गाजियाबाद

महिलाओं एव बच्चों द्वारा बनाए जा रहे छोटे पक्षियों के लिए आर्टिफिशियल घोंसले

छोटे पक्षियों को शुद्ध वातावरण देने के लिए गिव मी ट्री ट्रस्ट संस्था वसुंधरा, रामप्रस्था ग्रीन केम्पस में सिथित पर्ल कोर्ट सोसायटी में बच्चे व महिलाएं बना रही फर्श पर बैठकर आर्टिफिशल घोंसले

खबर वाणी वैभव शर्मा

ग़ाज़ियाबाद। पलूशन और भागदौड़ भरे दिल्ली एनसीआर में छोटे परिंदे लापता हो रहे हैं। शहर से दूर हो रहे पक्षियों के लिए पेड़ों की कमी और सुरक्षित घरौंदे का अभाव इसका प्रमुख कारण है। इन परिंदों को सुरक्षित और अनुकूल माहौल देने के लिए अभी भी शहर में कुछ लोग और संस्थाये हर संभव कोशिश कर रही हैं। गौरेया और छोटे पक्षियों को सुरक्षित और एक बेहतर वातावरण देने के लिए ‘गिव मी ट्री ट्रस्ट’ नामक संस्था द्वारा गाजियाबाद के वसुंधरा, रामप्रस्था ग्रीन केम्पस में सिथित पर्ल कोर्ट सोसायटी में आर्टीफिशियल घोंसले सोसायटी की महिलाओं और बच्चों द्वारा बनाए गये हैं। संस्था द्वारा यहां सैकड़ो महिलाओं और बच्चो को छोटे पक्षियों , चिड़ियाओं , गौरेया को बचाने और उनके महत्व के बारे में जागरुक किया गया है।

जानकारी के अनुसार, तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि रामप्रस्था ग्रीन केम्पस की पर्ल कोर्ट सोसायटी में घरेलू वेस्ट मेटीरियल से नन्हे पक्षियों के लिए ये घरोंदे ( नैक्स्ट ) छोटे छोटे मासूम बच्चो द्वारा बनाये जा रहे हैं। कोकोनट के जूट , ऊन , रबड़ के गुब्बारों , लकड़ी के टुकड़ों की मदद से ये कृतिम घोसले बनाये गये हैं। साथ ही यहां मौजूद बच्चो को पर्यावरण में छोटे छोटे पक्षियों के महत्व , और उनकी जीवन शैली के बारे बताया गया है ।ताकि उन्हें सुरक्षित रखने को लेकर छोटे बच्चो और महिलाओं को जागरूक किया जा सके । ताकि घरो के आँगन से लुप्त होते जा रहे छोटे पक्षियों और चिड़ियों को सुरक्षित रखा जा सके । बच्चो और महिलाओं द्वारा तैयार किये गये इन घरोंदों को सोसायटी कम्पाउंड और लोगो के फ्लैट्स की बॉलकनी में लगाया जायेगा ताकि छोटे पक्षियों को सुरक्षित रखा जा सके और उनकी संख्या में बढ़ोतरी हो सके । यहां मौजूद महिलाओं , बच्चो और संस्था से जुड़े लोगों से हमने बात की उनका कहना है कि आमतौर पर लोगो द्वारा अपने रहने के लिए ही घर तैयार किए जाते हैं । यदि पक्षियों और जानवरों की बात की जाए तो उनके लिए केवल चिड़ियाघर में ही घरों को तैयार किया जाते हैं। उन्होंने बताया कि इस जीवन में जितना महत्व इंसान का है। उतना ही पक्षियों का भी है । हाल के दिनों में शहर में छोटे पक्षियों की संख्या घटी है । इसलिए इन पक्षियों का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। और इसको लेकर यह सराहनीय पहल यहां की गयी है। पक्षियों के लिए घरेलु मेटीरियल से इन घरोंदों को बनाया गया है ताकि इनमे छोटे पक्षी सुरक्षित रह सके, अपने अंडे दे सके और एक अनुकूल वातावरण उन्हें मिल सके।

पहले बड़ी संख्या में आसानी से घरो के आंगन में नजर आने वाली नन्ही चिड़ियाओं अब बेहद कम नजर आती है । और उनकी संख्या लगातार घट रही है। जो पर्यायवरण सन्तुलन के लिहाज से भी गलत है। और साफ है कि जिस तरह बच्चो को महिलाओं को छोटे पक्षियों के बारे में जागरुक किया गया और कृतिम घरौंदे उनके लिए बनाये गये हैं इस तरह के प्रयासो से छोटे पक्षियों , चिड़ियों की संख्या में बढ़ोतरी गाजियाबाद में हो सकती है। जरूरत है कि इस तरह के प्रयास और ज्यादा हो ।

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