम भाजपा नेताओं के पास दोनों ही सवालों का कोई जवाब नही है।
पहला सवाल यह है कि अगर अखिलेश यादव ने वास्तव में ही सरकारी सम्पत्ति टोंटियों की चोरी की थी तो अखिलेश यादव के खिलाफ राज्य सरकार के सम्पत्ति विभाग ने एफआईआर दर्ज करवा कर चोरी की गई सम्पत्ति की बरामदगी के प्रयास क्यों नही किये गए।
दूसरा सवाल यह है कि अखिलेश यादव द्वारा सरकारी सम्पत्ति की चोरी अगर की ही नही गयी तो फिर आखिर किस आधार पर भाजपा नेता प्रवक्ता झूठ फैला कर प्रदेश की जनता को भ्रमित करते रहे और अखिलेश यादव प्रेस कान्फ्रेंस जब सरकार को वापस करने के लिए टोंटी लहराते रहे तो सरकार ने उनसे सरकारी सम्पत्ति को पँहुचाये गए नुकसान की भरपाई के लिए वसूली के प्रयास आज तक भी क्यो नही किये गए ?
मानव अधिकार पक्षकार राजीव कुमार शर्मा का कहना है कि अगर सरकारी सम्पत्ति वास्तव में चुराई गयी तो सरकार ने मुकदमा क्यो नही दर्ज करवाया है और अगर अखिलेश यादव ने सरकारी सम्पत्ति को नही चुराया है तो फिर भाजपाइयों ने प्रदेश की जनता को आखिर टोंटी चोरी के नाम पर क्यों भरमाया है ?भाजपा नेताओं से यह सवाल 5 साल में आज तक ना ही तो प्रदेश की जनता ने पूछा है और ना ही सपाइयों ने पूछा है।