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कुत्तों की जकड़ में जिला अस्पताल, अधिकारी आरोप-प्रत्यारोप में व्यस्थ

खबर वाणी भगत सिंह

मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार आमजन के स्वास्थ्य के लिए भले ही करोड़ों रुपए खर्च कर, बड़ी-बड़ी बातें करती हो लेकिन जमीनी हकीकत की तस्वीरें कुछ और ही बयां कर रही हैं। प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ रोगियों के हर संभव इलाज के लिए विभागीय अधिकारियों को भले ही जिम्मेदारी, सेवा और नैतिकता का पाठ पढ़ाते हो लेकिन उनके इन प्रयासों पर स्वास्थ्य विभाग के नुमाइंदे ना सिर्फ बट्टा लगा रहे हैं बल्कि प्रदेश सरकार की छवि को भी धूमिल कर रहे हैं।

अब हम आपको यूपी के जिला अस्पताल की जो तस्वीरें दिखाने जा रहे हैं, उसे देख कर आप सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि आखिरकार यूपी का स्वास्थ्य महकमा कभी सुधरेगा या नहीं? इन सबके बीच बड़ा सवाल यह भी खड़ा होता है कि क्या यूपी के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह को आमजन की कोई चिंता नहीं है? या फिर यूं कहें कि सरकार की लचर व्यवस्था के बीच डॉक्टरों को भी अस्पताल में लापरवाही के बीच रहने की आदत हो गई है।

यह तस्वीरें भी देख लीजिए यह किसी जंगलराज की तस्वीरें नहीं है बल्कि यह तस्वीरें उत्तर प्रदेश के जिला मुजफ्फरनगर के जिला अस्पताल की है जहां इमरजेंसी वार्ड में इंसानी मरीजों से ज्यादा कुत्तों का डेरा है।

यह जिला अस्पताल हमेशा कुत्तों की जकड़ में रहता है या यूं कहें कि डॉक्टरों से ज्यादा यह कुत्ते अपनी ड्यूटी ईमानदारी के साथ निभा रहे हैं। डॉक्टर एक बार के लिए अस्पताल छोड़कर इधर से उधर हो सकते है, लेकिन यह कुत्ते कभी टस से मस नहीं होते इस अस्पताल में इलाज कराने वाले मरीजों की माने तो हमेशा ही अस्पताल में कुत्तों के काटने का डर बना रहता है कई बार मरीजों को कुत्तों ने काट भी लिया बावजूद इसके डॉक्टरों की नींद नहीं टूट रही है वह बस मौन धारण कर बैठे रहते हैं।

अब इस तस्वीरों पर भी नजर डाल लीजिए देखिए कैसे यह कुत्ते बड़ी ईमानदारी के साथ इमरजेंसी वार्ड में गार्ड के तौर पर ड्यूटी कर रहे हैं।

अब ऐसे में किसी मरीज को इलाज कराने के लिए इमरजेंसी वार्ड में आना हो तो पहले उन्हें उन कुत्ते से निपटना होगा या यूं कहें कुत्तों से इजाजत लेनी होगी उसके बाद वह इमरजेंसी वार्ड में जा सकते हैं।

● सांसद और विधायक जनता को भूलें

संजीव कुमार बालियान मुजफ्फरनगर से सांसद है। यहां की जनता ने 2014 में इन्हें भरपूर मतों से चुनाव जीत कर संसद तक पहुंचाया उसके बाद फिर जनता ने 2019 में भी अपने चहेते सांसद संजीव को भारी मतों से जीत हासिल कर सांसद बनाया लेकिन अफसोस संजीव ने जनता के साथ सौतेला व्यवहार किया। उनके पास भी एक जिला अस्पताल की साफ-सफाई और रखरखाव के लिए अधिकारियों को दिशा निर्देश देने का भी समय नहीं है।

स्थानीय विधायक भी इस समस्या से रूबरू है बावजूद उसके विधायक भी आंख मूंद कर बैठे हुए हैं।

अस्पताल में कुत्तों की समस्या से जूझ रहे मरीजों को देखते हुए जब खबर वाणी की टीम ने अस्पताल के चीफ मेडिकल सुपरीटेंडेंट पंकज कुमार से बात की तो पंकज ने भी बड़ी चतुराई से पल्ला झाड़ते हुए हमारे संवाददाता को समझाया कि आप लिख देना की कुत्तों के इन समस्या के बारे में कई बार नगर पालिका को अवगत कराया गया बावजूद इसके नगर पालिका अस्पताल की ओर ध्यान नहीं देती है।

देख लीजिए योगी जी किस तरह आपके अधिकारी एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने से बाज नहीं आते और अंत में उसका सीधा सीधा परिणाम जनता को भुगतना पड़ता है जिसका जवाब जनता सरकार को वोट के जरिए देती है लापरवाही के मामले में अब खुद इस अस्पताल को इलाज की जरूरत है। जिसका इलाज सिर्फ और सिर्फ आप कर सकते हैं।

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