लाल टोपी भू-माफियाओं के आगे क्यों नतमस्तक जीडीए,पुलिस प्रशासन आखिर जिम्मेदार कौन?
पत्रकार को खबर लिखना पड़ा भारी, सपा नेता दे रहे धमकी, पुलिस अभी तक क्यों दर्ज नही कर पाई एफआईआर ?

खबर वाणी / प्रवीन अरोड़ा
गाजियाबाद। क्या जिले के अधिकारी भू-माफियाओं के आगे नतमस्तक हो गए हैं। क्या अपने फर्ज व दायित्व से मुंह मोड़ लिए हैं। उन्हें सरकारी भूमि की कोई फिक्र नहीं। फर्ज व दायित्व का पूरी तरह से निर्वहन क्यों नहीं हो रहा है। क्यों जीडीए की ग्रीन बेल्ट व जीडीए द्वारा छोड़ी गई शौचालय की सरकारी भूमि को इस कदर लुटाया जा रहा है। क्यों नहीं कब्जा करने वाले व कब्जा करवाने वालों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है। समाजवादी पार्टी की सत्ता भले ही चली गई मगर हनक आज भी कायम दिखाई दे रही है। अगर गलती से कोई पत्रकार अपनी कलम चला दें,तो उसे भी रोकने काम किया जा रहा है।
गाजियाबाद में देश का चौथा स्तंभ कहे जाने वाले अब पत्रकारों की सुरक्षा भगवान के भरोसे है। अब गलत के खिलाफ लिखने वाले को ही गलत बता दिया जाता है और अगर अधिकारी कार्रवाई कर भी दें तो इन सबका दुश्मन लिखने वाले को बना दिया जाता है। अगर प्रधिकरण समय रहते अवैध निर्माण, अवैध कब्जे पर रोक लगा ले तो पत्रकारों को लिखने की जरुरत भी न पड़े। ऐसा ही मामला गाजियाबाद के जीडीए प्रवर्तन जोन 4 क्षेत्र प्रताप विहार लीलावती स्कूल के सामने देखने को मिला है।
जहां पर सपा नेता ने जीडीए के अधिकारियों के साथ सांठगांठ कर शौचालय की सरकारी जमीन पर अपना अवैध कब्जा कर दुकानों में शटर लगा कर अवैध अतिक्रमण फिर से कर लिया है। आपको बताते हैं कि जीडीए वीसी अतुल वत्स के सख्त निर्देश के बाद 13 जून को जीडीए प्रवर्तन जोन 4 की टीम,जीडीए पुलिस और स्थानीय पुलिस की मजूदगी में अधिकारियों ने बुलडोजर चला कर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की थी लेकिन सपा नेता अमन यादव महेश यादव आदि ने जीडीए अधिकारियों, और थाना विजयनगर पुलिस के साथ साठगाठ कर फिर से अवैध कब्जा, अतिकरण दोनो दुकानों में शटर लगा दिए, अगर कोई उनके खिलाफ आवाज उठाने का प्रयास करता है तो धमकी दी जाती है और गलती से धमकी की शिकायत पुलिस से कर दी तो उल्टा ही धमका दिया जााता है।
सवाल बड़ा और अहम है कि आखिर क्या खेल चल रहा है। सरकारी भूमि पर कब्जे को लेकर जीडीए के अधिकारी क्यों आंखें बंद किए हैं यह तो वही जानें। मगर एक बात तो साफ है कि बिना उनके सह के इस जीडीए की शौचालय की भूमि पर कोई कब्जा नहीं कर सकता। सरकारी भूमि पर कब्जा अब से नहीं रोका गया तो आने वाला समय जिला प्रशासन के लिए घातक होगा। लोग कब्जा कर लेंगे तो उसे हटाना इतना आसान नहीं होगा। जीडीए प्रवर्तन जोन 4 के विजय नगर के प्रताप विहार सेक्टर-11, एफ ब्लॉक में लीलावती स्कूल के सामने जीडीए द्वारा जिस जमीन को शौचालय के लिए छोड़ी गई थी, दंबग सपा नेता अमन यादव, महेश यादव आदि ने उसी जमीन पर अपना कब्जा कर पक्का निर्माण व अतिक्रमण कर लिया। शौचालय बने न बने इस बात से शायद जीडीए के अधिकारी को कोई मतलब नहीं है, लेकिन दंबग सपा नेता अमन यादव, महेश यादव ने जमीन पर कब्जा कर यह तो साबित कर दिया कि सरकार भले ही भाजपा की हो, मगर राज सपा का ही है। गत 13 जून को जीडीए के अधिकारियों ने पुलिस की मौजूदगी में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई।
जिसकी खबर एक पत्रकार ने चलाई गई तो गुस्से से लाल समाजवाटी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अमन यादव ने पत्रकार को फोन कर गाली-गलौज शुरु कर दी, जान से मारने और झूठे मुकदमे में फसाने और जो लाखों रुपए का नुकसान हुआ उसके रिकवरी वी बुरा अंजाम भुगतने की धमकी दे दी। जब जीडीए द्वारा की गई कार्रवाई से हुए नुकसान की भरपाई लाल टोपी करने के लिए पत्रकार पर दबाव बना रहे है। जब पीडि़त ने घटना की शिकायत सिहानीगेट थाना एसीपी ये मिलकर की तो पत्रकार को पिटने के लिए उसके घर की खोज में जुट गए। आरोप है कि इस मामले में विजय नगर थाना पुलिस भी उल्टा सपा नेताओं का ही सपोर्ट कर रही है। जहां पुलिस-प्रशासन ही दंबगों का साथ देने लगे तो एक पत्रकार कैसे समाज के सामने सच्चाई को ला सकता है। सूत्रों का कहना है कि अब थाना प्रभारी उल्टा निर्माणकर्ताओं के साथ मिलकर पत्रकार को फंसाने में जुट गए है। जिसकी शिकायत पुलिस कमिश्नर और मुख्यमंत्री से होने के बाद अभी तक पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया है। पुलिस की इस कार्रवाई से तो यह साबित हो रहा है अगर कहीं गलत हो रहा है तो बापू के तीन बंद की तरह आख, कान और नाक को बंद रखें। जिससे उनकी दाल रोटी चलती रहे।