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जेल में बंद कैदियों से मुलाकात शुरू, हॉट लाइन के जरिए होगी बात

समीर मलिक

गाजियाबाद/डासना : देशभर में 24 मार्च से लॉकडाउन का असर आमजन पर तो पड़ा ही था, लेकिन इसका सबसे ज्यादा प्रभाव जेल में बन्द कैदियों पर देखने को मिला। 24 मार्च से जैसे ही देश में लॉकडाउन घोषित हुआ. उसके बाद परिजनों/स्वजनों को जेल में बंद कैदियों से मिलने पर रोक लगा दी गई थी।

तब से परिजनों/स्वजनों और कैदी एक दूसरे का हाल नहीं जान पा रहे थे। जिसको लेकर दोनों तरफ से व्याकुलता का समंदर लगातार हिचकोले मार रहा था। कैदियों और उनके स्वजनों कि इस गंभीर समस्या को ध्यान में रखते हुए सोमवार को डीजी जेल आनंद कुमार ने डासना जेल पहुंच कर जेल में 39 हॉट लाइन टेलीफोन लगवाएं। यह प्रदेश की पहली ऐसी जेल है, जहां हॉट लाइन टेलीफोन लगवाए गए हैं। वही आनंद कुमार के इस कदम से कैदियों और उनके परिजनों/स्वजनों में भी खुशी की लहर दौड़ पड़ी है। इस व्यवस्था के शुरू होने से अब परिजनों/स्वजनों और कैदी भी आनंद कुमार के गुण गा रहे हैं।

आनंद कुमार ने बताया लॉकडाउन के बाद से जेल में स्वजनों और कैदियों की मुलाकात बंद कर दी गई थी। जिसको लेकर दोनों तरफ से परेशानियां बढ़ रही थी। सोमवार को डासना जेल में 39 हॉट लाइन टेलीफोन व्यवस्था को शुरू किया गया है। अब जो भी स्वजन अपने कैदी से बात करना चाहेगा वह इस हॉट लाइन के जरिए कैदी से वन टू वन कर सकेगा। वहीं इस हॉट लाइन से स्वजनों और कैदियों में सोशल डिस्टेंसिंग भी मेंटेन हो सकेगी। इन दोनों के बीच 6 फीट की दूरी रखी गई है। अगर यह व्यवस्था सफल रही तो हम इसे प्रदेश की अन्य जेल में भी शुरू करेंगे।

आनंद कुमार के साथ डासना जेल में डीआइजी जेल मेरठ लव कुमार, जेल अधीक्षक विपिन मिश्रा समेत जेल के अन्य अधिकारी भी मौजूद रहें। वहीं डीआईजी जेल मेरठ लव कुमार ने बताया कि सोमवार से कैदियों की मुलाकात शुरू कर दी गई है। इसके लिए जेल में 39 हॉट लाइन टेलीफोन की व्यवस्था की गई।

जेल में एक साथ 39 परिजन/स्वजन और कैदी सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करते हुए बात कर सकेंगे। वही लव कुमार ने बताया कि यह सुविधा अन्य देशों में पहले से ही काम कर रही हैं।

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