पीड़िता ने लगाई पुलिस आयुक्त से इंसाफ की गुहार
खबर वाणी संवाददाता
कानपुर। पीड़िता ने लगाई पुलिस आयुक्त से इंसाफ की गुहार बताया कि अमरीन फातिना पत्नी मो० यासीन उर्फ मीनू नि० बंगला मीरपुर है। मेरे पति मो० यामीन उर्फ मीनू पुत्र हाजी शरीफ नि०- चमनगंज 99/185 है। मेरे पति यामीन से मेरा विवाह 2013 में हुआ विवाह के उपरान्त हमारा एक पुत्र मो० मतीन पुत्र मो० यामीन उम्र 8 वर्ष जो कि जन्म के छह महिने के पश्चात बाद वह बीमार हो गया समय से इलाज न हो पाने के कारण वह मानसिक, शारिरिक संतुलन खो बैठा।
विवाह के उपरान्त हमारे बीच मार-पीट घरेलू झगड़ा हुआ जिसमें मेरे पारिवारिक लोग के बीच का विवाद खत्म हुआ परन्तु हाजी मोईन पुत्र हाजी शरीफ नि०- चमनगंज है। जो कि मेरे पति यामीन के बड़े भाई है। हाजी मोईन के बीच में दखल- अदांजी से हमारे बीच पति-पत्नी में विवाद हुआ जिसमें 12/05/2022 को मेरे पति ने हमे मारा पीटा जिसमे मेरी हालत गम्भीर हुई उसके बाद हम अपने मायके चले गये।
01/07/2023 को हम अपना विवाद शरई अदालत रजबी रोड शहर काजी मुफ्ती साकिब अदीब मिस्बाही के पास लेकर गये जिसमे मुफ्ती साकिब अदीब ने मुझसे कहा मैं आपका छुटकारा करवा देता हूँ साकिब अदीब मुफ्ती ने फाइल के बाद मुझसे खाली कागज पर साइन करवाया और कहा मेरा तलाक हो गया। मेरे पति यामीन का मानसिक संतुलन ठीक न बताया और तलाक के बाद जब मैने बोला कागज दे और मेरे दहेज का समान मुझे वापस दो।
तब हाजी मोईन सपा विधायक हाजी इरफान सोलंकी का गुर्गे है उसने हमे धमकी दी की समान मांगा तो चेहरे पर तेजाब डाल देंगे। सीसामऊ पुलिस मेरे इशारे पर है। मेरा सम्बन्धित थाने में सेटिंग है।
मैंने फिर मुफ्ती साकिब से बताया तो वो बोले जो कर पाओ करलो सामान, सोना, चौंदी कुछ नही मिलेगा पिछले 8 महीने से मैं शहर काजी साकिब अदीब के दफ्तर के चक्कर काट रही हूँ। लेकिन मुझे मेरा सोना, जेवर, व दहेज का सामान नही मिला ना बेटे के इलाज का पैसा मेरे, इस पर काजी शहर साकिब ने कहा कि पीड़ित जो आरोप लगा रही है वह सरासर झूठ है।