चुनावी माहौल बनाने के लिए अतुल गर्ग की घर घर दस्तक, कोरोना में बनाई थी दूरी
क्या कोरोना की दूसरी लहर के हालात भूल पाएंगे शहर विधानसभा के लोग
खबर वाणी संवाददाता
गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के पहले चरण में मात्रा एक हफ्ता ही बचा है 10 फरवरी को उत्तर प्रदेश के पश्चिमी यूपी में मतदान होना है। गाजियाबाद सदर सीट से विधानसभा चुनाव 2022 में भाजपा ने इस बार भी अतुल गर्ग को चुनावी मैदान में प्रत्याशी बनाकर उतारा है। बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने गाजियाबाद जिले से जनपद की पांचों सीट पर अपना परचम लहराया था।
इस बार भाजपा के गाजियाबाद सदर सीट से प्रत्याशी अतुल गर्ग की चुनावी नाव भंवर में फसती हुई दिखाई दे रही है। कोरोना की दूसरी लहर में शहरी विधायक अतुल गर्ग ने क्षेत्र की जनता से दूरी बनाए रखी थी। खुद होम आइसोलेशन के नाम पर कई दिनों तक अपने घर से बाहर नही निकले थे। महामारी की मार और सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवा जैसी सुविधाएं न मिलने के कारण सदर विधानसभा क्षेत्र की जनता को कई दिनों तक परेशानी का सामने करना पड़ा था।
कोरोना जैसी महामारी बीमारी के दौरान अपनी विधानसभा क्षेत्र की जनता से दूरी बनाने का खामियाजा इस बार अतुल गर्ग को 10 फरवरी को होने वाले मतदान में चुकाना पड़ सकता है। बता दें कि इसके अलावा विधायक अतुल गर्ग के कुछ करीबियों पर गरीब एवं जरूरतमंदों की संपत्ति हड़पने और विरोध करने पर डराने धमकाने तक के आरोप भी लगे थे इसके चलते लाइनपार क्षेत्र को आज तक आवागमन के लिए बेहतर सुविधा नहीं मिल पाई विजयनगर क्षेत्र में धोबी घाट आरओबी का काम अब तक लटका पड़ा है जो कि अभी पूरा नहीं हुआ है।
आपको बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान गाजियाबाद शहर में कई दिनों तक चीख-पुकार व कोहराम मचा रहा था। स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी और निजी अस्पतालों की मनमानी खुलकर सामने आई थी कई मरीजों ने तो समय से इलाज न मिलने पर दम तोड़ दिया था। जबकि निजी अस्पताल इलाज के नाम पर मनमानी वसूली करते रहे। ऐसे समय में जब मंत्री जी की जनता को सबसे ज्यादा जरूरत थी, तब मंत्री जी खुद को होम आइसोलेशन के नाम पर कई दिनों तक अपने घर में छिपे रहे थे, इसके चलते उन्हें काफी आलोचना का भी सामना करना पड़ा था।
बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर में जरूरी दवाओं की भी कालाबाजारी खुलकर सामने आई थी इसके अलावा राज्य मंत्री अतुल करके कुछ करीबियों पर गरीबों की प्रॉपर्टी पर अवैध कब्जा करने जैसे गंभीर आरोप लगे पीड़ित ने आवाज उठाई तो उन्हें मंत्री जी के करीबियों ने खुली धमकी तक दी थी। पुलिस से शिकायत करने पर भी कोई कार्यवाही नहीं हो पाई थी। यह मुद्दा भी चुनाव में अतुल गर्ग के खिलाफ खासा चर्चा में हैं इसी क्रम में पिछले 5 साल के अंदर मंत्री अतुल गर्ग की संपत्ति में भी काफी उछाल आया है।
पांच साल में कैसे दोगुनी हुई मंत्री अतुल गर्ग की संपत्ति
5 साल में मंत्री अतुल गर्ग की संपत्ति एक दम से 9 करोड़ से 18 करोड़ हो गई, 5 साल पहले मंत्री अतुल गर्ग की कुल चल अचल संपत्तियों की कीमत करीब 9 करोड़ थी। वहीं मौजूदा समय में वह अब 18 करोड़ के मालिक बन गए है। बता दें कि उनके द्वारा 2017 में चुनाव के दौरान दिए गए शपथ पत्र में अचल संपत्ति की कीमत 7 करोड़ 27 लाख रुपए दर्शाई गई थी। जबकि कोरोना काल में अच्छे अच्छे अमीरों की हालत खराब हो रही थी, विपक्ष भी संपत्ति के मामले को लेकर भाजपा प्रत्याशी अतुल गर्ग के इस मुद्दे को जोर शोर से उठा रहा है।