उत्तरप्रदेश

डेंगू के लक्षण होने पर सी0एच0सी0 अथवा नगरीय क्षेत्र जिला चिकित्सालय में चिकित्सक के परामर्श का करें उपचार।

पीलीभीत :- मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 सीमा अग्रवाल द्वारा अवगत कराया गया है कि जनपद में डेंगू रोग फैलने की सम्भावना बन रही है। अब तक डेंगू के पाँच मामले प्रकाश में आ चुके है। ऐसे मे जनमानस ‘डेंगू रोग से बचाव कैसे करें’, डेंगू बुखार की पुष्टि के लिये चिकित्सकों हेतु सुलभ परामर्श- डेंगू के सामान्य लक्षण तेज बुखार, तेज बदन दर्द, सिर दर्द, जोड़ों में तथा आखों के गोले में दर्द तथा शरीर में दान इत्यादि। टारनीक्वेट टेस्टः धनात्मक। प्लेटलेट काउन्टः एक लाख से कम। हीमेटोक्रिटः 20 प्रतिशत से अधिक, आईजीजी/आईजीएम धनात्मक। रोग से बचाव के लियेः घर के अन्दर का मच्छर है दिन में काटते हैं, घरों में कीटनाशक का छिड़काव करें। घर में कूलर, बाल्टी, फ्रिज, ड्रिप पैन, घडे़ में एकत्रित पानी को बदलते रहे। क्योंकि साफ पानी में अंडे देता है। शरीर पर मच्छर निरोधक औषधियों, नीम का तेल, सरसों का तेल लगायें। घर के आस पास पानी एकत्रित होने वाले स्थानों को मिट्टी से भर दें। यदि यह सम्भव न हो तो कुछ बूंदे मिट्टी का तेल या डीजल से छिड़काव करें। अगर तेज बुखार एवं डेंगू के लक्षण जोड़ों में दर्द, तेज बदन दर्द, तेज सर दर्द, उल्टी एवं पेट दर्द, शरीर पर दाने तथा मुंह अथवा नाक से खून आने की शिकायत हो तो तुरन्त निकट के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सी0एच0सी0 अथवा नगरीय क्षेत्र जिला चिकित्सालय में चिकित्सक के परामर्श का उपचार करें। खून की जांच अति आवश्यक है। डेंगू बुखार के रोगी होने पर अपने जिला/नगर स्वास्थ्य अधिकारी को सूचना दें ताकि प्रभावित क्षेत्र में कीटनाशक का छिड़काव कराया जा सके।
क्या न करेंः- डेंगू बुखार का कोई भी टीका नही होता है। इस रोग से पीड़ित व्यक्यि को दर्द निवारक तथा बुखार की औषधि पैरासीटामाल दिया जाना चाहिए। एस्प्रीन, कर्टीसोन, डेकाड्रान का उपयोग कतई नहीं किया जाना चाहिए। घर में यदि डेंगू का रोगी है तो उसे बिना मच्छरदानी के न रहने दें अथवा ऐसे कमरे में रोगी की देखभाल करें जिसके दरवाजे, खिड़कियों पर जालियां लगी हों। घरों के छज्जे/पोर्च में टूटे बर्तनों, बेकार टायर-ट्यूब, प्लास्टिक के टूटे बर्तन/शीशी (कबाडी़ सामग्री) एकत्रित न होने दें। घरों के आस-पास छायादार स्थलों में नमी न उत्पन्न होने दें। जिसमें सजावटी मनी प्लांट के गमले आदि सम्मिलित हैं। मलेरिया की दवाईयों का कोई असर नही होता है अतः प्रयोग न करें।

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