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हुस्ने अख़्लाक़, मामलात और मुआशरत पर मेहनत की ज़रूरत

मदरसा जामे उल उलूम जामा मस्जिद व जामिया आयशा पटकापुर में दुआइया तक़रीब व खत्मे बुखा़री शरीफ का आयोजन

खबर वाणी संवाददाता 

कानपुर। पटकापुर स्थित ऐतिहासिक दीनी मदरसा जामे उल उलूम जामा मस्जिद और जामिया आयशा पटकापुर में आज मोहतमिम मोहिउद्दीन खुसरू ताज की सरपरस्ती में आयोजित दुआइया तक़रीब व खत्मे बुखा़री शरीफ में आलिम बनने वाले 15 उलेमा, 5 मुफ्तियों और 15 आलिमा के सरों पर दस्तार बांध कर अलंकरित किया गया, जिसमें 70 वर्ष की उम्र में मुफ्ती बनने वाले फतेहपुर के मक़सूद हुसैन खां विशिष्ट रूप से आकर्षण का केन्द्र रहे।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में तशरीफ लाये बुजुर्ग आलिमे दीन मौलाना मुहम्मद हुसैन ने फारिग़ होने वाले उलेमा व आलिमा बच्चों को नसीहत करते हुए कहा कि जब तक हुस्ने अख़्लाक़, मामलात और मुआशरत पर मेहनत नहीं होगी, सच्चाई का रास्ता नज़र नहीं आयेगा। जीवन में जहां भी रहें खादिम बन कर काम करें, दुनिया की माल व दौलत से प्रभावित होकर अपने ईमान का सौदा ना होने दें और नबी स0अ0व0 की सुन्नत पर अमल करने वाले बनें।

मदरसे के शेखुल हदीस मौलाना मुहम्मद सईद क़ासमी ने उलेमा से कहा कि अल्लाह ने आपको नबी स0अ0व0 का वारिस बनाया है, नबी की तालीमात और सुन्नतों के अनुसार जीवन व्यतीत करना आपका दायित्व है। हमेशा अपने शिक्षकों के सम्पर्क में रहते हुए उनके मार्गदर्शन में ही दीन का काम करें। मोहतमिम मोहिउद्दीन खुसरू ताज ने समस्त आलिम व मुफ्ती बनने वाले बच्चों और आलिमा बनने वाली बच्चियों को दुआओं से नवाज़ते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की। संचालन मुफ्ती अमीरूल्लाह क़ासमी नें किया। शुभारंभ कुरआन की तिलावत से किया गया।

इस अवसर पर इस अवसर पर मुख्य रूप से राब्ता मदारिस दारूल उलूम देवबन्द जो़न-1 के अध्यक्ष मुफ्ती इक़बाल अहमद क़ासमी, क़ाज़ी ए शहर हाफिज़ मामूर अहमद जामई, रूफी वकीअ, मौलाना मुहम्मद अरशद क़ासमी, मदरसे के समस्त शिक्षक, शिक्षिकाएं, छात्र-छात्राओं के साथ शहर के अन्य सम्भ्रांतजन मौजूद रहे।

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