दिन निकलते ही जैन समाज ने सड़कों पर निकलकर किया जोरदार प्रदर्शन, लगाया जाम
शिखर जी के पक्ष में केंद्र सरकार व झारखंड सरकार के खिलाफ उगला जहर

मुज़फ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के जनपद मुजफ्फरनगर में स्थित खतौली कस्बे में दिन निकलते ही जैन समाज के सैकड़ों महिला, पुरुष और बच्चों ने हाथों में तख्तियां और बैनर – पोस्टर लेकर किया जोरदार धरना प्रदर्शन, यहां जैन समाज ने सम्मेद शिखरजी के पक्ष में खतौली कस्बे में जोरदार प्रदर्शन करते हुए जाम भी लगाया है, जहां बाद में राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन भी प्रशासनिक अधिकारियों को दिया गया है जाम के दौरान खतौली विधायक मदन भैया भी जैन समाज के बीच पहुंचे और जैन समाज के साथ कन्धे से कंधा मिलाकर खड़े होने की बात कही है।
दरअसल पूरा मामला जनपद मुज़फ्फरनगर के खतौली कसबे का है जहां पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत आज जैन समाज ने अपने दुकाने बाजार बन्द करते हुए सैंकड़ों संख्या से भी अधिक की मौजूदगी दर्ज कराते हुए कसबे के मुख्य बाजारों में हाथों में तख्तियां, बैनर ,पोस्टर आदि लेकर पैदल मार्च किया तो वहीं कस्बे के मुख्य चौराहे पर जाम लगाते हुए केंद्र सरकार और झारखंड सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए जमकर धरना प्रदर्शन किया।
यहां सकल जैन समाज के बैनर तले जैन समाज के सभी संघटनो से जुड़े पदाधिकारियों एंव कार्यकर्ताओं ने भाग लेते हुए यह कार्यक्रम सफल बनाया है कार्यक्रम के अंत में प्रशासनिक अधिकारीयों को महामहीम श्रीमती द्रोपदी मुर्मु जी भारत की राष्ट्रपति राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया गया।
जिसमे विभिन्न मांगे रखी गईं और कहा गया की जैन तीर्थकरों और अनंत संतो की मोक्षस्थल श्री सम्मेद शिखर जी ‘पारसनाथ पर्वतराज’, गिरिडिह (झारखण्ड) की स्वतंत्र पहचान, पवित्रता और संरक्षण हेतु विश्व जैन संगठन (पंजी), क्षरा देशव्यापी ‘श्री सम्मेद शिखर जी बचाओ आन्दोलन’ के समर्थन में आज यह विशाल सभा व रैली प्रदर्शन किया गया है, जिसमे हमारी निम्न मांगे है।
‘पारसनाथ पर्वतराज’ को वन्य जीव अभ्यारण्य, पर्यावरण पर्यटन के लिए घोषित कर इसको सेसिटिव जोन के अंतर्गत जोनल मास्टर प्लान व पर्यटन मास्टर प्लान, पर्यटन / धार्मिक पर्यटन सूची से बाहर किया जाए।
‘पारसनाथ पर्वतराज’ को बिना जैन समाज की सहमति के इको सेंसिटिव जोन के अंतर्गत वन्य जीव अभ्यारण्य का एक भाग’ और तीर्थ ‘माना जाता है लिखकर तीर्थराज की स्वतंत्र पहचान व पवित्रता नष्ट करने वाली झारखण्ड सरकार की अनुशंसा पर केंद्रीय वन मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना क्र. 2795 (ई) दिनांक 02 अगस्त 2019 को अविलंब स्टे किया जाए!
‘पारसनाथ पर्वतराज’ और मधुवन को माँस-मदिरा बिक्री मुक्त “पवित्र जैन तीर्थस्थल” घोषित किया जाए!
वन्दना मार्ग को अतिक्रमण, वाहन संचालन व अमक्ष्य सामग्री बिक्री मुक्त कर यात्री पंजीकरण, सामान जांच हेतु CRPF व स्कैनर, CCTV कैमरे सहित दो चेक पोस्ट चिकित्सा सुविधा सहित बनाये जाए!
पर्वतराज से पेड़ो का अवैध कटान पत्थरों का अवैध खनन और महज के लिए आग लगाना प्रतिबंधित हो आदि विभिन्न मांगो को लेकर ज्ञापन दिया गया।
◆ मुज़फ्फरनगर में जैन समाज की भूख हड़ताल
शिखरजी बचाओ आंदोलन के तहत 2 जनवरी 2023 से 10 जनवरी 2023 तक समस्त जैन समाज मुज़फ्फरनगर में करेगा भूख हड़ताल साथ इन्ही दिनों के मध्य अन्य प्रकार के विरोध कार्यक्रम भी किये जायेंगे। गौरतलब है कि जैन धर्मावलंबियों के आस्था के गढ़ सम्मेदशिखर जी पर आज संकट गहरा गया है,सम्मेदशिखर जी को जब से वन्य अभयारण क्षेत्र”पर्यटक क्षेत्र” केंद्र व झारखण्ड सरकार द्वारा घोषित किया गया है तब से जैन समाज इस तानाशाही निर्णय के विरुद्ध लामबंद होकर आंदोलनरत है व लगातार प्रयास कर रहें है कि यह निर्णय वापस लिया जाए ताकि जैन समाज का पवित्र आस्था केंद्र शिखरजी की पवित्रता यथावत बनी रहे।
इसी सम्बन्ध में जनपद मुज़फ्फरनगर में भी भूख हड़ताल कार्यक्रम 02/01/2023 से 10/01/2023 तक समस्त जैन समाज मुज़फ्फरनगर की ओर से प्रस्तावित है जिसके तहत अति आवश्यक बैठक जैन अतिथि भवन,भारत माता चौक,प्रेमपुरी,मुज़फ्फरनगर में बैठक सम्पन्न जिसमे सर्वसम्मति से तय किया गया कि समस्त जैन समाज मुज़फ्फरनगर में भूख हड़ताल करेगा।
जिसमे अंशन का स्थान जैन औषधालय,भारत माता चौक, प्रेमपुरी, मुज़फ्फरनगर होगा व अंशन का समय चौबीस घंटे का होगा जिसमें एक अंशन कि शिफ्ट 12 घंटे की अर्थात सुबह 9 बजे से शाम 9 बजे तक व रात 9 बजे से सुबह 9 बजे तक होगी एक शिफ्ट में 5 लोग कमसे कम होंगे व अधिकतर कितने भी हो सकते हैं अर्थात एक दिन/दो शिफ्ट में कम से कम 10 लोग प्रतिदिन अंशन करेंगे भूख हड़ताल के साथ साथ ही इसी कार्यक्रम के मध्य में अन्य प्रकार से विरोधात्मक आंदोलन इसी विषय पर चलते रहेंगे।