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रिक्शे से 1233 किमी का सफर कर रहा मजदूर, बोला वापस लौट कर ना आऊंगा

खबरवाणी ब्यूरो

कानपुर : लॉकडाउन के दौरान कई प्रवसी मजदूरों की मन को झकझोर कर रख देने वाली तस्वीरें सामने आती रही है। वहीं एक बार फिर खबरवाणी टीम के सामने एक रिक्शे वाले प्रवासी मजदूर ने अपना दर्द बयां किया है।

दिल्ली में कोरोना महामारी की संख्या में लगातार भारी वृद्धि हो रही है। कोरोना के इस डर से ये रिक्शा वाला दिल्ली छोड़कर अपने मूल स्थान बिहार के सहरसा 1233 किलोमीटर अपने रिक्शे के साथ जाने के लिए मजबूर हैं।

खबरवाणी टीम से बातचीत करते हुए रिक्शे वाले ने अपना नाम सुखराम बताया। सुखराम दिल्ली में लगातार कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखकर डर गया है। जिसके बाद सुखराम ने दिल्ली से बिहार साहरसा अपने घर वापस जाने का फैसला किया। सुखराम ने बताया कि गांव में घर वाले भी बहुत परेशान हो रहे है। लगातार फोन पर वापस घर बुलाते है। वहीं दिल्ली में बढ़ते मरीजों की संख्या को देखकर सुखराम को भी अब डर लगने लगा था। इसलिए 4 दिन पहले दिल्ली से बिहार के लिए निकले थे। फिलहाल सुखराम ने अपने 4 दिन के सफर के दौरान दिल्ली से चलकर कानपुर तक 495 किलोमीटर का सफर तय कर लिया है। सुखराम को अभी 738 किलोमीटर का सफर और तय करना है। सुखराम को बिहार पहुंच ने में लगभग 6 दिन का सफर और तय करना है।

● बात करते हुए भावुक हुए सुखराम

खबरवाणी टीम से बातचीत के दौरान सुखराम भावुक हो उठे। सुखराम ने बताया कि परिवार में 9 सदस्य हैं। उनका पेट पालने के लिए दिल्ली आए थे। दिल्ली आकर जैसे तैसे कर्जे के पैसे से रिक्शा खरीदा ताकि परिवार का पालन पोषण हो सकें।। लेकिन प्रकृति की इस मार ने सुखराम को तोड़कर रख दिया।

चिलचिलाती धूप में लड़खड़ाते कदम

सुखराम का सफर अभी भी भले ही सैकड़ों किलोमीटर दूर हो लेकिन सुखराम के जटिल और मजबूत हिम्मत के आगे ये सैकड़ों किलमीटर का सफर कुछ भी नहीं है। इस चिलचिलाती धूप और लू भरी गर्मी में सुखराम दिन भर रिक्शा खींच कर अपना सफर तय कर रहे है। इस बीच कई बार सुखराम की शरीर ने जवाब दे दिया लेकिन उनके मजबूत और जटिल इरादे के आगे उनके कदम नहीं रुकें। काफी लंबी बातचीत के बाद सुखराम आगे बढ़ गए और जाते जाते सुखराम ने खबरवाणी टीम से भावुकता भरे शब्दों में कहा दिल्ली से बहुत उम्मीद थी लेकिन दिल्ली ने कष्ट दिया है। इसके बाद सुखराम का गला रौंध गया और फिर सुखराम ने आखिरी शब्द कहा की “अब कभी वापस लौट कर नहीं आऊंगा”

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