जिले में नही रुक रहा पन्नी कचरा जलाने का काम, गुपचुप तरीके से पेपर मिल में जलाई जा रही पिन्नी
SDM सदर सहित प्रदूषण विभाग की टीम ने की छापेमारी फैक्ट्री की मशीने की सील

खबर वाणी भगत सिंह
मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश का जनपद मुजफ्फरनगर भले ही दिल्ली एनसीआर का दर्जा पा चुका हो लेकिन यहां मुजफ्फरनगर में प्रदूषण के हालात दिन पर दिन बद से बदतर होते जा रहे हैं, आलम यह है कि यहां जिला प्रशासनिक अधिकारियों एवं प्रदूषण विभाग की तमाम सख्ती और मनाही के बाद भी भोपा रोड ,जोली रोड ,और जानसठ रोड पर तमाम पेपर इकाइयां देर रात्रि से लेकर अलसुबह तक पन्नी कचरा फुंकर प्रदूषण फैलाने में लगे हुए है ,यहां कईयों के खिलाफ तो बकायदा प्रदूषण विभाग सहित जिला प्रशासनिक अधिकारी सिलिंग तक की भी कार्रवाई कर चुके हैं, लेकिन सेटिंग गेटिंग का यह खुला खेल रुकने का नाम नहीं ले पा रहा है विश्वस्त सूत्रों की अगर मानें तो यहां कुछ सफेदपोश भी इन लोगों को संरक्षण देते नजर आ रहे है यहां तक की बड़े बड़े नेता भी प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों के मालिकों के साथ बकायदा फोटो तक खिंचवा रहे है फिर आखिर जिला प्रशासनिक अधिकारियों सहित प्रदूषण विभाग इन पेपर मिलो पर कार्रवाई करें तो आखिर कैसे करें।
दरअसल पूरा मामला उत्तर प्रदेश के जनपद मुजफ्फरनगर से जुड़ा है आपको बता दें मुजफ्फरनगर में कोई दिन या रात ऐसी नही जाती है जहां आसमान में काली राख, प्रदूषित सफेद धुआं, सांसो को खराब करने वाली एल्कोहल फैक्ट्रियों से निकलने वाली प्रदूषित हवा, यही नहीं जिस वक्त लोग सो कर उठते हैं उस वक्त उनके घरों और उनकी छतों पर बकायदा काली राख हर रोज मिल रही है ऐसा नहीं कि जिले के आला अधिकारियों सहित प्रदूषण विभाग को इन सब बातों की जानकारी ना हो, जानकारी सभी को है लेकिन बड़ा सवाल यह है कि जब सफेद पॉश नेताओं का संरक्षण प्राप्त होता है तो आखिर अधीनस्थ अधिकारी /कर्मचारी कार्यवाही करने में हिचक जाते हैं।
आज देर शाम जिला प्रशासनिक अधिकारियों सहित प्रदूषण विभाग में उस वक्त हड़कंप मच गया जब सोशल मीडिया पर एक खबर वायरल हुई की भोपा रोड पर स्थित एक पेपर मिल में बकायदा खुलेआम पन्नी कचरा फूंका जा रहा है जिससे उसकी चिमनी में प्रदूषित धुएं के साथ ही काली राख भी ग्रामीण इलाके सहित मुख्य सड़कों पर फैल रही है। सूचना को गंभीरता से लेते हुए एसडीएम सदर परमानंद झा प्रदूषण विभाग से जुड़े विपुल कुमार, इमरान अली आदि स्थानीय पुलिस के साथ प्रदूषण फैलाने वाली फैक्ट्री में जब पहुंचे तो तमाम अधिकारी उस वक्त हक्के बक्के रह गए जब उन्होंने मौके पर वास्तविकता देखी की वाक़ई में पन्नी कचरा फूंका जा रहा है।
यह नजारा देख एसडीएम सदर परमानंद झा के दिशा निर्देशन में प्रदूषण विभाग के अधिकारी कर्मचारियों ने उक्त पेपर मिल मालिक को जमकर हड़काया और उक्त पेपर मिल की मशीनों को तत्काल सीलिंग की कार्रवाई करते हुए सील कर दिया।
मामले में एसडीएम सदर परमानंद झा ने जानकारी देते हुए बताया कि आज देर शाम सोशल मीडिया पर भोपा रोड पर स्थित गांव तिगरी में श्री बालाजी पेपर मिल थाना नई मंडी क्षेत्र मैं पन्नी कचरा फेंकने की शिकायत मिली थी जिस पर तत्काल हमारे द्वारा मौके पर जाकर प्रदूषण विभाग के साथ देखा गया तो मामला सही पाया गया जिसके चलते उक्त पेपर मिल की मशीनों को सील करते हुए आगे की वैधानिक कार्यवाही की जा रही है।
साथ ही साथ जिलाधिकारी महोदय एवं शासन को भी इस मामले में लिखा जाएगा यहां एसडीएम सदर से पूछने पर पता चला कि उक्त पेपर मिल पहले भी सील की गई थी लेकिन न जाने किसकी सह पर वह दोबारा से चल गई और फिर से उक्त पेपर मिल में पन्नी कचरा फुँकने का गोरखधंधा पनपने लगा।
वहीं दूसरी तरफ अगर स्थानीय ग्रामीण एवं राहगीरों की माने तो भोपा रोड पर स्थित कई पेपर मिलों जिनमे मीनू पेपर मिल, सिल्वर टन पेपर, न्यू सिल्वर टन पेपर,जौली रोड, जानसठ रोड पर महालक्ष्मी पेपर मिल, सिद्धेश्वरी पेपर मिल, दिशा पेपर मिल जानसठ रोड पर के के पेपर मिल सहित ऐल्कोहल की इकाई सहित कई अन्य पेपर एंव टायर फुंक कर तैल निकालने वाली इकाइयां दिन छिपते ही प्रदूषण फैलाना शुरू कर देती है।
जो अल सुबह तक जारी रहता है। लोगों ने दबी जुबान से कहा कि जब इन तमाम इकाइयों और इनके सर परस्तों को सफेदपोश लोगों का संरक्षण प्राप्त है तो आखिर फिर स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी व प्रदूषण विभाग किस तरह कार्रवाई कर पाएगा।
अभी गत दिनों पूर्व ही कुछ सफेदपोश लोगों ने प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों के मालिको के साथ बकायदा फोटो खींचा कर भी सोशल मीडिया सहित अखबार की सुर्खियों में भी बने थे। बड़ा सवाल आखिर मुजफ्फरनगर दिल्ली एनसीआर जिला घोषित होने के बावजूद भी प्रदूषण से कब्जा मुक्त क्यों नही हो पा रहा है यह अपने आप में एक बड़ा सवाल है।