Breaking Newsउत्तरप्रदेश

बदमाशों में ADG प्रशांत कुमार का खौंफ, क्राइम ग्राफ में भारी गिरावट

समीर मलिक

मेरठ मंडल। उत्तर प्रदेश का मेरठ मंडल कभी अपराधियों के खौफ से दहला हुआ था। उस वक्त अपराधियों ने आमजन का सुख चैन छिन लिया था। दहशत और अराजकता के माहौल में लोगों ने घर से बाहर निकलना तक बंद कर दिया था और फिर ऐसे में मेरठ जोन में आया एक ऐसा वर्दीवाला जिसकी बहादुरी , चतुराई और जाबांजी के आगे मेरठ जोन के बड़े-बड़े कुख्यात अपराधियों ने घुटने टेक दिए थे। हम बात कर रहे हैं मेरठ जोन एडीजी प्रशांत कुमार की।

सख्त तेवर वाले एडीजी प्रशांत कुमार ने चार्ज संभालते ही जैसे अपने जोन की नब्ज भांप ली थी, वे समझ चुके थे कि कैसे जोन को अपराधियों से मुक्त कराया जा सकता हैं। और उसके बाद मेरठ ज़ोन में एडीजी की अगुवाई में शुरू हुआ बदमाशों ‘जोन छोड़ो मिशन’। इस मिशन के दौरान एक के बाद एक ताबड़तोड़ एनकाउंटरों से शहर दहल गया, रात हो या दिन एडीजी के निर्देशानुसार सक्रिय पुलिसवाले, बदमाशों से लोहा लेते नजर आते। देखते ही देखते ताबड़तोड़ एनकाउंटर होते गए और बदमाश खौफजदा होते गए और फिर कई इनामी बदमाश या तो सलाखो के पीछे नजर आए या फिर पुलिस की गोली खाकर परलोक सिधार गए।
जो सलाखो के पीछे बंद थे वो रिहाई होने के बाद भी निकलने को तैयार नही दिखे।

बदमाशों की हालत पतली कर देने वाले एडीजी प्रशांत कुमार के लिए ये कहना गलत नहीं होगा कि वे बदमाशो का काल बनकर आए हैं।

● तेजतर्रार अधिकारियों में माने जाते हैं प्रशांत कुमार

कानून-व्यवस्था को लेकर उन्हें किसी तरह की कोई लापरवाही पसंद नहीं है। ईमानदार और सख्त तेवर की छवि से पहचाने जाने वाले प्रशांत कुमार ने अपने जोन से बदमाशों का सफाया करवा दिया। प्रशांत कुमार के चार्ज लेने के बाद से अब तक की घटनाओं की बात करें तो छुटपुट घटनाओं के अलावा सभी घटनाओं का समय से खुलासा हुआ और बदमाशों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया गया। दर्जनों से ज्यादा मुठभेड़ों का श्रेय सिर्फ एडीजी को जाता है। आपको बता दें कि एक समय पहले मेरठ को अपराधियों का गढ़ माना जाता था‌। एक से बढ़कर एक अपराधी मेरठ जोन में वास करते थे लेकिन एडीजी के चार्ज संभालते ही सभी कुख्यात बदमाश जिला बदर या फिर भूमिगत हो गए।

प्रशांत कुमार ने कड़े लहजे में अपराधियों को खुली चेतावनी दी है कि अपराधी आपराधिक घटना करने से बाज आये नहीं तो अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहे। प्रशांत कुमार के तेवर देख उनके मातहतों का भी मनोबलब बढ़ा। आज उसका नतीजा यह है कि मेरठ जोन ही नहीं बल्कि आसपास से सटे जिलों में भी अपराध का ग्राफ बेहद गिरा है।

अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए मेरठ जोन की पुलिस लगातार एनकाउंटर कर अपराध और अपराधियों का खात्मा कर रही है।

● ADG की कार्यवाही देख जिलों के कप्तानो का बढ़ा मनोबल

एडीजी प्रशांत कुमार का बदमाशों “जोन छोड़ो अभियान” लगातार सालों साल जारी रहता है। जिसको लेकर एडीजी प्रशांत ना सिर्फ अपराधियों कि लगाम टाईट रखते है बल्कि लापरवाही और गलती करने वाले पुलिस कप्तानों और अधिकारियों को भी माफ नहीं करते हैं। अपराधियों पर लगाम लगाने की बात करें तो एडीजी प्रशांत के मेरठ जोन में ना तो अपराध कि जगह है ना ही अपराधियों की। गाजियाबाद , गौतम बुद्ध नगर, मेरठ और शामली जैसे जिलों में एडीजी प्रशांत कुमार का नाम सुनते ही अपराधी थर-थर कांपने लगते हैं।

मेरठ जोन में एडीजी की अगुवाई में जिलों के कप्तानों ने बड़े-बड़े ईनामी बदमाशों को ना सिर्फ ढेर किया है बल्कि जेल की सलाखों में भी पहुंचाया है।

गौतमबुद्ध नगर , गाजियाबाद , मेरठ और शामली में लाखों के इनामी बदमाश पकड़े गए। वहीं ऑपरेशन क्लीन में मुठभेड़ के दौरान एक, दो घायल बदमाश दम भी तोड़ चुके है ।

Related Articles

Back to top button