Breaking Newsउत्तरप्रदेशगाजियाबाद

एशिया की सबसे बड़ी विधानसभा में मात्र 45 % ही मतदान होना चिंता का नही बल्कि चिंतन का विषय : राजीव कुमार शर्मा

लेखक राजीव कुमार शर्मा

गाज़ियाबाद। एशिया की सबसे बड़ी विधानसभा में मात्र 45 % ही मतदान होना चिंता का नही बल्कि चिंतन का विषय है, या यूँ कहिये की 55 % मतदाताओं ने चुनाव का अघोषित बहिष्कार कर दिया है। आखिर सबसे बड़ी विधानसभा में इतने बड़े पैमाने पर मतदाताओं का चुनाव से मुँह मोड़ लेना एक स्वस्थ और मजबूत लोकतंत्र के लिए खतरे की घण्टी है।

बड़ा सवाल ये है कि जिस आधे से अधिक आबादी ने प्रदेश के भविष्य के लिए होने वाले चुनाव में भाग ही नही लिया आखिर उन्हें क्या अधिकार है ये कहने का की सरकार कुछ कर ही नही रही है या विपक्ष कमजोर है क्योंकि विपक्ष को आपने मजबूत बनाया नही और सरकार आपने चुनी नही है, ये सिक्के का एक पहलू है।

• दूसरा पहलू ये है :–

55 % मतदाताओं का चुनाव में भाग ना लेना या ये कहिये की अघोषित रूप से बहिष्कार करना इस बात का भी प्रमाण है कि अब एक बड़ी संख्या के मतदाताओं को चुनाव में कोई रुचि नही है।

एक बड़ा तबका इस मंदिर मस्जिद हिन्दू
मुसलमान श्मशान कब्रिस्तान जिन्ना पाकिस्तान अली बजरंगबली जैसी घटिया राजनीति और राजनेताओं एवम राजनीति के गिरते हुए स्तर से तंग आ चुका है।
वो जान और समझ गया है कि चुनाव और राजनीति ना ही तो सीधे साधे साफ सुथरे सभ्य शरीफ इज्जतदार व्यक्ति का काम है और ना ही वो इसमे सफल हो पाते है राजनीति 90 – 95 % चोर डकैतों गुंडे माफियाओं की शरण स्थली एवम एक अघोषित व्यापार एवं गलत तरीके से अर्जित सम्पत्तियो को बचाये रखने का कारोबार बन चुका है या ये कहिये की हमाम में सब नँगे है कोई दूध का धुला नही है ।

◆ एक कहावत और भी की लँका में सब 52 ग़ज़ के है कोई भी कसर का नही है, शेर का भाई बघेरा वो कूदे 9 तो वो कूदे 13 यानी सब एक से बढ़कर एक है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button