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सरकार को 136 करोड़ के राजस्व का नुकसान, डीएम ने बैठाई जांच

खबर वाणी भगत सिंह

मुज़फ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद में एक ऐसा सनसनी खेज मामला सामने आया है जिसमें लीज पर दी गई सरकारी जमीन पर शहर की मशहूर एसडी मार्केट बना दी गई और 40 साल में लगभग एक अरब 36 करोड़ रुपये के सरकार को राजस्व की हानि अब तक पहुंचाई गई है, इस मामले में जाँच के बाद अब जिला प्रशासन द्वारा इस मार्किट के प्रबंधक आकाश कुमार को एक नोटिस भी बाकायदा दिया गया है। जिसमें जवाब देने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है और अगर इस बीच नोटिस का प्रबंधक द्वारा कोई जवाब नहीं दिया जाता है तो यह प्रॉपर्टी नगर पालिका में स्वतः ही निहित हो जाएगी।

दरअसल आपको बता दें कि मु0 नगर की मशहूर एसडी मार्केट और झांसी की रानी मार्केट की करीबन 5000 करोड़ की संपत्ति जिसमे तक़रीबन 2500 दुकाने बनी हुई वह प्रशासन की जांच में सरकारी पाई गई है। आपको बता दें कि इस मामले की जांच जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह द्वारा नगरपालिका के ईओ, तहसीलदार सदर और डीआईओएस के द्वारा कराई गई है। जिनकी जांच में यह पाया गया है।

जानकारी के मुताबिक जिला अधिकारी को शिकायत मिली थी कि एसडी कॉलेज की जमीन पर एसडी मार्केट बनाई गई है जिसके चलते पिछले 40 सालों से यहां के प्रबंधक द्वारा इस मार्केट को व्यवसायिक रूप से इस्तेमाल कर सरकार को 136 करोड़ रुपए के राजस्व की चपत लगाई गई है। जिसके चलते अब जिला प्रशासन द्वारा यहां के प्रबंधक को नोटिस देकर जवाब देने के लिए 1 सप्ताह का समय दिया गया है।

मुजफ्फरनगर जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह की माने तो लगभग 5310 वर्ग मीटर कि इस सरकारी जमीन को 1952 में शैक्षिक गतिविधियों के लिए 30 साल के पट्टे पर दिया गया था। जिसका समय 1982 में खत्म हो गया था लेकिन उसके बाद में यहां के प्रबंधक ने यह जमीन वापस नहीं की बल्कि पिछले 40 सालों से इस जमीन पर मार्केट बनाकर व्यवसाय गतिविधि संचालित की जा रही है।

इस मामले में जहां इस मार्केट का प्रबंधक आकाश कुमार मीडिया के सामने आने से कतरा रहा है तो वही यहां के दुकानदारों का स्पष्ट रूप से कहना है कि वह पिछले 40 सालों से यहां पर व्यापार कर रहे हैं प्रशासन और एसोसिएशन में क्या चल रहा है उसके बारे में इन लोगों को मीडिया से ही जानकारी हुई है इन व्यापारियों का कहना है कि हम लोग पूरी तरह से मार्केट के एसोसिएशन के साथ हैं जो भी एसोसिएशन फैसला लेगी वह उसका अनुसरण करेंगे।

जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह ने इस बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि मामला यह है कि एक जमीन है 5310 वर्ग मीटर जमीन है यह जमीन अभिलेखों में हमारे lejuland है नगर पालिका द्वारा इस का पट्टा 30 वर्ष का है।

जो एसडी स्कूल है उसके प्रबंधक को किया गया है इस जमीन को एक रुपए के लीज पर दिया जाता है। इसका उद्देश्य है शैक्षिनक गतिविधियां संचालित हो। परंतु संस्था द्वारा इसका शुरू से ही व्यवसायिक रूप से इस्तेमाल किया गया है। और इस्तेमाल करके पट्टो के शर्तों का उल्लंघन किया गया है, पट्टोकी गतिविधियों के तहत 1952 में यह दिया गया था 30 वर्षों के लिए दिया गया था।

1982 में है या खत्म हो गया था। और उसके बाद लगातार 40 वर्षों से यह लोग अवैध रूप से कब्ज आए हुए हैं व्यावसायिक गतिविधियां संचालित चल रही है।इतने समय में जो क्षति का मूल्यांकन हम लोगों ने किया है एक अरब 360000000 की धनराशि लगभग तो इनके ऊपर हमारा व्यवसायिक रूप से हमारा इनपर बनता है।

जो इन्होंने क्षति करी है सरकार की इसलिए इनको नोटिस दिया गया है। नंबर 1 इन्होंने पट्टो की शर्तों का उल्लंघन किया इसको व्यवसायिक इस्तेमाल किया।दूसरा इन्होंने जो जमीन थी इनका पट्टा समाप्त हो गया था इन लोगों ने नगरपालिका को यह जमीन वापस नहीं की। पट्टे की समय अवधि समाप्त होने पर चाहे तो रिन्यूअल होगा या फिर वापस होता है।

इन लोगों ने कोई भी काम नहीं किया और पूरी तरह शर्तो का उल्लंघन किया है। 136 करोड रुपए की क्षति शासन को की है पूर्ण रूप से अभिलेखों में जमीन सरकार की है।फिलहाल इनको एक नैतिक रूप से नोटिस दिया गया है कि जो भी उन्होंने अनैतिक निर्माण किया है उसको हटा ले वहां से जो भी इनके द्वारा जो भी क्षति की गई है उसको नियम अनुसार नगरपालिका में जमा कराएं।

नगरपालिका के स्वामित्व के द्वारा यहां पर आगे की कार्रवाई की जाएगी जो भी इसमें दुकानदार है काफी दुकानदार इसमें है उनका क्या है वह अलग है कि वह रिन्यूअल कराना चाहते हैं या किरायानामा कराना चाहते हैं यह बाद का विषय है फिलहाल जो संस्था को जमीन दी गई थी। संस्था ने जो गलत काम किया है तो हमने संस्था को नोटिस दिया है।

नोटिस का जवाब आएगा या नहीं आएगा उसकी पूरी तरह रिकवरी होगी। समाचार पत्रों के माध्यम से भी नोटिस दिया गया है जो भी आदमी है इसका प्रबंधक कोई आकाश करके है उसको जो हमारे जांच अधिकारी है तीन सदस्यों की हमने टीम बनाई है जिन्होंने जांच किया है उन्होंने भी उसको तलब किया है वहां भी यह अपने पक्ष में कोई अभिलेख नहीं दिखा पाए हैं।

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