उत्तरप्रदेश

ग्राम पंचायतों में गोष्ठियों का आयोजन कर वन्यजीव संरक्षण के सम्बन्ध में ग्रामीणों को किया जाये जागरूक :-जिलाधिकारी

खबर वाणी सदर सैफी

पीलीभीत। बाघ संरक्षण माह वर्ष 2019-20 को मुख्य अतिथि जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव व विशिष्ट अतिथि एच. राजामोहन आईएफएस की उपस्थिति में जिला स्तरीय गोष्ठी का आयोजन गांधी प्रेक्षागृह में किया गया। आयोजित गोष्ठी में डीएफओ टाइगर रिजर्व द्वारा दूर-दाराज क्षेत्रों से आये आम जनमानस को सम्बोधित करते हुये कहा कि जनपद की तहसील अमरिया क्षेत्र में दो नदी है जिसमें वन्य जीव के रहने के लिए अनुकूल स्थल है और यहां पर धीरे धीरे उस क्षेत्र में बाघों की संख्या में काफी बढ़ोत्तरी देखी गई है। वर्ष 2012 में से अवगत यहां 11-12 बाघों की संख्या हो गई ह। वन विभाग द्वारा टाइगरों की निगरानी रखने के लिए कैमरे लगाये गये जिससे कि टाइगर की नियमित निगरानी की जा रही है।
जिलाधिकारी द्वारा आयोजित गोष्ठी सभी को सम्बोधित करते हुये कहा कि जनपद में लगभग वर्तमान में 65 से अधिक टाइगर है। बाघों के संरक्षण एवं सुरक्षा की दृष्टि से वन विभाग के अधिकारी एवं जिला कृषि अधिकारी को निर्देशित करते हुये कहा कि वन क्षेत्र से लगे समस्त पंचायतों में गोष्ठियों का आयोजन कर ग्रामीणों व कृषकों को वन्यजीव संघर्ष के प्रति जागरूक किया जाये और वन्य जीवों से बचाव हेतु सावधानियों के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की जाये। उन्होंने कहा कि वन से लगे खेतों में कृषक बन्धु औषधि घासों का उत्पादन करें जिससे वन के वन्यजीव बाहर न आने पाये। जिलाधिकारी द्वारा गोष्ठी में जिला गन्ना अधिकारी को निर्देशित किया गया कि जंगल से लगे गन्ना खेतों की गन्ना की पर्चियों को प्राथमिकता के आधार जारी की जाये और किसान भाई वन क्षेत्र के गन्ना काटन से पहले वन विभाग के अधिकारियों को अवश्य अवगत करा दें।
आयोजित गोष्ठी में आम जनमानस को वन्यजीव संघर्ष से वचाव हेतु जानकारी प्रदान की गई कि वन सीमा से लगे खेतों में कार्य हेतु समूहों में जाये व शोर करते रहे और खेत के चारों ओर देखकर सुनिश्चित कर लंे कि कोई बाघ पद चिन्ह तो नही हैं। वन क्षेत्र के निकट गन्ने के खेत में कटाई से पूर्व सावधानी से हाॅका अवश्य लगायें, गन्ना कटाई करते समय एक व्यक्ति निरन्तर आस पास के क्षेत्र में निगाह वानी भी करता रहे। खेतों में किसी वन्यजीव के दिखायी देने या पदचिन्ह दिखने पर नजदीकी वन चैकी/स्टाफ/रेंज को तत्काल सूचना दें। बाघ/तेंदुआ/भालू या किसी भी वन्यजीव के निकटवर्ती खेतों या गाॅव में साक्षात देखे जाने या खेत में उपस्थिति की समभावना होने पर उसे चारों ओर से घेरने का प्रयास कदापि न करें, बल्कि वनक्षेत्र की ओर का पक्ष पूरी तरह से खुला रखें, ताकि वह स्वयं ही वापस हो जाये। वन क्षेत्र या सटे हुए खेत में मरे हुये शिकार के करीब कदापि न जायें तथा स्थानीय वन विभाग चैकी या स्टाफ को सूचना दें। बाघ या कोई भी वन्यजीव स्वभाव से हिंसक नहीं होते हैं, बल्कि स्वयं के घिर जाने, मां बच्चे के साथ होने, अचानक बहुत करीब जाने-अनजाने पंहुच जाने, स्वयं को असुरक्षित महसूस कर ये हिंसक भी हो सकते हैं। सूर्यास्त के बाद/अंधेरे में खेतों में/जंगल के किनारे कदापि न जाए।
गोष्ठी के अन्त में प्रभागीय वनाधिकारी पीटीआर द्वारा जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव व पुलिस अधीक्षक अभिषेक दीक्षित को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
गोष्ठी में पुलिस पुलिस अधीक्षक अभिषेक दीक्षित, मुख्य विकास अधिकारी रमेश चन्द्र पाण्डेय, डीएफओ सामाजिक वनिकी संजीव कुमार, डीएफओ टाइगर रिजर्व नवीन खण्डेलवाल, परियोजना निदेशक अनिल कुमार, जिला अर्थ एवं सांख्यकीधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक संत प्रकाश, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी देवेन्द्र स्वरूप सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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