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NGO की आड़ में हो रहा लाल खून का काला धंधा

गिरोह का हुआ पर्दाफाश, 5 आरोपियों गिरफ्तार, NGO सहित 14 नामजदों के खिलाफ मुकदमा दर्ज

खबर वाणी ब्यूरो

गोंडा। जनपद में खून के काले कारोबार का धंधा करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है जिसके तहत एक एनजीओ समेत 14 नामजदों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है और 5 की गिरफ्तारी हुई है घटना नगर कोतवाली क्षेत्र की है जिलाधिकारी ने बताया की यह एक बड़ा नेक्सेस है जिसमे एक ब्लड क्लब भी शामिल है इसमे कुछ गैर सरकारी कर्मचारी भी शामिल है ये गैंग जरूरतमन्दो को मुह मांगी कीमतों पर खून उपलब्ध कराते थे इन सभी के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर विवेचना की जा रही है डीएम और एसपी ने संयुक्त प्रेस वार्ता करके आरोपियों को मीडिया के सामने पेश किया है।

खबर गोंडा से है जहां पुलिस प्रशासन ने लाल खून के काले कारोबार का खुलासा करते हुए एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया है। इस रैकेट द्वारा एक स्वंयसेवी संस्था की आड़ मे खून की कालाबाजारी की जा रही थी।

पुलिस ने इस मामले में 15 लोगों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज करते हुए 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। नामजद आरोपियों में गोंडा जिला अस्पताल के ब्लड बैंक व शहर के एक प्रतिष्ठित हास्पिटल का कर्मचारी भी शामिल है। डीएम मार्कण्डेय शाही व पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पांडेय ने संयुक्त रूप से प्रेस कांफ़्रेंस कर इस पूरे कारोबार का खुलासा किए जाने की जानकारी साझा की है।

जिलाधिकारी मार्कण्डेय शाही ने इस काले कारोबार का खुलासा करते हुए बताया कि कुछ दिन पहले जिला अस्पताल से खून के कारोबार का विडियो वायरल हुआ था जिसमें एक महिला तीमारदार से दो युनिट खून के बदले 7 हजार रुपये की वसूल किए जाने की बात सामने आई थी।

इस मामले में जांच के बाद हास्पिटल के एक संविदा कर्मी का नाम सामने आया था जिसे तत्काल बरखास्त कर दिया गया था और पूरे मामले की जांच सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपी गई थी। सिटी मजिस्ट्रेट की जांच में अब इस पूरे कारोबार का खुलासा हुआ है।

द गोल्डेन ब्लड नाम की एक स्वंयसेवी संस्था की आड़ में यह पूरा रैकेट संचालित किया जा रहा था जिसमें जिला अस्पताल के ब्लड बैंक का कर्मचारी व एक निजी हास्पिटल का कर्मचारी भी शामिल था।

जांच के बाद 15 लोगों के खिलाफ कोतवाली नगर में एफआईआर दर्ज कराई गई है और 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आगे अभी जांच चल रही है। और जो भी नाम सामने आयेंगे उन सबके खिलाफ कडी कार्रवाई की जायेगी।

मार्कण्डेय शाही जिलाधिकारी गोंडा, वहीं पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पांडेय ने प्रेस कांफ़्रेंस में बताया कि कुछ दिन पहले दो लोगों के बीच झगड़ा हुआ था।

जब उन्हें कोतवाली लाया गया तो उनके द्वारा इस बात की जानकारी दी गई कि वह जरूरतमंद लोगों को ब्लड बेचने का काम करते हैं। इस पर पुलिस ने प्रशासन की टीम के साथ मिलकर जब पूरे मामले की छानबीन की तो द गोल्डेन ब्लड नाम की संस्था की नाम सामने आया।

इस संस्था के नाम पर खून की दलाली की जा रही थी। इस मामले में ड्रग इंस्पेक्टर की तरफ से 14 लोगों के खिलाफ नामजद व एक अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया गया है और 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

नामजद आरोपियों में ब्लड बैंक के एक कर्मचारी के साथ ही एक निजी नर्सिंग होम का कर्मचारी भी शामिल है। इस पूरे नेक्सस की जांच की जा रही है और जो भी नाम सामने आयेंगे उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जायेगी।

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