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2012 से लटकी पडी फिल्म अनवर का अजब किस्सा ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर हुई रिलीज

खबर वाणी संवाददाता

मुज़फ्फरनगर। बुढ़ाना लगभग 8 साल के बाद बुद्धादेब दासगुप्ता की बालीवुड फिल्म अनवर का अजब किस्सा आखिरकार रिलीज हो ही गई। अब दर्शक इस फिल्म को ओटीटी प्लैटफॉर्म इरोस नाउ पर देख सकते हैं।

फिल्म में नवाजुद्दीन सिद्दीकी लीड रोल में हैं। फिल्म के डायरेक्टर बुद्धादेब लंच बॉक्स में नवाजुद्दीन सिद्दीकी की एक्टिंग से बहुत ही प्रभावित हुए थे और फिल्म के लिए उन्हें साइन किया था। इस फिल्म की शूटिंग कोलकाता में की गई और फिल्म पूरी तरह से एक निजी जासूस अनवर मोहम्मद (नवाजुद्दीन सिद्दीकी) के जीवन के आसपास ही घूमती है। फिल्म में समाज की कुप्रथाओं और टैबूज पर भी बात की गई है। यह फिल्म बीते साल 2012 में ही पूरी शूट हो गई थी। फिल्म की कहानी कुछ इस तरह से है।

जिसमें मौहम्मद अनवर (नवाजुद्दीन सिद्दीकी) एक प्राइवेट फर्म में निजी जासूस के तौर पर काम करते हैं। उसका काम होने वाले दूल्हा और दुल्हन का बैकग्राउंड चेक करना है और खोए हुए बच्चों को खोजने का है। वह अपने पालतू कुत्ते (लालू) के साथ अकेला जीवन जी रहा होता है। अनवर हमेशा अपनी पूर्व प्रेमिका आयशा (निहारिका सिंह) की यादों में रहता है क्योंकि आयशा ने उसे छोड़ किसी और से शादी कर ली है। जैसा कि हर फिल्म में होता है। नवाजुद्दीन सिद्दीकी फिर से फिल्म की जान हैं। उन्होंने अपने डिटेक्टिव किरदार को अच्छे से जिया है। बुद्धदेब दासगुप्ता ने इस फिल्म के डायलॉग, स्क्रिप्ट और स्क्रीनप्ले खुद लिखा है।

अगर आप इस फिल्म के कुछ सीन्स को गौर से देखेंगे तो पाएंगे कि यह फिल्म कई रूपातंरों की कहानी है। फिल्म अनवर का अजब किस्सा की एक और खासियत फिल्म की सिनेमैटोग्राफी है। इस मामले में डिएगो रोमेरो ने अच्छा काम किया है। फिल्म में कुछ ही देर के लिए आने के बाद भी पंकज त्रिपाठी, निहारिका सिंह और फारुख जाफरी ने अपनी छाप छोड़ी है।

फिल्म में थोड़ा बहुत ह्यूमर भले ही हो लेकिन लोगों को साथ बनाए रखने के लिए काफी नहीं है। लगभग 2 घंटे की ये फिल्म कई मौकों पर दर्शकों को लंबी लगने लगती है। अनवर का अजब किस्सा को डायरेक्टर बुद्धादेब ने एक पोएटिक टच दिया है। सिनेमा को बारीकी से समझने वाले स्टूडेंट्स के लिए यह एक अच्छी फिल्म है। इस फिल्म को बॉलीवुड लाइफ की ओर से 3 स्टार्स दिए गए हैं। कुल मिलाकर फिल्म को देखने के बाद बोरिंग नहीं होगी। उल्लेखनीय है कि इस फिल्म के हीरो नवाजुद्दीन सिद्दीकी बुढ़ाना कस्बे के रहने वाले हैैं।

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