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DPS ने 80 कर्मचारियों को स्कूल से निकाला

छात्रों का भविष्य तय करने वाले शिक्षकों का वर्तमान अंधकारमय

खबरवाणी संवाददाता

गाजियाबाद : एक तरफ देश की सभी प्रदेश सरकारें लगातार कहती है “पढ़ेगा इंडिया तभी तो बढ़ेगा इंडिया” वहीं दूसरी तरफ देश का भविष्य तैयार करने वाले शिक्षक ही जब रोड पर आ जाएंगे तो कैसे पढ़ेगा इंडिया? और कैसे बढ़ेगा इंडिया? दरअसल इंदिरापुरम थाना क्षेत्र स्थित एक नामचीन स्कूल प्रशासन द्वारा स्कूल के 40 कर्मचारियों और 30 शिक्षकों को नौकरी से निकालने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि यह सभी कर्मचारी और शिक्षक स्कूल में पिछले 15 साल से नौकरी कर रहे थे। बावजूद इसके स्कूल प्रशासन ने इन सभी लोगों को एक झटके में महज 4 दिन का नोटिस देकर स्कूल से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।

दूसरी तरफ स्कूल प्रशासन द्वारा निकाले गए अध्यापकों और कर्मचारियों ने स्कूल प्रशासन पर कई सवाल खड़े किए हैं। इन सभी लोगों का आरोप है कि लॉकडाउन के दरमियान भी स्कूल प्रबंधन ने छात्रों के अभिभावकों से लगातार फीस वसूली है। बावजूद इसके स्कूल प्रबंधन स्कूल के कर्मचारियों और शिक्षकों को लॉकडाउन का हवाला देते हुए आधा वेतन दे रहा है। जब स्कूल कर्मचारी और अध्यापकों ने इसके विरुद्ध आवाज उठाई तो स्कूल प्रशासन की तरफ से इन सभी लोगों को बाहर का रास्ता दिखाया दिया गया।

दरअसल गाजियाबाद के इंदिरापुरम क्षेत्र स्थित नामचीन विद्यालय दिल्ली पब्लिक स्कूल प्रबंधन ने अपने 70 स्टाफ को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। ऐसे में अभी स्कूल के कर्मचारी और शिक्षकों के सामने परिवार का खर्च चलाने के लिए आर्थिक संकट सामने आ खड़ा हुआ है। स्कूल प्रबंधन द्वारा लिया गए एकाएक एक्शन से यह सभी कर्मचारी और शिक्षक बेहद परेशान और नाराज हैं।

स्कूल प्रबंधन द्वारा नौकरी से निकाले गए कर्मचारियों और शिक्षकों ने अब सोशल मीडिया का सहारा लेना शुरू कर दिया है। इसके लिए इन सभी लोगों ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ इंस्टाग्राम पर abandon_dpsi के नाम से एक अकाउंट बनाया है। जिसमें स्कूल की फोटो पर लाल रंग से क्रॉस का निशान लगा हुआ है।

वहीं दूसरी तरफ ट्विटर पर भी स्कूल प्रशासन के खिलाफ जमकर हल्ला बोला जा रहा है।

मेधावी मिश्रा नाम से ट्वीट कर लिखा गया कि “एक स्कूल की अहमियत स्कूल की शिक्षक और विद्यार्थियों से होती है ना कि किसी विद्यालय की बिल्डिंग से। यह स्कूल शिक्षको के लिए ही नहीं है। किसी कर्मचारी ने कभी भी स्कूल के व्यवसाय पर कभी सवाल नहीं खड़ा किया।

हर्ष सिंह नाम के टि्वटर हैंडल से लिखा गया कि गाजियाबाद के डीपीएस स्कूल द्वारा इस महामारी के दौरान भी 80 कर्मचारियों को निकाल दिया गया जो कि बेहद शर्मनाक है।

पेरेंट्स एसोसिएशन के सदस्यों ने बताया कि इस महामारी के दौरान भी स्कूल प्रबंधन द्वारा बच्चों के अभिभावकों से पूरी फीस वसूलने जमा कराने का दबाव बनाया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ स्कूल प्रबंधन द्वारा स्कूल कर्मचारियों और शिक्षकों का 40 से 50% तक वेतन काटकर दिया जा रहा है। इससे साफ जाहिर होता है कि स्कूल प्रबंधन इस आपदा की घड़ी में एक तरफ अभिभावकों से पूरी फीस वसूलने के बाद भी अपनी जेब भरने में लगा हुआ है।

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