मुज़फ्फरनगर में सड़क जागरूकता माह की उड़ाई जा रहीं है धज्जियाँ
नियमो को ताक पर रख कॉमर्शियल वाहनों में बैठाइ जा रही है सवारियां, गत दिनों एसएसपी ने यातायात माह का किया था शुभारम्भ दिलाई थी शपथ

खबर वाणी संवाददाता
मुज़फ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के जनपद मुजफ्फरनगर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेशों की किस तरह धज्जिया उड़ाई जा रही है इसका जीता जगता उदाहरण आप तस्वीरों में देख सकते है, कानपुर में हुई दुर्घटना के बाद जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी जिलों के जिलाधिकारियों/ एसएसपी को आदेशित करते हुए दिशा निर्देश जारी किए थे कि कहीं पर भी ट्रैक्टर ट्रॉली, छोटा हाथी, और कॉमर्शियल वाहनों में लोग किसी तरह भी सवारी न करने पाये, कुछ दिनों तो आदेश को जिला स्तरीय पुलिस, ट्रैफिक पुलिस एंव परिवहन विभाग ने कड़ाई से मानते हुए बकायदा मुख्य मार्गो, राजमार्गो सहित नेशनल हाइवे पर वाहनों की चैकिंग आदि कराई भी लेकिन अब फिर से वहीं ढाक के तीन पात वाली कहावत पर चल पड़े है।
अब आलम यह है कि शहर के बाहरी रास्तों को तो आप छोड़ दीजिए वहां तो लगातार यह सब चल ही रहा है आप अगर शहर के बीच जैसे महावीर चौक, मीनाक्षी चौक, अस्पताल तिराहा, भोपा बस स्टैंड, शामली बस स्टैंड, आदि मुख्य भीड़भाड़ वाली जगह को देखेंगे तो आप खुद ही यह नजारा देख सकते हैं।
कि यहां किस तरह स्थानीय पुलिस, परिवहन विभाग, और ट्रैफिक पुलिस की नाक के नीचे बकायदा कमर्शियल वाहनों में लोगों को भेड़ बकरियों की तरह ठूंस ठूंस कर पहले भरा जाता है उसके बाद अगर कहीं जगह रह भी जाए तो लोगों को कुछ इस तरह एक के ऊपर एक खड़ा करके सफर तय किए जाते अगर कहीं किसी गाड़ी के ब्रेक फेल हो जाए तो पीछे खड़े होने वाले सीधे यमलोक ही पहुंच जाएंगे।
आज हम यह तस्वीर आपको इसलिए दिखा रहे हैं ताकि किसी के भी मन में कोई शंका न रह जाए कि आखिर ग्रामीण इलाकों से आने वाले लोग जो शहर में रोजी-रोटी ,व्यापार, नौकरी पेशा, पढ़ाई लिखाई आदि करने आते हैं वह सब कम किराया देने के चक्कर में किस तरह अपनी जान को जोखिम में डाल रहे हैं।
इस सब पर अकेले संबंधित विभाग सहित पुलिस व अन्य विभाग जिम्मेदार नहीं है इन सबके लिए वह व्यक्ति भी खुद जिम्मेदार हैं जो इस तरह ऐसे वाहनों में जान जोखिम में डालकर अपने सफर को तय कर रहे हैं। अब बड़ा सवाल कि आखिर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेशों को जनपद पुलिस कब मानेगी या यूं कहें कि क्या जिले के पुलिस परिवहन विभाग को किसी बड़े सड़क हादसे का फिर से इंतजार है।